69 हजार शिक्षक भर्ती: MRC के खिलाफ भाजपा सांसद और विधायक, कहा मर जाएगा हक

उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती (69000 Assistant Teachers) इस बार सरकार ने एमआरसी सिस्टम (MRC System) के आधार पर की गई है। निदेशालय ओवरलैपिंग को हटा नहीं सकता है, इसीलिए इस बार एमआरसी (MRC System) को अपनाया गया है। एमआरसी (MRC System) की वजह से इस बार ओबीसी और एससी वर्ग का हक मरा गया है। एमआरसी सिस्टम (MRC System) लागू होने की वजह से ही इस बार मेरिट लिस्ट में जनरल और ओबीसी (OBC) वर्ग की मेरिट में कुछ ज्यादा अंतर नहीं रह गया है। इन दोनों वर्गों के बीच में मेरिट का अंतर दशमलव में रहा है। इस बार महज .40 के अंतर पर मेरिट गई है। ऐसा कहा जा रहा है कि एमआरसी (MRC System) लागू होने की वजह से प्रदेश के करीब 15 हजार ओबीसी और एससी वर्ग के अभ्यर्थी भर्ती से वंचित रह गए हैं।
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इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के नुकसान होने पर अब एमआरसी (MRC System) के खिलाफ आवाज बुलंद होने लगी है। प्रदेश की सत्ता में काबिज भाजपा (BJP) के ही सांसद और विधायक इसके खिलाफ आवाज उठाने लगे हैं। एमआरसी सिस्टम (MRC System) को हटाए जाने की मांग को लेकर एटा सांसद राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया (Rajveer Singh) ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर एमआरसी सिस्टम (MRC System) को हटाए जाने की मांग की है। वहीं, सीतापुर सदर से विधायक राकेश राठौर (Rakesh Rathaur) ने भी एमआरसी सिस्टम (MRC System) के खिलाफ आवाज उठाते हुए सरकार ने नियमों का हवाला देते हुए इसे हटाने की मांग की है। विधायक ने मुख्यमंत्री से कहा कि इससे ओबीसी (OBC) और एससी (SC) वर्ग के करीब 15 हजार अभ्यर्थी इस भर्ती में चयनित होने से वंचित रह जाएंगे। एक तरह से उनके आरक्षण का हक मारा जा रहा है।
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सीतापुर सदर विधायक ने कही यह बात
सीतापुर (Sitapur) सदर से विधायक राकेश राठौर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि 69 हजार शिक्षकों की भर्ती (69000 Assistant Teachers) में आरक्षित वर्ग के हजारों अभ्यर्थियों का हक मारा जा रहा है। उन्होंने लिखा कि चयन प्रक्रिया में आरक्षित अभ्यर्थियों का गुणांक अनारक्षित अभ्यर्थियों से कहीं अधिक है, लेकिन इसके बाद भी उनका चयन आरक्षित वर्ग में ही किया गया है। उनका चयन अनारक्षित वर्ग में नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि इस तरह से किया गया चयन पूरी तरह से गलत है और असंवैधानिक है। ओबीसी वर्ग के लगभग 15 हजार अभ्यर्थियों का इस सिस्टम को अपनाकर हक मारा जा रहा है। उन्होंने कहा कि एमआरसी प्रक्रिया (MRC System) को अपना हजारों अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने से रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह भर्ती (69000 Assistant Teachers) प्रक्रिया 1981 की बेसिक शिक्षा विभाग की नियमावली के नियम 5(क) के आधार पर आरक्षण के नियमों का पालन करती है।
अधिकारियों ने आरक्षण के नियमों का पालन न कराकर हजारों आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकार में डाल दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से 4 दिसम्बर 2019 में उल्लेखित ओवर लैपिंग एवं अधिनियम की धारा 3 (6) में उल्लिखित एमआरसी प्रकरण (MRC System) में बेसिक शिक्षा परिषद को प्रभावी रूप से निर्देशित करने की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा है कि जिस तरह से भर्ती (69000 Assistant Teachers) की गई है, अगर इसमें पारदर्शिता लाई जाएगी तभी भविष्य में सरकार के प्रति ओबीसी (OBC) , एससी (SC) और एसटी (ST) समाज का भरोसा कायम रहेगा।
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सांसद एटा ने भी सीएम को लिखा पत्र
एटा संसदीय क्षेत्र से सांसद राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया (Rajveer Singh) ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर एमआरसी (MRC System) का विरोध किया है। उन्होंने पत्र लिखकर कहा कि 69 हजार शिक्षकों की भर्ती (69000 Assistant Teachers) में एमआरसी प्रक्रिया (MRC System) की वजह से हजारों आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों का कहना है कि अनारक्षित अभ्यर्थियों से अधिक गुणांक होने के बाद भी उस वर्ग में चयन न करके आरक्षित वर्ग में ही चयन कर दिया गया है जोकि पूरी तरह से असवैंधानिक है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से एमआरसी प्रक्रिया (MRC System) को हटाकर संवैधानिक रूप से ओवरलैपिंग व्यवस्था को लागू करने की मांग की है। बता दें, इस परीक्षा में ओबीसी वर्ग के 84868, एससी वर्ग के 24308 अभ्यर्थी सफल हुए है। जबकि आरक्षित वर्ग से इस बार 36614 अभ्यर्थी पास हुए हैं। इस बार इस भर्ती में एमआरसी प्रक्रिया (MRC System) को अपनाया गया है।

इस तरह से हुआ आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का नुकसान
इस भर्ती में आरक्षित वर्ग के हजारों अभ्यर्थियों का नुकसान एमआरसी सिस्टम (MRC System) के लागू होने की वजह से हुआ है। एमआरसी सिस्टम (MRC System) लागू होने की वजह से एक तरफ जहां आरक्षित वर्ग के लोगों को मनचाहा जिला मिल गया है, तो वहीं हजारों अभ्यर्थी वंचित भी रह गए हैं।
एमआरसी (MRC) की वजह से ही इस शिक्षक भर्ती में जिलों के आबंटन में करीब 31 हजार रैंक तक ही सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन होना था, लेकिन करीब 50 हजार रैंक तक पर भी चयन हो गया है। इसकी वजह से आरक्षित वर्ग के हजारों अभ्यर्थी चयन से वंचित रह गए हैं। अब इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में वंचित रहने वाले अभ्यर्थी कोर्ट की शरण में जाने की तैयारी कर रही है।
अभ्यर्थियों की तरफ से कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी आरक्षण के नियमों का पूरा पालन करने के लिए कहा गया है, लेकिन इसके बाद भी इस भर्ती में ऐसा कुछ नहीं किया जा रहा है। यही नहीं, बेसिक शिक्षा विभाग की नियमावली के हिसाब से भी काम नहीं किया गया है, इसकी वजह से हजारों अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकार में चला गया है।
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