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आंध्र प्रदेश के तिरुपति स्थित विश्व प्रसिद्ध Tirumala Tirupati Devasthanam (TTD) में 8 जनवरी 2025 को Vaikuntha Ekadashi के अवसर पर दर्शन टोकन वितरण के दौरान मची भगदड़ में छह श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई और 40 से अधिक घायल हो गए।
Vaikuntha Ekadashi: भारी भीड़ और टोकन वितरण
वैकुंठ एकादशी के पावन पर्व पर Tirumala Tirupati Devasthanam (TTD) ने 10 से 19 जनवरी तक वैकुंठ द्वार दर्शन की व्यवस्था की थी, जिसके लिए 1.20 लाख टोकन जारी किए जाने थे। 9 जनवरी की सुबह 5 बजे से टोकन वितरण प्रारंभ होना था, लेकिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पहले से ही विभिन्न काउंटरों पर एकत्रित हो गई थी। तिरुपति में इंदिरा मैदान, रामचंद्र पुष्करिणी, श्रीनिवासम कॉम्प्लेक्स, विष्णु निवासम कॉम्प्लेक्स, भूदेवी कॉम्प्लेक्स, भैरगीपट्टेडा रामानायडू हाई स्कूल, एमआर पल्ली जिला परिषद हाई स्कूल, जिवाकोना जिला परिषद हाई स्कूल सहित आठ केंद्रों पर 90 काउंटर स्थापित किए गए थे।
विष्णु निवासम के पास स्थित काउंटर पर अचानक भीड़ बेकाबू हो गई, जिससे भगदड़ मच गई। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में तमिलनाडु के सेलम की एक महिला सहित छह श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई, जबकि 40 से अधिक घायल हो गए। घायलों में से छह की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। सभी घायलों को तत्काल रुइया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका उपचार जारी है।
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने व्यक्त किया शोक
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और उच्च अधिकारियों को तत्काल राहत कार्यों के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, “तिरुमला श्रीवारी वैकुंठ द्वार के दर्शन के लिए टोकन के लिए तिरुपति में विष्णु निवासम के पास भगदड़ में कई भक्तों की मौत ने मुझे स्तब्ध कर दिया है। यह दुखद घटना, जो उस समय घटी जब भक्त बड़ी संख्या में टोकन के लिए एकत्र हुए थे, ने मुझे बहुत परेशान किया।” मुख्यमंत्री ने घायलों को बेहतर चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित करने के आदेश भी दिए।
भीड़ प्रबंधन की चूक पर उठे सवाल, नई रणनीतियां
वैकुंठ एकादशी के अवसर पर तिरुपति मंदिर में हर वर्ष लाखों श्रद्धालु भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के लिए आते हैं। इस वर्ष भी बड़ी संख्या में भक्तों की उपस्थिति के कारण प्रशासन ने विशेष प्रबंध किए थे, लेकिन अत्यधिक भीड़ के चलते यह हादसा हो गया। टीटीडी ने श्रद्धालुओं से संयम बरतने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।
इस घटना के बाद मंदिर प्रशासन ने टोकन वितरण प्रक्रिया की समीक्षा करने और भीड़ प्रबंधन के लिए अतिरिक्त उपाय करने का निर्णय लिया है। सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के लिए स्थानीय पुलिस और स्वयंसेवकों की संख्या बढ़ाई जाएगी, ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
तिरुपति बालाजी मंदिर में इससे पूर्व भी भीड़ के कारण दुर्घटनाएं हुई हैं, लेकिन इस बार की घटना ने प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे आयोजनों के दौरान भीड़ प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीकों और पूर्वानुमानित योजनाओं का उपयोग आवश्यक है, ताकि इस प्रकार की त्रासदियों से बचा जा सके।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर टीटीडी ने आगामी आयोजनों के लिए नई रणनीतियों पर विचार करने की घोषणा की है। साथ ही, उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे धैर्य बनाए रखें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें, ताकि सभी भक्त सुरक्षित रूप से भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन कर सकें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर शोक व्यक्त किया
इस दुखद घटना ने पूरे देश में शोक की लहर पैदा कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
मुआवजे की घोषणा और आश्वासन
तिरुपति मंदिर प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की है और घायलों के उपचार का पूरा खर्च वहन करने का आश्वासन दिया है। साथ ही, उन्होंने भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने का संकल्प लिया है।
प्रशासन ने विश्वास दिलाया है कि सुरक्षा के सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं और भक्त बिना किसी भय के भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन कर सकते हैं।
तिरुपति बालाजी मंदिर में हुई इस भगदड़ ने भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की महत्वपूर्णता को एक बार फिर उजागर किया है। आशा है कि प्रशासन भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।