
अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी के खिलाफ चल रही धोखाधड़ी जांच में भारत सरकार से सहयोग मांगा है। SEC ने न्यूयॉर्क जिला अदालत में दायर एक याचिका में बताया कि वह अडानी परिवार के सदस्यों को अपनी शिकायत की कानूनी अधिसूचना भेजने के प्रयास कर रहा है और इसके लिए भारत के कानून मंत्रालय से सहायता मांगी गई है।
265 मिलियन डॉलर रिश्वत मामले में जांच
SEC की इस जांच का मुख्य केंद्र बिंदु 265 मिलियन डॉलर की कथित रिश्वत का मामला है। आरोपों के अनुसार, अडानी समूह ने भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देकर अपनी कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) की बिजली खरीद सुनिश्चित करवाई और बाद में अमेरिकी निवेशकों को इस सौदे से जुड़ी जानकारी को गलत तरीके से प्रस्तुत किया।
मोदी सरकार पर विपक्ष का हमला
इस मामले में भारत की विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने अडानी की गिरफ्तारी की मांग की है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उन्हें बचाने का आरोप लगाया है। हालांकि, मोदी सरकार और अडानी ग्रुप दोनों ने इन आरोपों को खारिज किया है।
अडानी ग्रुप का जवाब
अडानी समूह ने इन सभी आरोपों को “बेबुनियाद” बताते हुए कहा है कि वह सभी कानूनी विकल्पों का उपयोग करेगा। जनवरी में अडानी ग्रीन एनर्जी ने इस मामले की स्वतंत्र जांच के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून फर्मों की नियुक्ति की थी।
अमेरिका-भारत संबंधों पर प्रभाव?
गौतम अडानी के खिलाफ अमेरिकी जांच ऐसे समय में सामने आई है जब भारत और अमेरिका के आर्थिक संबंधों में मजबूती देखी जा रही है। हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपनी बैठक में इस मामले पर चर्चा न करने की बात कही थी।
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि भारत सरकार इस मामले में SEC को सहयोग देती है या नहीं।