Wheat Harvesting: बारिश और तेज हवाओं ने किसानों के अरमानों पर फेरा पानी

किसानों (Farmers) को जिसका डर था वहीं हुआ बारिश और तेज हवाओं (Heavy Rain and Thunderstorm) ने अरमानों पर पानी फेर दिया। लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से जहां कटाई के लिए मजदूर (Labour) नहीं मिल रहे हैं, तो वहीं अब बारिश (Rain) होने की वजह से किसानों के सपनों पर पानी फिरता हुआ नजर आ रहा है। कोरोना के इस प्रकोप में बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि (Hail) ने किसानों (Farmers) की कमर तोड़ दी है। लॉकडाउन 2.0 (Lockdown 2.0) में किसानों को कुछ ज्यादा छूट मिली, तो अब बारिश (Rain) की वजह से गेहूं (Wheat) की कटाई का काम बंद हो गया है। आधी-तूफान के साथ हो रही बरसात (Rain) की वजह से गेहूं की कटाई का काम प्रभावित (Wheat Harvesting Interrupted) हुआ है।
यह खबर भी पढ़ें- ठीक हो चुके लोगों को दोबारा हो रहा है कोरोना, जानिए वजह
ज्यादा बारिश से गेहूं (Wheat) सड़ने का डर (Fear of Rot)
लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से इस बार कटाई (Wheat Harvesting) का काम बहुत ही देर से शुरू हो सका है। पंजाब और हरियाणा में मजूदरों के न पहुंचनें से अभी भी फसल खेतों में ही खड़ी है। ऐसे में मौमस (Weather) की यह स्थिति किसानों (Farmers) के लिए बहुत ही दुखदायी बन चुकी है। कुदरत ने अब कुछ ऐसा कहर बरपाया है कि किसान (Farmer) को संभलने का मौका ही नहीं मिल रहा है। अब बरसात अधिक (Heavy Rain) होने से गेहूं (Wheat) की गुणवत्ता से लेकर सड़ने तक का डर (Fear of Rot) सता रहा है।
किसान प्रेम किशोर (Framer Praem Kishor) ने बताया कि इस बार कुदरत किसानों (Farmers) पर मेहरबान नहीं है। गेहूं (Wheat) में दाना आते समय बरसात होने की वजह से पहले ही फसल को काफी नुकसान हो चुका है। वहीं, अब बरसात (Rain) होने की वजह से खेतों में कटे फैले गेहूं (Wheat) के सड़ने का भी डर (Fear of Rot) है। यही नहीं, बरसात (Rain) होने की वजह से अब गेहूं (Wheat) की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी। हालांकि खेतो में खड़ी फसल का अभी कम नुकसान है, लेकिन इस समय कटाई और मड़ाई का काम बहुत तेजी से चल रहा है। ऐसे में अब बरसात (Rain) होने से काम प्रभावित (Wheat Harvesting Interrupted) हो गया है।
यह खबर भी पढ़ें- खुशखबरी: रैपिड एंटीबॉडी टेस्टिंग किट से आसान होगी संदिग्धों की जांच

मार्च (March) में हुई ओलावृष्टि (Hail) से हुआ काफी नुकसान
इस बार होली (Holi) के समय हुई बरसात (Rain) की वजह से किसानों (Farmers) को काफी नुकसान हुआ है। मार्च महीने (Month of March) में उत्तर भारत (North India) के कई राज्यों में ओलावृष्टि (Hail) होने की वजह से काफी गेहूं की फसल (Wheat crops) को काफी नुकसान हुआ है। ओलावृष्टि (Hail) , बारिश व तेज हवा (Heavy Rain and Thunderstorm) के चलने से गेहूं पलट गया है। ऐसे में गेहूं (Wheat) का दाना कमजोर हो गया होगा। ओलावृष्टि (Hail) की वजह से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई बीमा कंपनियां (Insurance Compenys) सर्वे कराकर करेंगी, लेकिन इस बार कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से सर्वे का भी काम प्रभावित हुआ है। किसानों की फसल भी अब धीरे-धीरे कट चुकी है। बीमा कम्पनियां किस आधार पर किसानों (Farmers) को भुगतान करेंगी, अभी इसकी कोई गाइडलाइन (Guidline) नहीं आई है। हालांकि लॉकडाउन (Lockdown) और ओलावृष्टि (Hail) को देखते हुए हरियाणा सरकार ने किसानों (Farmers) को बोनस देने का फैसला लिया है।
यह भी पढ़ें: आईआईटी खड़गपुर के छात्रों ने धान की भूसी से बनाया फर्नीचर, जीता ये ईनाम

