उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षकों की चल रही भर्ती में त्रुटि संशोधन (Correction Candidates) के लिए परेशान चल रहे अभ्यर्थियों को आखिरकार राहत मिल गई है। उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) और बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department) ने शिक्षकों को आखिरकार 69000 शिक्षक भर्ती में गलतियों को सुधारने का मौका दिया है। इस तरह से हजारों की संख्या में अभ्यर्थियों राहत मिल गई है। अब ऐसे अभ्यर्थी अपनी त्रुटियों को सुधार (Correction Candidates) सकेंगे, जिनके आवेदन और प्रमाणपत्रों में थोड़ी बहुत विसंगति थी।
अब उन्हें जिला चयन समिति के सामने अपने प्रमाणपत्रों को दिखाना होगा ताकि समय रहते इसमें संशोधन (Correction Candidates) किया जा सकें। इस संबंध में बेसिक शिक्ष विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने भी भर्ती (69000 Assistant Teachers) को लेकर आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने आदेश जारी करते हुए कहा है कि इन अभ्यर्थियों (Correction Candidates) को 9 से 11 दिसम्बर तक काउंसिलिंग की प्रक्रिया सम्पन्न होगी। इन शिक्षकों को 12 दिसंबर को नियुक्ति पत्र दिया जाएगा। विभाग (Basic Education Department) की तरफ से यह भी कहा गया है कि इस काउंसिलिंग में वहीं अभ्यर्थी (Correction Candidates) शामिल होंगे, जिन्होंने पिछली दो काउंसिलिंग में प्रतिभाग नहीं किया है।
बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव के मुताबिक, काउंसिलिंग की प्रक्रिया में जाति, निवास, हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक, प्रशिक्षण या टीईटी (TET) के अंकपत्र या प्रमाणपत्र में अंकित अभ्यर्थी (Correction Candidates) के नाम या क्रमांक या फिर माता-पिता के नाम में यदि कोई वर्तनी मूल अभिलेखों से भिन्न होगी तो उन्हें नियुक्ति पत्र (Correction Candidates) दिया जाएगा। सचिव की तरफ से जारी किए गए आदेश के मुताबिक उन्हें अपने शैक्षिक अभिलेखों में 6 महीने के अंदर संशोधन करवा कर बीएसए कार्यालय (BSA Office) में ही जमा करवाना होगा। इस आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि माता की जगह पिता या पिता की जगह पर माता का नाम है तब भी चयन किया जाएगा।
इसके अलावा यदि मूल अंकपत्र के सापेक्ष कम प्राप्तांक भरा गया है तो इसका भी संशोधन (Correction Candidates) का मौका दिया जाएगा। अंकपत्रों में संशोधन के अभ्यर्थियों (Correction Candidates) को इस आशय का शपथ पत्र देना होगा कि वह कम अंकों पर चयन से सहमत है और भविष्य में अधिक प्राप्तांक के आधार पर मेरिट परिवर्तन की मांग नहीं करेगा। अगर किसी अभ्यर्थी (Correction Candidates) ने पूर्णांक अधिक भरा गया है तो ऐसे में भी उसका चयन किया जाएगा।
ये लिए गए निर्णय
अगर आईसीएसई (ICSE) और सीबीएसई (CBSE) के अभ्यर्थियों का बेस्ट 5 विषयों के अंकों के आधार पर औसत निर्धारित किया जाएगा।
