
उत्तराखंड ने देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने वाला पहला राज्य बनकर इतिहास रच दिया है। इसके तहत शादी, लिव-इन रिलेशनशिप, तलाक, संपत्ति के अधिकार और बहुविवाह जैसी प्रथाओं में बड़े बदलाव किए गए हैं। यह कानून सभी धर्मों पर समान रूप से लागू होगा, लेकिन अनुसूचित जनजातियों और ट्रांसजेंडर समुदाय की परंपराओं को इससे बाहर रखा गया है। आइए जानते हैं यूसीसी के 10 प्रमुख बिंदु।
1. विवाह का अनिवार्य पंजीकरण
अब सभी विवाहों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है। विवाह पंजीकरण के लिए 27 मार्च 2010 से सभी शादीशुदा जोड़ों को 6 महीने के भीतर इसे ऑनलाइन या ऑफलाइन पंजीकृत करना होगा।
2. लिव-इन रिलेशन के लिए नियम सख्त
लिव-इन रिलेशन में रहने के लिए कपल को इसका रजिस्ट्रेशन कराना होगा। माता-पिता की अनुमति भी अनिवार्य होगी। लिव-इन खत्म करने पर भी रजिस्ट्रार को सूचना देनी होगी। बिना अनुमति के लिव-इन में रहने पर 10,000 रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
3. बेटा-बेटी को संपत्ति में समान अधिकार
संपत्ति के अधिकार में बेटियों और बेटों को समानता दी गई है। लिव-इन या अन्य प्रकार के संबंधों से जन्मे बच्चों को भी संपत्ति में समान अधिकार मिलेगा।
4. माता-पिता को संपत्ति में अधिकार
मृतक की संपत्ति पर उसकी पत्नी, बच्चे और माता-पिता को समान अधिकार प्रदान किया गया है।
5. बहुविवाह और हलाला पर रोक
यूसीसी के तहत बहुविवाह और हलाला जैसी प्रथाओं को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है।
6. शादी की न्यूनतम आयु सभी के लिए समान
अब शादी के लिए लड़कों की आयु 21 और लड़कियों की आयु 18 वर्ष निर्धारित कर दी गई है। यह नियम मुस्लिम समाज पर भी लागू होगा।
7. पूरी संपत्ति वसीयत करने की आजादी
यूसीसी के बाद अब किसी भी व्यक्ति को अपनी पूरी संपत्ति वसीयत करने का अधिकार है। पहले मुस्लिम, ईसाई और पारसी समुदाय के लिए अलग-अलग नियम थे।
8. तलाक का पंजीकरण भी अनिवार्य
शादी की तरह अब तलाक का भी पंजीकरण अनिवार्य होगा। यह प्रक्रिया एक वेब पोर्टल के माध्यम से की जा सकेगी।
9. दूसरे धर्म के बच्चों को गोद लेने पर रोक
यूसीसी के तहत किसी भी व्यक्ति को दूसरे धर्म के बच्चों को गोद लेने की अनुमति नहीं होगी।
10. अनुसूचित जनजातियां और ट्रांसजेंडर बाहर
संविधान के अनुच्छेद 342 के तहत अनुसूचित जनजातियों और ट्रांसजेंडर समुदाय की परंपराओं को यूसीसी से बाहर रखा गया है।
पंजीकरण के लिए सरकारी वेबसाइट
शादी और लिव-इन रिलेशनशिप के पंजीकरण के लिए उत्तराखंड सरकार ने ucc.uk.gov.in वेबसाइट लॉन्च की है। यहां ₹500 की फीस देकर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने के बाद 15 दिनों के भीतर पंजीकरण पूरा करना होगा।
यूसीसी लागू होने से उत्तराखंड में विवाह, तलाक, लिव-इन रिलेशनशिप और संपत्ति के अधिकार में समानता आई है। यह कानून समाज में पारदर्शिता और समानता लाने की दिशा में बड़ा कदम है।