राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू करने को लेकर टॉस्क फोर्स की हुई बैठक
केंद्र सरकार की तरफ से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को मंजूरी दे दी गई है। केंद्र सरकार की तरफ से मंजूरी दिए जाने के बाद उसको प्रदेश में लागू करने को लेकर अब नीतियां बनाई जा रही है। इसी कड़ी में सोमवार को उत्तर प्रदेश के शिक्षाधिकारियों के साथ में डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में बैठक हुई। प्रदेश के शिक्षण संस्थाओं में क्रियान्वयन हेतु गठित टास्क फोर्स की पांचवीं बैठक सम्पन्न हुई। इस बैठक में उच्च शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग, प्राविधिक शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा विभाग तथा बेसिक शिक्षा शिक्षा विभाग द्वारा नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के दिशा में किए गए प्रयासों की कार्ययोजना प्रस्तुत किया गया। वहीं, इसके क्रियान्वयन को लेकर अधिकारियों ने सुझाव भी दिए और लागू करने में आने वाले परेशानियों से भी अवगत कराया। इस बैठक में बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों की तरफ से रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई।
कोविड वैक्सीन का टीकाकरण प्रदेश में शुरू, 6 अलग जगहों पर हुआ ड्राई रन
उपमुख्यमंत्री तथा टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 के प्रदेश में क्रियान्वयन के संबंध में गठित टास्क फोर्स का मूल मंत्र है कि नई शिक्षा नीति निचले स्तर तक किस प्रकार से सही एवं पारदर्शी ढंग से लागू किया जा सके, जिससे इसका लाभ सीधे छात्रों को भविष्य में मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में डिजिटल लाइब्रेरी को प्रारंभ किया गया है। शिक्षा को रोजगार के साथ जोड़ने के लिए लघु उद्योग विभाग एवं अन्य विभागों के साथ एमओयू भी किया जा रहा है। इस बैठक में नई दिल्ली से आए शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठरी ने क्रियान्वयन की दिशा में उत्तर प्रदेश में बहुत ही अच्छा प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि विद्यार्थियों को स्नातक स्तर के प्रथम वर्ष में शोध का ज्ञान प्रदान किया जाना चाहिए, उन्हें अपनी भाषा में शोध करने की अनुमति दी जानी चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में काम्प्रिहेंसिव एवं हॉलिस्टिक एप्रोच होना चाहिए। समाज को इससे जोड़ना होगा तथा शैक्षिक वातावरण तैयार करना होगा। जिला स्तर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर मंथन हेतु शिक्षक, अधिकरी, समाजिक संगठन एंव अभिभावकों, छात्रों की एक समिति बनायी जानी चाहिए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव प्राविधिक शिक्षा एवं व्यावसायिक शिक्षा एस राधा चैहान, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग, अप्र मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा विभाग रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला, पूर्व माध्यमिक शिक्षा निदेशक कृष्ण मोहन त्रिपाठी, पूर्व अध्यक्ष केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अशोक गांगुली, प्रोफेसर अरविंद मोहन अर्थशास्त्र विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय, अंग्रेजी विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय डॉक्टर निशी पांडे, उर्दू विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय डॉक्टर अब्बास नैयर, विशेष सचिव उच्च शिक्षा श्री अब्दुल समद, विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा, श्री उदय भान त्रिपाठी एवं अन्य उपस्थित थे। इसके साथ ही जूम एप के माध्यम से श्री वी पी खंडेलवाल भी बैठक में शामिल हुए।
पूर्वांचल विकास निधि के लिए करोड़ों रुपये सरकार ने किए मंजूर
संबंधित खबरें
सोसाइटी से
अन्य खबरें
Loading next News...