पहली बार, दुनिया के पांच शीर्ष विश्वविद्यालयों में से चार – ऑक्सफोर्ड, हार्वर्ड, कैम्ब्रिज और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) – की हेड महिलाएं बनने जा रही हैं। टाइम्स हायर एजुकेशन की वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल जुलाई तक यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
ऑक्सफोर्ड (विश्व विश्वविद्यालय रैंकिंग में प्रथम) की हेड फिलहाल आइरीन ट्रेसी हैं, हार्वर्ड में क्लॉडाइन गे (दूसरा) और कैंब्रिज में डेबोरा प्रेंटिस (संयुक्त तीसरा) दोनों जुलाई में हेड बन जाएंगी। सैली कोर्नब्लूथ भी फिलहाल एमआईटी (पांचवें) को हेड कर रही हैं।
विश्व विश्वविद्यालय रैंकिंग 2023 के आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि दुनिया के शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों में से लगभग एक चौथाई (48) में महिला प्रेसिडेंट या वाइस चांसलर हैं। पिछले साल शीर्ष पदों पर 43 महिलाएं थीं। इन पदों पर पिछले साल के मुकाबले 12 फीसदी और पांच साल पहले के मुकाबले 41 फीसदी ज्यादा महिलाएं हैं।
अमेरिका और जर्मनी में महिलाओं को ज़्यादा मौके मिल रहे हैं और यर इसी का परिणाम है। आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों में महिलाओं का नेतृत्व (58 में से 16) है। पांच प्रमुख जर्मन विश्वविद्यालयों की हेड महिलाएं रही हैं। पिछले वर्ष ये संख्या सिर्फ दो थी। इसमें टुबिंगन विश्वविद्यालय की कार्ला पोलमैन, फ्रीबर्ग विश्वविद्यालय की केर्स्टिन क्रिग्लस्टीन और तकनीकी विश्वविद्यालय बर्लिन की गेराल्डिन राउच शामिल हैं, जो अपने संस्थानों की अध्यक्षता करने वाली पहली महिला बनीं।
एशिया में भी महिलाएं सीढ़ियां चढ़ रही हैं। न्यूरोसाइंटिस्ट नैन्सी आईपी हांगकांग विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की अध्यक्ष बनीं, पिछले पांच वर्षों में इस क्षेत्र के शीर्ष 200 विश्वविद्यालय की पहली महिला लीडर बनीं। वह लगभग 20 वर्षों से संस्था में है और इसकी पांचवी अध्यक्ष और भूमिका में पहली महिला हैं।
सऊदी अरब में भी एक महिला लीडर हैं लेकिन अंतरिम स्थिति में। हाना अब्दुल्लाह अल-नूइम सऊदी अरब के सबसे बड़े विश्वविद्यालय – किंग अब्दुलअज़ीज़ विश्वविद्यालय की अंतरिम महिला हेड हैं।