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उत्तर प्रदेश विशेष

69000 teachers recruitment candidates serious mrc and reservation issue

69000 शिक्षक भर्ती: एमआरसी और आरक्षण के मुद्दे पर अभ्यर्थी गंभीर, धरना-प्रदर्शन जारी

28 September 2020

उत्तर प्रदेश में चल रही 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी की गई है। आरक्षण के नियमों में अनदेखी होने की वजह से जहां अभ्यर्थी परेशान है तो वहीं संस्था भी अभ्यर्थियों को हक दिलाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। ऐसे में अब अभ्यर्थी सड़क पर आकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। 69 हजार शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) के अभ्यर्थियों ने रविवार से विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। यहां पर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने कहा कि सूची में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और अनुसूचित जाति के आरक्षण में नियमों का पालन नहीं किया जा रहा। अभ्यर्थियों ने कहा कि इसको लेकर हम लोग इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) और अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग (National Commission for Backward Classes) तक भी गए हैं, लेकिन अभी तक मामला हल नहीं हुआ है।

up teacher

69000 शिक्षक भर्ती: अधिकारियों से संतुष्ट नहीं ओबीसी आयोग, एक अक्टूबर को फिर सुनवाई

26 September 2020

उत्तर प्रदेश सरकार (Uttat Pradesh Government) अब अपने पुराने शासनादेश के अनुसार ही यह भर्ती (69000 Assistant Teachers) करेगी। पहले से ही जारी कटऑफ पर उत्तर प्रदेश सरकार भर्ती (69000 Assistant Teachers) करेगी। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Goverment) संविधान से प्राप्त अधिकारों को ठेंगा दिखाते हुए आरक्षित वर्ग की भर्ती करने जा रही है। उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की होने जा रही भर्ती (69000 Assistant Teachers) में नियमों को पूरी तरह से तार-तार किया गया है। गलत नियमों के आधार पर हो रही भर्ती पर संवैधानिक संस्था राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (National Commission for Backward Classes) एक बार फिर से सख्त हो गया है। आयोग के सामने 24 सितंबर को पेश हुए अधिकारी एक बार फिर से कुछ नहीं उपलब्ध करा पाए। इस पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (OBC Commission) ने एक बार फिर सख्त लहजे में संविधान के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि अगर भर्ती हुई तो फिर कठोर कदम उठाने पड़ेंगे। 

Tadarth teacher case

तदर्थ शिक्षक मामला: शिक्षामित्रों की तरह ही मिलेगा लाभ, परीक्षा में मिलेगा भारांक

23 September 2020

उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा विभाग (Uttar Pradesh Secondary School) में कार्यरत तदर्थ शिक्षकों को हटाने का आदेश सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से आने के बाद अब प्रक्रिया शुरू हो गई है। तदर्श शिक्षकों को हटाने के साथ में उन्हें कैसे करके लाभ दिया जाएगा, इसका भी प्रस्ताव विभाग के अधिकारियों ने बना लिया है। माध्यमिक शिक्षा विभाग (Uttar Pradesh Secondary Eduction Depertment) के अधिकारियों ने सहायता प्राप्त स्कूल में पढ़ा रहे तदर्थ शिक्षकों को शिक्षामित्रों (Shiksha Mitra) के तर्ज पर भारांक देने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। यही नहीं, प्रवक्ता को साक्षात्कार और एलटी ग्रेड को लिखित परीक्षा में भी भारांक दिया जाएगा। 

obc

69000 शिक्षक भर्ती: ओबीसी आयोग ने लगाई भर्ती पर रोक, 24 सितंबर को सचिव तलब

21 September 2020

उत्तर प्रदेश सरकार (Uttat Pradesh Government) एक बार फिर से सरकारी नियमों को तार-तार करके 69 हजार शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) होने जा रही है। नियमों को ताक पर रखकर होने जा रही भर्ती को देखते हुए अब एक बार फिर से राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (National Commission for Backward Classes) के उपाध्यक्ष और यूपी के सीएम (CM Yogi Aditynath) आमने-सामने हो गए हैं। जहां यूपी के सीएम भर्ती को पूरा कराने के लिए नियमों को ताख पर रखकर भर्ती (69000 Assistant Teachers) कराने जा रहे हैं, तो वहीं ओबीसी आयोग (National Commission for Backward Classes) नियमों की धज्जियां उड़ाकर की गई भर्ती (69000 Assistant Teachers) के खिलाफ भी सख्त है। 

