नीतीश ने 'निजी स्वार्थ' के लिए भाजपा से हाथ मिलाया : राहुल

'हम जानते थे कि पिछले तीन-चार महीनों से क्या चल रहा था'
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की निंदा करते हुए उन पर महागठबंधन को धोखा देने और 'निजी स्वार्थ' के लिए भाजपा से हाथ मिलाने का आरोप लगाया। राहुल ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा, "हम जानते थे कि पिछले तीन-चार महीनों से क्या चल रहा था। भारतीय राजनीति के साथ यही समस्या है। सत्ता और राजनीतिक स्वार्थ के लिए लोग किसी भी चीज के साथ समझौता कर लेते हैं।" राहुल का यह बयान नीतीश कुमार के छठी बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के तत्काल बाद आई। उन्होंने कहा कि भारतीय राजनीति में कोई नियम या विश्वसनीयता नहीं रह गई है। राहुल ने कहा, "बिहार ने नीतीशजी को सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने के लिए जनादेश दिया था, लेकिन उन्होंने उसी (भाजपा) को गले लगा लिया।" वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यह पूछे जाने पर कि जब राहुल को पहले से पता था, तब वह क्या कर रहे थे, उन्होंने कहा, "परिपक्व राजनीतिक नेतृत्व के लिए संयम और बुद्धिमानी हमेशा से अहम रहा है। नीतीश कुमार ने जब जब किसी से गठबंधन किया, तब तब उन्होंने उसके साथ क्या किया, यह समूचे देश को पता है।"
बिहार : नीतीश सरकार का विश्वास मत परीक्षण आज
बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नवगठित सरकार शुक्रवार को विधानसभा में बहुमत साबित करेगी। इसके लिए सुबह 11 बजे से बिहार विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किया गया है। इधर, दो दिन पूर्व तक सरकार में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस ने विश्वासमत प्रस्ताव का विरोध करने का ऐलान किया है। इधर, जद (यू) ने विश्वासमत हासिल करने का दावा किया है। बिहार विधानसभा का एकदिवसीय विशेष सत्र शुक्रवार सुबह 11 बजे से बुलाया गया है। इस सत्र में एकमात्र एजेंडा नवगठित सरकार द्वारा पेश विश्वासमत पर विचार-विमर्श और मतदान है। विधानसभा में आंकड़ों का गणित देंखें तो बिहार की 243 सदस्यों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 122 विधायकों की जरूरत है। इसमें भाजपा के 53, जद (यू) के 71, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के दो, लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) के दो और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के एक विधायक सरकार के साथ माने जा रहे हैं। ऐसे में संभावना है कि सरकार को विश्वासमत हासिल करने में दिक्कत नहीं होने वाली है। राजग ने राज्यपाल को 132 विधायकों के समर्थन की सूची सौंपी है।
गुजरात कांग्रेस के मुख्य सचेतक को मिला भाजपा का राज्यसभा टिकट
गुजरात में कांग्रेस के तीन विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और मुख्य सचेतक के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया। कांग्रेस विधायकों के पाला बदलने से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल का राज्यसभा पहुंचा मुश्किल हो सकता है। सिद्धपुर से विधायक मुख्य सचेतक बलवंत सिंह राजपूत को भाजपा ने राज्यसभा की तीसरी सीट के लिए नामित किया है, जिसके लिए अहमद पटेल ने अपना नामांकन भरा है। राजपूत कांग्रेस के बागी नेता शंकर सिंह वाघेला के रिश्तेदार हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह तथा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पार्टी के दो अन्य उम्मीदवारों में से हैं। इस्तीफा देने वाले दो अन्य विधायकों में विरमगम से तेजश्री पटेल तथा विजापुर से विधायक पी.आई.पटेल हैं।
वंदे मातरम गाने को लेकर महाराष्ट्र में नया विवाद
