
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सख्त आव्रजन नीति के तहत 205 भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट कर दिया गया है। ये सभी भारतीय गैरकानूनी रूप से अमेरिका में प्रवेश कर चुके थे और अब उन्हें C-17 अमेरिकी सैन्य विमान से भारत वापस लाया जा रहा है। यह विमान टेक्सास से उड़ान भर चुका है और जल्द ही भारत पहुंचेगा।
भारत-अमेरिका की संयुक्त कार्रवाई

सूत्रों के अनुसार, प्रत्येक भारतीय नागरिक की पहचान और सत्यापन भारत सरकार द्वारा किया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि नई दिल्ली इस प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल है। अमेरिका और भारत ने अब तक 18,000 भारतीय प्रवासियों की पहचान की है, जो अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं।
ट्रंप की आव्रजन नीति का असर
डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही साफ कर दिया था कि उनकी सरकार अवैध प्रवासियों को बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा था—
“हम पहली बार इतिहास में अवैध अप्रवासियों को खोजकर सैन्य विमानों से उनके देश वापस भेज रहे हैं।”
ट्रंप ने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वस्त किया है कि भारत अपने अवैध प्रवासियों को वापस लेने के लिए तैयार है।
भारत की प्रतिक्रिया
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत गैरकानूनी आप्रवास का समर्थन नहीं करता क्योंकि यह कई संगठित अपराधों से जुड़ा होता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने स्पष्ट किया—
“अगर कोई भारतीय नागरिक किसी भी देश में बिना वैध दस्तावेजों के रह रहा है और हमें उसका प्रमाण मिलता है, तो हम उसे वापस लेने को तैयार हैं।”
आगे क्या?
यह पहली बार है जब अमेरिका ने भारतीय प्रवासियों को सैन्य विमान से डिपोर्ट किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी और अगले कुछ महीनों में कई और भारतीयों की वापसी संभव है।
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