अक्षय तृतीया पर शुक्रवार को रामलला का गर्भगृह और सामने का मंडप आकर्षक ढंग से सजाया गया था। रामलला का आगार सामान्य दिनों पर भी विमोहित करता है लेकिन शुक्रवार को भांति भांति के फूलों और फूलों की लड़ियों से सुशोभित परिवेश में दर्शनार्थियों का अनुभव अभूतपूर्व रहा।
इस विशेष अवसर पर मौसम के अनुरूप रामलला को कई प्रकार के क्विंटलों फलों का भोग लगाया गया। जिनकी संख्या 11000 थी।रामलला के सामने बड़ी मात्र में फलों की प्रस्तुति पूरे परिवेश की सरसता और रम्यता में चार चांद लगा रही थी। अक्षय तृतीया तो श्रीराम के पूर्ववर्ती भगवान परशुराम की तिथि होती है लेकिन इस अवसर पर भक्त रामलला के दर्शन के लिए उमड़े दिख रहे थे। शुक्रवार को दर्शनार्थियों की संख्या आम दिनों से अधिक थी।