'वंदे मातरम' गाने को लेकर नया विवाद खड़ा करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महाराष्ट्र से विधायक राज पुरोहित ने गुरुवार को घोषणा की है कि वह राष्ट्रीय गीत गाना अनिवार्य करने को लेकर राज्य सरकार से नया कानून लाने के लिए कहेंगे। पुरोहित ने यहां पत्रकारों से कहा, "मैं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अनुरोध करूंगा कि महाराष्ट्र को मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा हाल ही में वंदे मातरम गाना अनिवार्य करने वाले फैसले को महाराष्ट्र में भी अपनाया जाए।" पुरोहित के इस बयान पर तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक अबू असीम आजमी ने कहा कि वह वंदे मातरम का बेहद सम्मान करते हैं, लेकिन वह इसे किसी भी परिस्थिति में नहीं गाएंगे, चाहे कुछ भी हो जाए। आजमी ने कहा, "जब भारत का विभाजन हुआ, तब कहीं यह बात नहीं कही गई कि हम मुस्लिम यदि भारत में रुकते हैं तो हमें इसे गाने के लिए मजबूर किया जाएगा। आप मुझे गोली मार सकते हैं या देश से बाहर फेंक सकते हैं, लेकिन हम इसे नहीं गाएंगे।" आजमी के सुर में सुर मिलाते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-मुसलिमीन (एआईएमआईएम) के विधायक वारिस पठान ने भी घोषणा की है कि उनके सिर पर बंदूक रख दी जाए या गले पर चाकू रख दिया जाए, फिर भी वह वंदे मातरम नहीं गाएंगे।
लोकसभा की कार्यवाही भोजनवकाश के बाद बिना बाधा चली
इस सप्ताह भोजनावकाश के बाद पहली बार गुरुवार को लोकसभा की कार्यवाही सुचारू रूप से चली। इसके पहले विपक्ष ने भीड़ द्वारा पीट पीटकर हत्या (लिंचिंग) की घटनाओं पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा किया जिसके कारण कार्यवाही बाधित हुई थी। सदन की कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के जयप्रकाश नारायण यादव ने बिहार में महागठबंधन से जनता दल (युनाइटेड) के अलग होने तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलकर नई सरकार के गठन का मुद्दा उठाया। यादव को अपनी सीट पर से चिल्लाते हुए देखा गया और उन्होंने इसे 'लोकतंत्र की हत्या' करार दिया। इसके तुरंत बाद कांग्रेस सदस्य अपने छह सांसदों के निलंबन को निरस्त करने की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे और उन्होंने 'मॉब लिंचिंग' पर चर्चा कराने की मांग की। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही लगभग 25 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। कांग्रेस सांसदों की नारेबाजी के बीच प्रश्नकाल के साथ कार्यवाही फिर शुरू हुई। इस दौरान, कांग्रेस सदस्य अध्यक्ष की आसंदी के निकट खड़े थे। प्रश्नकाल के बाद अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों को मुद्दे पर बोलने की अनुमति दी। उन्होंने कहा कि वह चर्चा के खिलाफ नहीं हैं। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने हालांकि कहा कि चर्चा के लिए दो नोटिस दिए जा चुके हैं।
एनआईए का गिलानी के बेटे, 29 अन्य कश्मीरियों को समन
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के बड़े बेटे और 29 अन्य लोगों को पूछताछ के लिए समन भेजा। यह समन जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण के मामले में भेजा गया है। एनआईए के सूत्रों ने कहा कि यह समन नईम गिलानी और सुरक्षा बलों पर पथराव करने वाले अन्य लोगों को भेजा गया है। नसीम गिलानी एक चिकित्सक है और कभी पाकिस्तान में रह चुका है। पहचान जाहिर न करने की शर्त पर एनआईए के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "हमने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी वित्तपोषण मामले की जांच के तहत सैयद अली शाह के बड़े बेटे तथा हुर्रियत नेताओं व उनके रिश्तेदार तथा कुछ पहचाने गए पत्थरबाजों सहित 29 अन्य को समन भेजा है।"अधिकारी ने कहा कि 30 लोगों में से कुछ को एनआईए के दिल्ली मुख्यालय तथा कुछ को श्रीनगर में पेश होने को कहा है। यह समन मामले में सात कश्मीरी अलगाववादियों की गिरफ्तारी के तीन दिन बाद भेजा गया है।
लॉजिस्टिक क्षेत्र को बदलकर रख देगी सागर माला परियोजना : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि केंद्र की महत्वाकांक्षी सागर माला परियोजना लॉजिस्टिक क्षेत्र को बदलकर रख देगी और देश के 7,500 किलोमीटर के तटीय दायरे में रहने वाले लोगों के जीवन में अहम बदलाव लाएगी। यहां रामनाथपुरम में पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे.