मुफ्त कॉल के बदले खराब सेवा का बहाना नहीं बना सकतीं टेलीकॉम कंपनियां : ट्राई
कई दूरसंचार कंपनियों के साथ कॉल कटने यानि ड्रॉप होने ही समस्या बढ़ गई है। इसके लिए टेलीकॉम कंपनियां कहती हैं कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि उनके ऊपर मुफ्त वॉयस कॉल देने का दबाव है। इस बारे में बात करते हुए दूरसंचार विनियामक प्रधाधिकरण (ट्राई) के चेयरमैन आरएस शर्मा ने एशिया आर्थिक संवाद कार्यक्रम में कहा कि कॉल ड्रॉप की मुद्दा ट्राई के लिए अहम रहेगा। इस सम्मेलन का आयोजन विदेश मंत्रालय और पुणे अंतरराष्ट्रीय केंद्र के सहयोग से किया गया। आरएस शर्मा ने कहा कि कॉल ड्रॉप को लेकर ट्राई के कंपनियों पर जुर्माना तय करने को उच्चतम न्यायालय में चुनौr दी गई लेकिन हम सेवा को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहेंगे।
उन्होंने कहा कि ज्यादातर दूरसंचार कंपनियां फ्री कॉल की सुविधा दे रही हैं। उनका कहना है कि जब हम कॉल के लिए पैसे नहीं ले रहे तो कॉल की गुणवत्ता सुधारने के लिए खर्च कहां से करें। उनका ये भी कहना है कि जब कंपनियों को कुछ फायदा नहीं मिल रहा तो ट्राई उन पर कितना दंड लगा सकता है। इस बारे में शर्मा ने कहा कि कंपनियों की लागत अन्य सेवाओं से निकल रही है इसलिए ट्राई कॉल की गुणवत्ता सुधारने को अपने एजेंडा में हमेशा रखेगा।
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रिलायंस जिओ के बाजार में आने के बाद से टेलीकॉम कंपनियों के ऊपर मुफ्त वॉयस कॉल देने का दबाव बन गया था और ये सुविधा ज्यादातर कंपनियों को शुरू करनी पड़ी। कॉल से कंपनियों की आय का एक बड़ा हिस्सा आता था इसलिए उन पर इसका काफी बुरा असर पड़ा। लेकिन कॉल ड्रॉप की समस्या से आज भी ज्यादातर लोग परेशान हैं। शर्मा ने कहा कि वह कॉल ड्रॉप की समस्या के बारे में अच्छे से जानते हैं और इसे सुधारने की दिशा में प्रयासरत हैं। ट्राई के अधिकारी सड़कों, रेलगाड़ियों और अन्य व्यस्त स्थानों पर मानक परीक्षण करते हैं। यदि किसी सेवाप्रदाता की सेवा गुणवत्ता खराब पायी जाती है, तो उसे दंडित किया जाता है।
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