जाति और निवास के प्रमाणपत्र 28 मई, 2020 तक बने ही मान्य
संदिग्ध दिव्यांग अभ्यर्थियों की जांच अनिवार्य रूप से एक महीने के अंदर जिला चिकित्सा बोर्ड करेगा, इसके बाद ही नियुक्ति पत्र होगा जारी
अगर नाम और पता गलत लिखा हुआ तो ऐसे में उसे परिवर्तन का भी मौका मिलेगा।
किसी भी अभ्यर्थी को प्रोविजिनल प्रमाणपत्र देने पर नियुक्ति पत्र देना होगा। उन्हें तीन महीने के अंदर मूल प्रमाणपत्र जमा करना होगा।
अगर किसी अभ्यर्थी (Correction Candidates) का अंकपत्र या फिर प्रमाणपत्र गायब हो गया है, तो ऐसे अभ्यर्थी को पर्याप्त साक्ष्य देने होंगे। ऐसे अभ्यर्थी को अंकपत्र या फिर प्रमाणपत्रों को तीन महीने के अंदर में जमा करना होगा। ऐसे अभ्यर्थियों (Correction Candidates) को अंकपत्र या प्रमाणपत्र देने के बाद ही नियुक्ति पत्र जारी किए जाएंगे।
अगर किसी अभ्यर्थी (Correction Candidates) के संस्थागत या व्यक्तिगत श्रेणी में गलती होगी तो उन्हें नियुक्ति पत्र मिलेगा
अगर किसी अभ्यर्थी (Correction Candidates) की जन्मतिथि में भिन्नता होगी, तो उन्हें मूल अभिलेखों की जन्मतिथि के आधार पर फैसला लिया जाएगा।
इनका हो चयन हो जाएगा निरस्त
अगर किसी भी अभ्यर्थी (Correction Candidates) ने आवेदन पत्र में वास्तविक अंक से अधिक प्राप्तांक भरे हैं।
आवेदन पत्र में यदि प्रमाणपत्रों से भिन्न नाम पाया जाएगा।
अगर किसी का पूर्णांक वास्तविक से कम भरा गया है तो उसकी भी मेरिट प्रभावित हो जाएगी।
शिक्षा विभाग में अगर कोई शिक्षक सहायक अध्यापक (69000 Assistant Teachers) के पद पर कार्यरत हो।
मूल प्रमाणपत्र को वापस लेने वाले अभ्यर्थियों का चयन होगा निरस्त।
पुरुष किसी भी जगह पर महिला या महिला की जगह पुरुष अंकित कर दिया हो।
वर्ग-श्रेणी जैसे अनारक्षित, एससी (SC), एसटी (ST) या ओबीसी (OBC) भरने में अगर गलती हुई है।
सीटेट (CTET) के अंकों में अगर कोई भिन्नता पाई गई होगी।
अगर किसी भी महिला अभ्यर्थी ने किसी दूसरी जाति से विवाह किया है तो विवाह करने से उसकी जाति नहीं बदलती है। बल्कि जिस जाति में उसने जन्म लिया तो वही जाति उसकी मानी जाएगी। ऐसे में अगर जिन महिलाओं ने अपने पति के जाति प्रमाणपत्र के आधार पर आरक्षण का लाभ लिया है तो उनका चयन निरस्त कर दिया जाएगा।
शिक्षामित्रों के विषय में
शिक्षामित्रों (Sikhsha Mitra) को भी सरकार की तरफ से संशोधन का मौका दिया गया है।
अगर किसी भी अभ्यर्थी ने सेवा में रहते हुए संस्थागत स्नातक किया है तो ऐसे में केस टू केस ही निर्णय होगा।
10 वर्ष से कम अनुभव होने के संबंधी प्रकरण में महानिदेशक शासन को प्रस्ताव देंगे।
अगर किसी ने सेवारत रहते हुए प्राइवेट से स्नातक किया है उसे भी काउंसिलिंग का मौका मिलेगा।
अगर किसी ने श्रेणी तरीके से अंकित किए बिना चयनित हुए 59 शिक्षामित्रों (Sikhsha Mitra)को नियुक्ति पत्र मिलेगा।
काउंसिलिंग का आवेदन करते समय जिन 138 शिक्षामित्रों ने श्रेणी अंकित नहीं किया है, उनके बारे में महानिदेशक की तरफ से शासन को प्रस्ताव देना होगा।