अब्दुल कलाम के स्मारक का उद्घाटन तथा कई परियोजनाओं को लॉन्च करने के बाद एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि सरकार परियोजना के माध्यम से आयात, निर्यात तथा व्यापार के लिए लॉजिस्टिक की कीमतों को नीचे लाने के काम में लगी है। उन्होंने कहा, "7,500 किलोमीटर लंबे तटीय दायरे में निवेश को आकर्षित करने की अपार क्षमता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए लाॉजिस्टिक परिवहन क्षेत्र को फायदा दिलाने को लेकर तटीय इलाके का दोहन करने के उद्देश्य से हम सागर माला परियोजना का कार्यान्वयन कर रहे हैं।" मोदी ने कहा कि सरकार की योजना तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव लाने की है। मोदी ने रामेश्वरम-अयोध्या श्रद्धा सेतु एक्सप्रेस ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई, जो रामेश्वरम को अयोध्या से जोड़ती है। साथ ही रामेश्वरम से धनुषकोडी के लिए एक सड़क का उद्घाटन किया और गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के लिए मछुआरों को ट्रॉलर दिए।
डोभाल, जिएची की मुलाकात, चीन ने 'प्रमुख समस्याओं' को उठाया
सीमा पर जारी गतिरोध के बीच गुरुवार को चीन की राजधानी में ब्रिक्स देशों के सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) की बैठक से इतर चीन के शीर्ष राजनयिक यांग जिएची ने भारत के एनएसए के साथ बैठक के दौरान नई दिल्ली के साथ संबंधों की 'प्रमुख समस्याओं' को उठाया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों शीर्ष राजनयिकों ने अलग से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। यह हालांकि तत्काल पता नहीं चल पाया है कि चर्चा के दौरान सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच गतिरोध को लेकर उनके बीच बातचीत हुई है या नहीं। दोनों पक्षों के बीच गतिरोध दूसरे महीने में प्रवेश कर गया है। सिन्हुआ के मुताबिक, चीन के स्टेट काउंसिलर यांग ने दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील तथा भारत के सुरक्षा प्रतिनिधियों के साथ अलग-अलग बैठक की और 'द्विपक्षीय संबंधों व प्रमुख समस्याओं पर चीन के रुख का उल्लेख किया।'
ट्रंप के आलोचनापूर्ण बयानों से दुख पहुंचा : जेफ सेशंस
अमेरिका के अटॉर्नी जनरल जेफ सेशंस का कहना है कि रूसी जांच मामले में खुद को अलग रखने पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा उनकी आलोचना से उन्हें दुख पहुंचा है। सेशंस कहते हैं कि इसके बावजूद वह बड़ी शिद्दत के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना जारी रखेंगे। सेशंस ने गुरुवार को फॉक्स न्यूज के साथ साक्षात्कार के दौरान बताया, "देश के राष्ट्रपति एक सशक्त नेता हैं। उनकी बहुत आलोचनाएं की हैं और वह बड़ी दृढ़ता से अपना काम कर रहे हैं और वह चाहते हैं कि हम सभी अपना काम करें।" सेशंस ने फॉक्स न्यूज को बताया, "मुझे राष्ट्रपति के साथ काम करना अच्छा लगता है। यदि वह बदलाव चाहते हैं तो वह ऐसा कर सकते हैं। मेरा विश्वास है कि हम बेहतर काम कर रहे हैं और आगे बढ़ रहे हैं।"
वीवो प्रो कबड्डी लीग सीजन-5 आज से
वीवो प्रो कबड्डी लीग के पांचवें सीजन का आज आगाज होगा। गाचीबावली स्टेडियम में मेजबान तेलुगू टाइटंस और नई प्रवेशी तमिल थालाइवाज के बीच होने वाले मुकाबले के साथ 12 टीमों के बीच अगले सवा तीन महीनों तक चलने वाली रोमांचक प्रतिस्पर्धा का आरंभ होगा। सीजन पांच के तहत 12 आयोजन स्थलों पर कुल 138 मैच खेले जाएंगे। इस लीग में इस साल चार नई टीमों का प्रवेश हुआ है। प्रथम प्रवेशी हरियाणा स्टीलर्स (सोनीपत), गुजरात फार्च्यून जाएंट्स (अहमदाबाद), यूपी योद्धाज (लखनऊ) और तमिल थालाइवाज (चेन्नई) के अलावा मौजूदा चैम्पियन पटना पाइरेट्स (पटना), उपविजेता जयपुर पिंक पैंथर्स (जयपुर), पूर्व चैम्पियन यू मुम्बा (मुम्बई), बंगाल वारियर्स (कोलकाता), बेंगलुरू बुल्स (बेंगलुरू), पुनेरी पल्टन (पुणे) और दिल्ली दबंग (दिल्ली) और तेलुगू टाइटंस (हैदराबाद) अपना दमखम दिखाते हुए खिताब पर कब्जा करना चाहेंगी। यह संस्करण कई मायनों में खास होगा। एक तो इसमें इस बार आठ की बजाय 12 टीमें खेल रही हैं और दूसरा इस साल पुरस्कार राशि में जबरदस्त इजाफा हुआ है। विजेता को तीन करोड़ रुपये मिलेंगे और इसके अलावा दूसरे हकदारों को भी काफी लुभावने पुरस्कार मिलेंगे। इनमें खिलाड़ियों को दिए जाने वाले व्यक्तिगत पुरस्कार भी शामिल हैं।
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