पीएम मोदी को खत लिखकर भूल गया था 11 साल का बच्चा, तभी...

पिछले साल सितंबर में 11 साल के नयन सिन्हा ने पीएम मोदी को एक खत लिखा। उन्हें बताया कि यूपी के उन्नाव जिले में चंद्रशेखर आजाद इंटरमीडिएट कॉलेज पहुंचने में उसे रोजाना एक दिक्कत का सामना करना पड़ता है। नयन ने खत में बताया के हाल ही में उसके घर के पास एक रेलवे लाइन बिछाई गई है, जिसकी वजह से उसे स्कूल जाने के लिए काफी लंबी दूरी तय करके जाना पड़ता है। उसने यह भी बताया कि इस परेशानी से जूझने वाला वह अकेला नहीं है, करीब 200 बच्चे हर सुबह स्कूल जाते हुए परेशानी झेल रहे हैं।
नयन के पिता आशुतोष ने बताया, ´जब से यह रेलवे ट्रैक बना है, नयन को दो किलोमीटर चलकर स्कूल जाना पड़ता है, ताकि वह मैन्ड राजेपुर की रेलवे क्रॉसिंग पहुंचे और फिर वहां से स्कूल जाए। हमारी कॉलोनी के करीब 200 बच्चे इसी रास्ते का इस्तेमाल कर रहे हैं।´
पीएम ने देर से ही सही, पर उसके खत को संज्ञान में लिया और कार्रवाई की। मोदी ने रेलवे मंत्रालय से इस मामले में दखल देने को कहा, लेकिन सीनियर डिविजनल कमर्शल मैनेजर (उत्तर रेलवे) एके सिन्हा ने बताया कि नई रेलवे पॉलिसी के तहत रेलवे क्रॉसिंग या ओवर ब्रिज तब तक नहीं बनाया जा सकता, जब तक राज्य सरकार रेलवे मंत्रालय से इसकी गुजारिश न करे। इसके बाद, साइट असेसमेंट के जरिए ही कुछ मुमकिन होगा।
रेलवे अधिकारियों ने पिछले दिनों नयन के घर एक खत भेजा और बताया कि वह रेलवे हेडऑफिस में नयन की बात पहुंचाएंगे। नयन ने अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, 'मैं कभी रेलवे लाइन क्रॉस नहीं करता, क्योंकि पापा ने मना किया है लेकिन दूसरा रास्ता काफी लंबा है। इसकी वजह से मैं अक्सर देर से स्कूल पहुंचता हूं और मुझे सजा झेलनी पड़ती है।'
नयन ने बताया कि वह तो खत के बारे में भूल भी चुका था, लेकिन कुछ दिन पहले ही उसके घर उत्तर रेलवे के डिविजनल इंजिनियर का खत पहुंचा। उसमें नयन के पीएम को भेजे गए खत का जिक्र जरूर था, लेकिन कोई समाधान नहीं। इतना ही नहीं, नयन ने बताया कि अब तक कोई भी रेलवे अधिकारी न तो उससे मिलने पहुंचा और न ही यह ही बताया गया कि उसकी गुजारिश का क्या हुआ।
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