
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वित्त वर्ष 2025-26 का केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया, जिसमें मध्यम वर्ग को कर राहत, कृषि, बुनियादी ढांचे, और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। बजट का मुख्य उद्देश्य समावेशी विकास को प्रोत्साहित करना और निजी निवेश को बढ़ावा देना है।
आयकर में राहत
मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति बढ़ाने के लिए आयकर स्लैब में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। अब 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई कर नहीं लगेगा, जबकि 12 लाख रुपये से अधिक की आय पर निम्नलिखित दरें लागू होंगी:
आय सीमा (रुपये में) | कर दर (%) |
---|---|
0 – 12,00,000 | 0 |
12,00,001 – 16,00,000 | 15 |
16,00,001 – 24,00,000 | 20 |
24,00,001 से अधिक | 30 |
इस बदलाव से मध्यम वर्ग के लोगों की बचत में वृद्धि होगी और उपभोग में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
कृषि क्षेत्र के लिए प्रोत्साहन
कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार ने विशेष मिशनों की घोषणा की है, जिसमें दालों और कपास के लिए विशेष कार्यक्रम शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, किसानों के लिए सब्सिडी युक्त ऋण की सीमा बढ़ाई गई है, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार होगा।
नवाचार और शिक्षा
शिक्षा और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए 50,000 अटल टिंकरिंग लैब्स की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही, भारतीय भाषाओं के लिए ‘भारतीय भाषा पुस्तक’ योजना शुरू की जाएगी और 10,000 तकनीकी अनुसंधान फैलोशिप प्रदान की जाएंगी।
बुनियादी ढांचा और विनिर्माण
बजट में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं, जिसमें क्षेत्रीय हवाई संपर्क को बढ़ावा देना और महत्वपूर्ण खनिजों के विकास पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है। इसके अलावा, राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन की स्थापना की जाएगी, जिससे विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि की उम्मीद है।
विदेशी निवेश और स्टार्टअप्स
बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को बढ़ाकर 100% किया गया है। साथ ही, स्टार्टअप्स, लघु उद्योगों, और विनिर्माण को समर्थन देने के लिए प्रोत्साहन और निधियों की घोषणा की गई है।
आर्थिक संकेतक
सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए नाममात्र जीडीपी वृद्धि दर 10.1% और राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.4% रहने का अनुमान लगाया है। कुल बजट व्यय 50.65 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
इस बजट के माध्यम से सरकार ने मध्यम वर्ग, किसानों, उद्यमियों, और उद्योगों के लिए कई लाभकारी प्रावधान किए हैं, जो देश की आर्थिक वृद्धि और समावेशी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।