प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत अब तक 4.8 लाख कर्मचारियों को मिला प्रशिक्षण

लगभग दो साल पहले शुरू हुई प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई)अब तक 4.8 लाख कुशल कर्मचारियों को प्रशिक्षित कर चुका है। इन्हें पीएमकेवीवाई के रिकॉग्निशन ऑफ लर्निंग प्रोग्राम में प्रमाणित किया गया है।
ये कार्यक्रम देश के 458 जिलों में चल रहा है, जिनमें राजस्थान के कालीन बुनकर से लेकर पश्चिम बंगाल के चाय बागवानी से लेकर उत्तर पूर्वी के रबड़ खेती तक के कौशल शामिल हैं। यह देश के 30 क्षेत्रों में लगभग 180 लोगों को रोजगार मुहैया करा चुका है।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का संचालन कौशल विकास एवं उद्यमता मंत्रालय की ओर किया जाता है। ये केंद्र सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में से एक है। इस योजना का उद्देश्य देश के युवाओं को उद्योग से जुड़ा प्रशिक्षण देना है ताकि उन्हें रोजगार मिल सके। ट्रेनिंग की फीस सरकार खुद भुगतान करती है। सरकार इस योजना के जरिये कम पढ़े लिखे, 10वीं, 12वीं कक्षा के बीच में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों को कौशल प्रशिक्षण देती है। सरकार का लक्ष्य वर्ष 2020 तक एक करोड़ युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने का है। इस योजना में तीन महीने, छह महीने और एक साल के लिए रजिस्ट्रेशन होता है। इस कोर्स के पूरा होने के बाद सर्टिफिकेट दिया जाता है जो कि पूरे देश में मान्य होता है।
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