Veer Bal Diwas 2024 : साहिबजादों की वीरता और बलिदान को सलाम

Veer Bal Diwas 2024

भारत हर वर्ष 26 दिसंबर को ‘Veer Bal Diwas’ के रूप में उन साहसी साहिबजादों, साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह, की वीरता और बलिदान को याद करता है। 1705 में मुगल शासन के दौरान, केवल 9 और 6 वर्ष की आयु में, इन दोनों ने अपने धर्म और मूल्यों की रक्षा के लिए अपनी जान गंवा दी। उन्होंने इस्लाम धर्म स्वीकार करने से इनकार किया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें जिंदा दीवार में चुनवा दिया गया।

इतिहास और शुरुआत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 जनवरी 2022 को इस दिवस की घोषणा की, और पहली बार यह आधिकारिक रूप से 26 दिसंबर 2023 को मनाया गया। इस दिवस का उद्देश्य युवा पीढ़ी को साहस, सत्यनिष्ठा और आत्म-समर्पण जैसे मूल्य सिखाना है।

2024 का थीम और आयोजन

इस वर्ष का थीम “साहस और नई सोच” है। राष्ट्रीय कार्यक्रम दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित होगा। प्रधानमंत्री मोदी इसमें भाग लेंगे और ‘सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान’ की शुरुआत करेंगे, जिसका उद्देश्य बच्चों के पोषण और कल्याण को सुधारना है।

प्रधानमंत्री का संदेश

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर साहिबजादों और माता गुजरी जी को नमन करते हुए कहा, “उनका बलिदान न केवल साहस का प्रतीक है, बल्कि मूल्यों के प्रति दृढ़ता का एक शानदार उदाहरण है।”

देशव्यापी पहल और गतिविधियां

  • सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान: यह योजना पोषण संबंधी सेवाओं को बेहतर बनाकर सामुदायिक भागीदारी को मजबूत करेगी।
  • ऑनलाइन प्रतियोगिताएं: MyGov और MyBharat पोर्टल्स के माध्यम से क्विज, कहानी लेखन, पोस्टर बनाने जैसे कार्यक्रम।
  • स्कूल और बाल देखभाल केंद्रों में गतिविधियां: बच्चों में वीरता और सेवा भावना को बढ़ावा देने के लिए।

पुरस्कार और सम्मान

कार्यक्रम के दौरान ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ (PMRBP) के विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा।

वीर बाल दिवस साहिबजादों के बलिदान की कहानी को जिंदा रखने और नई पीढ़ी में नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देने का एक पवित्र अवसर है।

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