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UPPCS 2018 Result : हरियाणा की बेटियों ने मारी बाजी, यूपी में किया टॉप

11 September 2020

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने आज यूपीपीसीएस 2018 का परिणाम (UPPCS Mains Result 2018) जारी कर दिया है। इसमें आयोग ने 976 अभ्यर्थियों का परिणाम अंतिम रूप से जारी किया है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (Uttar Pradesh Public Service Commission) की तरफ से घोषित किए गए परिणाम (UPPCS Result 2018) में हरियाणा के पानीपत की रहने वाली अनुज नेहरा (Anuj Nehra) ने टॉप किया है तो वहीं दूसरे स्थान गुरुग्राम की संगीता राघव (Sangeeta Raghav) रही है। वहीं तीसरे स्थान पर मथुरा की ज्योति शर्मा (Joyti Sharma) रही है जो कि इस समय फैजाबाद में खण्ड विकास अधिकारी (BDO) के पद कार्यरत है। टॉप थ्री पर रहने वाली बेटियों में हरियाणा (Haryana) की दो बेटियां आगे रही है। यही नहीं, पांचवें स्थान पर बिहार के पटना निवासी कर्मवीर केशव रहे हैं।

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69000 शिक्षक भर्ती: MRC पीड़ित और चयनित अभ्यर्थियों ने इस तरह से रखी अपनी मांग

10 September 2020

देश में बढ़ती बेरोजगारी (Unemployment) और सरकारी नौकरियों (Government Jobs) में आती कमी के खिलाफ बुधवार की रात को 9 बजे दीपक जलाकर युवाओं ने आक्रोश व्यक्त किया है। युवाओं के इस आंदोलन (Youth Demonstrated) का समर्थन करते हुए सपा (SPA) और कांग्रेस (Congress) के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने बुधवार रात नौ बजे मोमबत्ती जलाकर पूरे देश में विरोध किया। शहर से लेकर गांवों तक में युवाओं ने बेरोजगारी के खिलाफ यह प्रदर्शन (Youth Demonstrated) किया। वहीं, उत्तर प्रदेश में पिछले दो साल से नौकरी का इंतजार कर रहे 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने भी इस आंदोलन (Youth Demonstrated) का समर्थन करते हुए विरोध जताया। अभ्यर्थियों ने यही कहा कि सरकार को हम लोगों की बात सुननी चाहिए और हमारे हित में फैसला लेना चाहिए। सरकार भर्ती में जान बूझकर देरी कर रही है। अगर सरकार चाह जाए तो यह भर्ती प्रक्रिया समय से पूरी हो सकती है।