गेहूं (Wheat) का रिकॉर्ड होगा उत्पादन
कोरोना वायरस संकट (Coronavirus-outbreak) के बीच रबी सीजन (Rabi crop) की सबसे प्रमुख फसल गेहूं (Wheat) की कटाई की रफ्तार धीमी है। रबी फसल (Rabi crop) की खरीद शुरू हो गई है, लेकिन अभी तक मंडियों में गेहूं (Wheat) की आवक कम है। सरकारी आंकड़ों पर गौर करते तो इस बार जारी रबी सीजन (Rabi crop) की कटाई 15 से 20 दिनों के बाद देरी से शुरू हुई है। अभी तक महज 60 फीसदी ही गेहूं की फसल की कटाई (Wheat Harvesting) हो पाई है।
यह खबर भी पढ़ें: अब किसान क्रेडिट कार्ड बनवाना होगा आसान, सरकार ने किए ये बदलाव

मौसम (Weather) की बेरूखी के बाद भी राहत वाली यह खबर यह है कि रबी मार्केटिंग सीजन (RMS) 2020-21 में करीब 4 करोड़ टन गेहूं की खरीद होने का अनुमान है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय (Ministry of agriculture) के अनुमान के अनुसार गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन होने की उम्मीद है। सरकारी आंकड़ों पर गौर करते तो इस साल तीन करोड़ 36.1 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुआई हुई थी जबकि पिछले साल यह दो करोड़ 99.3 लाख हेक्टेयर था। इस बार गेहूं (Wheat) का रकबा बढ़ने की वजह से उत्पादन भी अधिक होने का अनुमान है।
कृषि मंत्रालय (Ministry of agriculture) का मानना है कि इस साल देश में गेहूं (Wheat) की पैदावार रिकॉर्ड 10 करोड़ 62.1 लाख टन तक होने का अनुमान है। इससे पहले 2018-19 में यह आंकड़ा 10 करोड़ 36 लाख टन ही था। बेमौसम बरसात के बाद भी इस बार हरियाणा, यूपी और राजस्थान में पैदावार अच्छी होने की उम्मीद है। कृषि मंत्रालय (Ministry of agriculture) के अनुसार हर साल उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), पंजाब (Punjab), हरियाणा (Haryana) , राजस्थान (Rajsthan), मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और बिहार (Bihar) मिलकर ही देश का 93.31 फीसदी गेहूं पैदा करते हैं। सबसे ज्यादा गेहूं का उत्पादन यूपी (UP) में 34.89 फीसदी है। इसके बाद पंजाब में 21.55, हरियाणा में 13.20, मध्य प्रदेश में 8.81, राजस्थान (Rajsthan) में 8.57 और बिहार में 6.2 फीसदी उत्पादन होता है।
यह खबर भी पढ़ें: यहां की सरकार किसानों को 6000 की बजाय देगी 8000 रुपये

जायद की फसलों (Zayed crops) को भी नुकसान
इधर बरसात (Rain) होने की वजह से सिर्फ गेहूं ही नहीं बल्कि जायद फसलों (Zayed crops) को भी नुकसान (Loss) होगा। अयोध्या के कुमारगंज स्थित आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्व विद्यालय (Acharya Narendra Dev Agriculture and Technology University, Kumarganj Ayodhya) के प्रो. रवि प्रकाश मौर्य (Prof. Ravi Prakash Maurya) ने बताया कि जनवरी से अब तक लगभग 159 मिमी वर्षा (MM Rain) हो चुकी है। इधर दो दिन से बरसात होने की वजह से लतावर्गीय सब्जियों (Vegetables) लौकी, कद्द्, नेनुआ, करेला, खीरा, ककड़ी, खरबूजा, तरबूजा तथा टमाटर को भी नुकसान होगा। अब बरसात ( Rain) होने की वजह से प्याज व लहसुन को भी हानि पहुंचेगा। आधी और तूफान आने की वजह से आम (Mango) को भी नुकसान होगा।
यह खबर भी पढ़ें: केंचुए से वर्मी कम्पोस्ट बनाकर ये किसान कमा रहा अच्छा मुनाफा
संबंधित खबरें
सोसाइटी से
अन्य खबरें
Loading next News...
