विश्व मलेरिया दिवस: खुशखबरी, 30 साल बाद डब्ल्यूएचओ ने खोजी वैक्सीन
मलेरिया एक बेहद ही गंभीर बीमारी है। इसकी गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है इस रोग के कारण दुनियाभर में हर साल करीब 4.35 लाख लोगों की मौत हो जाती है। इसका सबसे ज्यादा प्रकोप अफ्रीका में देखने को मिलता है। जहां हर साल 2.5 लाख लोग मलेरिया के शिकार हो जाते हैं।
इसकी भयावहता को देखते हुए हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है और इस मौके पर इस रोग के प्रति जागरूकता फैलाने का काम किया जाता है। आज विश्व मलेरिया दिवस के मौके पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक ट्वीट कर इस रोग को लेकर एक बड़ी खुशखबरी दी है। दरअसल डब्ल्यूएचओ ने बताया है उसने 30 साल के शोध के बाद मलेरिया का टीका ईजाद कर लिया है। दक्षिण अफ्रीकी देश मलावा में मंगलवार को दुनिया की पहली मलेरिया की वैक्सीन लॉन्च की गई है।
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30 साल के शोध के बाद बनाई वैक्सीन
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जानकारी दी है कि मलेरिया की रोकथाम के लिए उसने एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था, जिसमें इससे बचाव के लिए टीके पर काम हो रहा था। अब उन्हें 30 साल बाद सफलता प्राप्त हुई है। यह टीका 05 महीने से लेकर 02 साल तक के बच्चों के लिए है। ट्रायल में पाया गया है कि यह 10 में से 04 मामलों में बचाव कर सकता है। इसमें 04 में से 03 मामले बेहद ही गंभीर थे। इस उत्साहजनक नतीजों से साबित होता है इस वैक्सीन के जरिए बड़े पैमाने पर इस गंभीर बीमारी से बचाव संभव हो गया है।
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अभी अफ्रीका के मलावी में उपलब्ध
अभी तक यह वैक्सीन दक्षिण अफ्रीका के मलावी देश के लिए उपलब्ध है। तीन अफ्रीकी देशों में मलावी पहला देश बन चुका है, जहां इसकी वैक्सीन मौजूद होगी। वैज्ञानिकों के अनुसार जल्द ही यह घाना और केन्या जैसे देशों में भी उपलब्ध होगा। इस वैक्सीन को वैज्ञानिकों ने आरटीएस एस नाम दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर-जनरल डॉ. टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने बताया कि इससे पहले भी मलेरिया से रोकथाम के तमाम प्रयास किए गए थे। हमने पाया कि अन्य उपायों की अपेक्षा इससे बचाव के लिए वैक्सीन ही सबसे अच्छा तरीका है। इसकी मदद से हम लाखों लोगों का जीवन बचा सकते हैं।
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मलेरिया के लक्षण
जैसा कि आप जान ही गए होंगे कि मलेरिया कितनी खतरनाक बीमारी है। दरअसल मलेरिया होने पर व्यक्ति या उसके परिवारीजन इसे आम बुखार समझकर इलाज नहीं कराते। यही उनकी सबसे बड़ी गलती होती है। समय से उपचार होने पर मलेरिया को मात दी जा सकती है।
मलेरिया के लक्षणों में सिर में तेज दर्द होना, उल्टी होना या जी मचलना, हाथ पैरों खासकर जोड़ों में दर्द होना, कमजोरी व थकान महसूस होना, शरीर में खून की कमी होना, आंखों की पुतलियों का रंग पीला होना, पसीना निकलने पर बुखार कम होना, तेज बुखार सहित फ्लू जैसे लक्षण सामने आना, ठंड के साथ जोर की कंपकंपी होना आदि होते हैं। अगर किसी मरीज में ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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