teacher

तदर्श शिक्षक मामला: जिलों को गाइडलाइन का इंतजार, आखिर कैसे होगी प्रक्रिया

09 September 2020

उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा विभाग (Uttar Pradesh Secondary School) में प्रबंधतंत्र के जरिए भर्ती किए गए शिक्षकों को हटाने का आदेश सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जारी कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) इस आदेश के बाद वर्षों से स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों में गम का माहौल बना हुआ है। अब भविष्य में उनके साथ में क्या होगा, इसके बारे में अभी से कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। माध्यमिक शिक्षा विभाग (Uttar Pradesh Secondary Eduction Depertment) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के इस आदेश ने प्रदेश के हजारों शिक्षकों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का आदेश माध्यमिक शिक्षा विभाग (Uttar Pradesh Secondary Eduction Depertment) को मिलते ही शिक्षकों की परीक्षा सहित अन्य प्रक्रिया को लेकर कार्रवाई शुरू हो जाएगी। माध्यमिक शिक्षा के सचिव सहित जिले के डीआईओएस (DIOS) भी सरकार के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की तरफ से दिए गए आदेश में सिर्फ माध्यमिक शिक्षा (Uttar Pradesh Secondary Eduction Depertment) से संबंधित स्कूल ही नहीं बल्कि अल्पसंख्यक संस्थाएं भी इसमें शामिल है। 

teachers

यूपी में माध्यमिक शिक्षा के हजारों शिक्षकों पर लटकी नौकरी जाने की तलवार

08 September 2020

उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा विभाग (Uttar Pradesh Secondary School) में जहां एक तरफ से खुशी तो वहीं दूसरी गम की भी स्थिति बनी हुई है। माध्यमिक शिक्षा विभाग (Uttar Pradesh Secondary Eduction Depertment) में जल्द ही निकलने वाली भर्ती से जहां अभ्यर्थी खुश है तो वहीं सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के एक आदेश से इस स्कूलों में वर्षों से पढ़ा रहे शिक्षकों के ऊपर संकट भी आ गया है। जी हां, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के एक आदेश के बाद अब प्रदेश के हजारों शिक्षक परेशान है। शिक्षकों का गम इस तरह है कि अब उनकी रातें नहीं कट रही है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के एक आदेश ने अब उनकी वर्षों की नौकरी पर संकट खड़ा कर दिया है।

teacher

कस्तूरबा विद्यालय के शिक्षकों ने कहा- हमारा जेंडर बदल दीजिए पर नौकरी से न निकालें

02 September 2020

उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department) में इस समय सब 'ऑल इज वेल' है, ऐसा नहीं कहा जा सकता है। यहां पर बजट का अभाव कहे या फिर अफसरों की तानाशाही कहे, जिसकी वजह से विभाग के सैकड़ों शिक्षकों को एक ही झटके में बाहर निकाल दिया गया है। उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के महानिदेशक (The Director-General of the Basic Education Department) ने वर्षों से कस्तूरबा विद्यालयों में पढ़ा रहे अंशकालिक पुरुष शिक्षकों (Part Time Teachers) को बाहर निकालने का फरमान जारी कर दिया है। महानिदेशक के इस आदेश के बाद प्रदेश के सैकड़ों शिक्षक (Part Time Teachers) बेरोजगार हो गए हैं। ऐसे में इन शिक्षकों ने सरकार और विभाग के अधिकारियों से कहा है कि साहेब! हमारा जेंडर चेंज करा दीजिए पर हम लोगों को विभाग (Basic Education Department) से बाहर मत निकालिए।

kasutrba school

यूपी के बेसिक शिक्षा विभाग में संविदाकर्मियों का हो रहा डिमोशन!

31 August 2020

अपने कार्यक्षेत्र में प्रगति और प्रमोशन यानि पदोन्नति कौन नहीं चाहता है? सभी बेहतर से बेहतर कार्य करके अपने कार्यक्षत्र में नाम ऊंचा करना चाहते हैं, लेकिन यूपी के बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department) में यह रवायत उल्टी चल रही है। यहां (Basic Education Department) पर संविदा पर काम करने वाले कर्मचारियों की प्रगति की बात दूर उनके वेतन में ही डिमोशन किया जा रहा है। यहां (Basic Education Department) पर संविदा पर कार्यरत शिक्षकों का वेतन बढ़ाने के बजाय पहले से भी घटा दिया गया है। अब यहां (Basic Education Department) पर संविदा के तौर पर पढ़ा रहे शिक्षकों (Teacher) के सामने "मरता क्या न करता" जैसी स्थिति आ गई है।

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