सरकार ने एयर इंडिया में सिंगापुर एयर लाइंस को 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए 2058.5 करोड़ रुपए के विदेश निवेश के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। यह फैसला एयर इंडिया और सिंगापुर एयर लाइन्स कि संयुक्त उद्यम उड्डयन कंपनी विस्तारा का एयर इंडिया में विलय प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के तहत किया गया है।
कंपनी की तरफ से बताया गया है कि विस्तारा और एयर इंडिया का विलय 12 नवंबर 2024 से लागू होगा। विस्तारा की उड़ान सेवाएं 11 नवंबर 2025 तक जारी रहेंगी। सिंगापुर एयर लाइंस की तरफ से बताया गया है कि विलय कि पूरी प्रक्रिया इस साल के अंत तक पूरी हो जाएगी और वह 3 सितंबर 2024 से इस एयर लाइंस के लिए बुकिंग लेना बंद कर देगी। कंपनी के सारे बुकिंग रूट्स एयर इंडिया वेबसाइट की तरफ ट्रांसफर कर दी जाएगी।
उधर एयर इंडिया का विस्तारा के कर्मचारियों के बीच समायोजन की तैयारियां तकरीबन पूरी हो चुकी हैं। दोनों कंपनियों में मिलाकर 23 हज़ार कर्मचारी हैं। विलय से 600 कर्मचारियों पर असर पड़ेगा जिसे टाटा समूह की दूसरी कंपनियों में समायोजित किया जाएगा। विस्तारा अभी घाटे में है और उसके पास 70 विमानों का बेड़ा है। यह 50 गंतव्यों के लिए उड़ान भरती है। कंपनी 11 नवंबर को अपने ब्रांड के तहत अंतिम उड़ान भरेगी। जुलाई में इसकी घरेलू बाजार हिस्सेदारी 10 प्रतिशत थी। एयर इंडिया का स्वामित्व टाटा समूह के पास है और विस्तारा टाटा तथा सिंगापुर एयरलाइंस के बीच 51:49 अनुपात वाला संयुक्त उद्यम है।
सिंगापुर एयरलाइंस (एसआईए) ने शुक्रवार को सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज को दी सूचना में बताया, एयर इंडिया के साथ विस्तारा के प्रस्तावित विलय के हिस्से के रूप में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए भारत सरकार से उसे मंजूरी मिल गई है।