इंडियावेव से जुड़ें
देश विदेश

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव खारिज करने पर कांग्रेस ने उपराष्ट्रपति के फैसले की आलोचना की। कांग्रेस ने कहा कि उपराष्ट्रपति ने बहुत जल्दबाजी में प्रस्ताव को खारिज किया है जबकि उन्होंने किसी विशेषज्ञ से इसके लिए सलाह भी नहीं ली। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद ने यह भी कहा कि इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस कोर्ट जाएगी। सिब्बल ने कहा, 'चीफ जस्टिस के खिलाफ लाए गए महाभियोग के प्रस्ताव को खारिज करने का उपराष्ट्रपति का फैसला तर्कसंगत नहीं है। संवैधानिक नियमों के दायरे में राज्यसभा के सभापति का काम सिर्फ जरूरी सांसदों की संख्या का नंबर देखना होता है और उनके हस्ताक्षरों की जांच करनी होती है। हालांकि, उपराष्ट्रपति को प्रस्ताव खारिज करने से पहले कम से कम कलिजियम की राय तो लेनी ही चाहिए थी, लेकिन फैसला बहुत हड़बड़ी में किया गया।' चीफ जस्टिस के ऊपर लगाए गए आरोपों की जांच करने का अधिकार राज्यसभा सभापति के पास नहीं है। पूर्णकालिक जांच कमिटी ही इसका फैसला कर सकती है कि लगाए गए आरोप सही हैं या गलत, लेकिन राज्यसभा सभापति ने उलझन भरी स्थिति में महाभियोग प्रस्ताव को खारिज कर दिया। हम इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज चार दिवसीय चीन यात्रा पर हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय एवं चीनी नागरिकों को एक दूसरे की भाषाएं सीखनी चाहिए क्योंकि यह उन्हें संवाद की मुश्किलों से उबारने में मदद करेगी और इसके परिणाम स्वरूप दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंध में और मजबूती आ सकती है। विदेश मंत्री ने ‘भारत - चीन मित्रता में हिंदी का योगदान’ विषय पर आयोजित भारतीय दूतावास के एक कार्यक्रम के दौरान ये बातें कहीं। विदेश मंत्री सुषमा ने कहा कि अगर दो दोस्त एक साथ बैठते हैं तो वे क्या चाहते हैं ? वे सिर्फ एक दूसरे से अपने दिल की बात करना चाहते हैं, वे जो महसूस करते हैं उसे साझा करना चाहते हैं और इसके लिये हमें भाषा की जरूरत होती है। जब आप बोलें तो मैं चीनी भाषा समझ सकूं और वैसे ही जब मैं आपसे बात करूं तो आपको भी हिंदी समझ आनी चाहिए। ’’ उन्होंने कहा , ‘‘दो दोस्तों के बीच अगर कोई दुभाषिया बैठता है तो वह शब्दों को तो अनुवाद करने में सक्षम हो सकता है लेकिन जिस भावना से मैंने बात कही, वह उसे पेश नहीं कर सकता। इसलिए यह जरूरी है कि हम भाषा सीखें और उसे समझें भी। ’’ गौरतलब है कि एक दिन पहले ही यह घोषणा की गई थी कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग 27 अप्रैल से 28 अप्रैल को मध्य चीनी शहर वुहान में औपचारिक बैठक करेंगे।
भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार क्रिकेटर युवराज सिंह ने अपने संन्यास को लेकर अहम बयान दिया है। हालांकि युवराज ने अपने संन्यास को लेकर तारीख का एेलान नहीं किया है लेकिन उन्होंने ये साफ कर दिया कि वो 2019 के बाद अपने करियर को लेकर फैसला करेंगे। एएनआई के मुताबिक किंग्स इलेवन पंजाब के बल्लेबाज़ युवराज सिंह ने कहा, 'मैं उस साल के आखिर में फैसला करूंगा। हर किसी को कभी न कभी यह फैसला लेना पड़ता है। मैं साल 2000 से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहा हूं। करीब 17-18 साल हो गए हैं। इसलिए मैं अब 2019 के आखिरी में जरूर फैसला करूंगा।' मौजूदा समय में युवराज सिंह आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब टीम का हिस्सा हैं। टीम इंडिया का ये वर्ल्डकप हीरो मौजूदा समय में बल्ले से वैसे प्रदर्शन नहीं कर पा रहा है जिसके लिए वो जाना जाता है। आईपीएल 2018 के अपने पांच मैचों में उन्होंने कुल 32 रन बनाए हैं जबकि अब भी उनसे बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद है। युवराज सिंह भारतीय क्रिकेट के सबसे स्टाइलिश क्रिकेटर्स में से एक हैं और उन्होंने अपने 18 साल लंबे करियर में कई अहम मकाम हासिल किए हैं। युवराज सिंह भारत के लिए साल 2007 और 2011 में विश्वकप विजेता टीम का हिस्सा भी रहे हैं। उन्होंने इन दोनों टूर्नामेंट्स में बेहतरीन प्रदर्शन किया था।