क्या होता है कम्यूनिटी ट्रांसमिशन? दुनिया में किस स्टेज पर है COVID-19 महामारी
भारत में कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। सोमवार को यह आंकड़ा 415 तक पहुंच गया। कहा जा रहा है कि भारत में यह वायरस अपनी थर्ड स्टेज यानी कम्यूनिटी ट्रांसमिशन तक पहुंच चुका है। हालांकि सरकार ने अभी तक इस बारे में कोई सूचना जारी नहीं की है।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि सामुदायिक रूप से इस वायरस का फैलना शुरू हो चुका है। आप भी जानिए कि आखिर क्या है कम्यूनिटी ट्रांसमिशन और ये कैसे होता है...
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि जब आपको इनफेक्शन का सोर्स नहीं पता होता, आप ये पता नहीं लगा पाते कि जिस व्यक्ति को ये बीमारी है वह कहां-कहां गया और किससे-किससे मिला तब कम्यूनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो जाता है। सामुदायिक प्रसार का मतलब है कि वायरस अब समाज में घूम रहा है और ऐसे व्यक्ति को भी इनफेक्ट कर सकता है जो न तो किसी ऐसी जगह गया है जहां किसी को बीमारी हुई हो, न ही वह किसी बीमार व्यक्ति से मिला हो।
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अब सवाल यह उठता है कि क्या भारत में सारे संक्रमित लोग ऐसे हैं जिनकी ट्रैवल हिस्ट्री या वे किस-किस से मिले ये पता किया जा सके? अगर सरकार की मानें तो हां, लेकिन ऐसी संभावना है कि अभी भी कई ऐसे लोग हैं जिनके बारे में सारी जानकारी नहीं जुटाई जा सकी है। उदाहरण के लिए - उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में 20 साल का एक नाई दिल्ली से चेन्नै ट्रेन से गया। उसके बाद उसका टेस्ट हुआ और वह संक्रमित निकला। सरकार ने यह नहीं पता लगा पाया कि वह कहां-कहां गया और किन-किन लोगों से मिला। स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में एक स्टेटमेंट जारी करके यह बताया है कि आगरा में कम्यूनिटी ट्रांसमिशन हो सकता है। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि यह पूरी तरह से कम्यूनिटी ट्रांसमिशन नहीं होगा बल्कि ये सामुदायिक स्तर पर लोकल ट्रांसमिशन होगा।
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शनिवार को महाराष्ट्र में एक 63 वर्षीय पुरुष की मौत हो गई। उसे एचएन रिलायंस हॉस्पिटल में 19 मार्च को एडमिट कराया गया था। अब अधिकारी उसके परिवार या दोस्त के जरिए उसकी ट्रैवल हिस्ट्री जानने की कोशिश कर रहे हैं। यहां यह भी ध्यान देने वाली बात है कि भारत सरकार टेस्ट करने की क्षमता को बढ़ा रही है लेकिन इसकी गति धीमी है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि यहां ज्यादा संक्रमित लोगों की संख्या इसलिए कम है क्योंकि यहां ज्यादा लोगों का टेस्ट ही नहीं हुआ है।
तो यह कब कह सकते हैं कि कम्यूनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो चुका है?
सोशल मीडिया पर क्या चल रहा है इस ओर ज्यादा ध्यान न दें और सरकार की घोषणा का इंतजार करें। आईसीएमआर या कोई भी दूसरी जिम्मेदार सरकारी संस्था इसके बारे में जानकारी देगी। रविवार की दोपहर तक सरकार का यही कहना था कि भारत में अभी कोरोना वायरस दूसरी स्टेज पर है।
अगर कम्यूनिटी ट्रांसमिशन हो जाता है तब क्या करना होगा?
भारत इस दिशा में पूरे प्रयास कर रहा है कि इस महामारी को रोका जा सके। चीन से यहां आने वाले लोगों पर पहले ही रोक लगा दी गई है। जब बाकी देशों से भारत में इस वायरस के आने का खतरा बढ़ा उसके बाद सरकार ने उन देशों से आने वाली फ्लाइट्स और उनके वीजा पर भी रोक लगा दी। लेकिन अब वायरस दुनिया के 177 देशों में फैल चुका है और लगभग हर देश अब लॉकडाउन की तरफ बढ़ गया है। ज्यादातर लोग या तो सरकारी सेवाओं के साथ क्वैरेंटाइन में हैं या अपने ही घर पर। भारत के भी 75 जिलों में इस वक्त लॉकडाउन है। और ये सब कम्यूनिटी ट्रांसमिशन को रोकने के लिए ही किया जा रहा है। बस आप सरकार के बताए दिशा-निर्देशों का पालन करें और खुद को सुरक्षित रखने के तरीके अपनाएं।
दुनिया में किस स्टेज पर है ये महामारी
कोरोना वायरस महामारी अब दुनिया के लगभग हर देश में पहुंच चुकी है। ज्यादातर देशों में या तो ये अभी बाहर से आए लोगों में है या लोकल ट्रांसमिशन की स्टेज पर। अभी सिर्फ चीन, इटली, ईरान, साउथ कोरिया और जापान में यह बीमारी कम्यूनिटी ट्रांसमिशन की स्टेज पर पहुंची है। चीन ने इससे निपटने के लिए अच्छा काम किया लेकिन हुबेई प्रांत जो इस बीमारी का केंद्र था वहां लॉकडाउन तब हुआ जब स्थिति काफी बिगड़ चुकी थी। इटली ने भी स्थिति बिगड़ने के बाद इस पर काम शुरू किया लेकिन वह स्थिति सुधारने के प्रयास कर रहा है। साउथ कोरिया ने ज्यादा से ज्यादा लोगों का फ्री टेस्ट और इलाज करके इसे रोकने की कोशिश की। यहां बाहर से आने वाले लोगों की जांच बार्डर और एयरपोर्ट पर पूरी सतर्कता के साथ की जा रही है।
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अलग-अलग देश अलग-अलग तरीके से इसे रोकने के लिए काम कर रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि चीन में कोरोना वायरस का पहला मामला नवंबर में सामने आया था और चीन की सरकार ने इस दिशा में काम करने में पूरा एक महीना लगा दिया, तब तक ये बीमारी एक वैश्विक समस्या बन चुकी थी और वहां कम्यूनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो चुका था। हालांकि, इटली में कम्यूनिटी ट्रांसमिशन कुछ दिनों में ही शुरू हो गया। यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल का कहना है कि जिस गति से COVID-19 फैल रहा है उससे ऐसा लग रहा है कि संयुक्त राष्ट्र और अरब देशों में भी जल्द ही जल्द ही वही स्थिति होगी जो चीन और इटली की हुई।
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