जानिए क्यों भारतीय सेना का पसंदीदा टारगेट था बालाकोट, पाकिस्तानी हुकूमत को क्या भेजा संदेश

पुलवामा आतंकी हमले का बदला लेते हुए भारत की ओर से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में घुसकर आतंकी पनाहों को नष्ट कर दिया गया है। भारत ने मिराज युद्धक विमानों के जरिए पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद, बालाकोट व चकोटी में आतंकी कैम्पों का खात्मा किया है। यहां भारतीय सेना ने बालाकोट को विशेष रूप से निशाना बनाया है। बालाकोट को टारगेट पर लेने के पीछे कुछ प्रमुख वजहें हैं, जिसके चलते भारत ने यहां हमला किया। दरअसल बालाकोट पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मनशेरा जिले में मौजूद है। यह पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से करीब 150 किलोमीटर की दूरी पर ही है, जिससे पाकिस्तानी हुकूमत को एक बड़ा संदेश जाता है।
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आतंकियों का पनाहगार बन गया है बालाकोट
पीओके में 2005 में आए जबरदस्त भूकंप में बालाकोट को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा था। इसको दोबारा बसाने के लिए पाकिस्तान के साथ ही सऊदी अरब ने भी मदद की थी। हालांकि वहां स्थितियां पूरी तरह से सही नहीं हो पाई थीं। बाद में यह जगह आतंकवादियों की पनाहगार बन गई थी। इसी बालाकोट में ही जैश ए मोहम्मद के सबसे बड़े ठिकाने थे। यहां आतंकी मसूद अजहर का साला भी आतंकियों को ट्रेनिंग देने का काम करता था। सूत्रों के हवाले से खबर है कि यहां भारत में एक बड़ा आत्मघाती हमला करने की भी योजना बनाई जा रही थी।
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खूबसूरत लेकिन खतरनाक जगह
जब भारतीय सेना ने बालाकोट पर हमला किया तो इस बात का संदेह पैदा हो गया था कि यह बालाकोट आईओके में है या पीओके में है। बाद में खुद पाकिस्तान ने इस बात की पुष्टि की थी कि उसके बालाकोट में यह हमला हुआ है। बालाकोट बेहद खूबसूरत जगह है। कुनहर नदी के तट पर बसे इस शहर का मौसम बेहद अच्छा रहता है, इसलिए यह पाकिस्तानी पर्यटकों का पसंदीदा ठिकाना भी है। हालांकि, इसी बालाकोट में जैश के ठिकाने हैं और उसके कमांडर सिर छिपाते हैं।
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