महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री कौन होगा…इस बात पर सस्पेंस खत्म नहीं हो पा रहा है। अब कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा-
“मैं आम लोगों के लिए काम करता हूं। मैं जनता का मुख्यमंत्री हूं। इसी वजह से लोग मानते हैं कि मुझे ही मुख्यमंत्री बनना चाहिए।”
इस बीच सूत्रों के मुताबिक अब भाजपा विधायक दल की बैठक 3 दिसंबर को होगी। दिल्ली से दो ऑब्जर्वर मुंबई आएंगे और विधायकों से चर्चा के बाद आधिकारिक रूप से सीएम फेस अनाउंस करेंगे।
महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने शनिवार को कहा था-
“नई महायुति सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर की शाम को दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें भाग लेंगे। हालांकि, अभी इस बात की कोई घोषणा नहीं हुई कि मुख्यमंत्री कौन होगा।”
देवेंन्द्र फडणवीस सीएम पद की रेस में सबसे आगे
भाजपा सूत्रों की मानें तो देवेंद्र फडणवीस इस पद के लिए रेस में सबसे आगे हैं। वह दो बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पिछली सरकार में डिप्टी सीएम थे। महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे 29 नवंबर को सतारा जिले में अपने पैतृक गांव दारे चले गए थे। शनिवार को उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। मुंबई से आए डॉक्टरों ने उनका इलाज किया। अब वे ठीक हैं। रविवार को शिंदे सतारा के एक मंदिर गए और कुछ देर बाद मीडिया से बातचीत भी की। उन्होंने कहा-
“मैं अब ठीक हूं। व्यस्त चुनावी कार्यक्रम के बाद मैं यहां आराम करने आया था। खींचतान को लेकर उनसे तीन बार सवाल किया गया, लेकिन शिंदे ने जवाब नहीं दिया। शाम को वे सतारा से मुंबई पहुंचे।”
महाराष्ट्र की सियासत में चुनाव परिणाम आने से लेकर अभी तक क्या-क्या हुआ
23 नवंबर: महाराष्ट्र विधानसभा का परिणाम आया। महायुति को 230 सीटों पर जीत हासिल हुई। भाजपा ने 132, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) ने 57 और NCP(अजित पवार) ने 41 सीटें जीतीं। शिंदे बोले थे-
“सीएम तीनों पार्टियां मिलकर तय करेंगी।”
फडणवीस ने कहाथा-
“एक हैं तो सेफ हैं।”
25 नवंबर:एक मुख्यमंत्री और दो डिप्टी सीएम का फॉर्मूला तय हुआ। महायुति की पार्टियों में हर 6-7 विधायक पर एक मंत्री पद के फॉर्मूला की बात सामने आई। इस हिसाब से भाजपा के 22-24, शिदे गुट के 10-12 और अजित गुट के 8-10 विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है।
27 नवंबर:ठाणे में कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा-
“भाजपा का सीएम हमें मंजूर है। मुझे पद की लालसा नहीं। जब मैं मुख्यमंत्री था तब मोदी जी मेरे साथ खड़े रहे। अब वो जो फैसला लेंगे स्वीकार होगा।”
28 नवंबर: एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने दिल्ली में करीब ढाई घंटे तक गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मीटिंग की। शिंदे ने आधे घंटे तक शाह से अकेले मुलाकात की। हाईकमान ने शिंदे को डिप्टी सीएम या केंद्र में मंत्री पद का ऑफर किया।
29 नवंबर: महायुति की बैठक टाल दी गई। एकनाथ शिंदे अचानक सतारा चले गए। शिवसेना मुख्यमंत्री पद के बदले गृह और वित्त मंत्रालय मांग रही है। शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा-
“अगर शिंदे डिप्टी सीएम का पद स्वीकार नहीं करते हैं तो पार्टी से ही दूसरा चेहरा ये पद संभालेगा।”
30 नवंबर: शपथ ग्रहण समारोह की तारीख सामने आई। अजित पवार ने साफ कर दिया कि सीएम भाजपा से होगा और शिवसेना-NCP के डिप्टी सीएम होंगे।
गृह और वित्त मंत्रालय पर बात अटकी
शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के पास ही गृह मंत्रालय था। वो इस मंत्रालय को छोड़ना नहीं चाहते हैं। वहीं शिंदे गुट का तर्क है कि अगर डिप्टी सीएम का पद हमें ल रहा है तो गृह मंत्रालय भी उन्हें ही मिलना चाहिए। शाह के साथ बैठक में भी इसका हल नहीं निकल पाया। पहले गृह मंत्रालय देवेन्द्र फडणवीस के पास था। माना जा रहा है कि इस विवाद के चलते शाह की बैठक में कैबिनेट गठन पर कोई समाधान नहीं निकल सका। विशेषज्ञों भी मानते हैं कि बीजेपी गृह मंत्री का पद कभी हाथ से नहीं जाने देगी।
सूत्रों के मुताबिक, शाह से चर्चा के बाद भी विभागों को लेकर गठबंधन में खींचतान मची हुई है। भाजपा गृह, राजस्व, उच्च शिक्षा, कानून, ऊर्जा, ग्रामीण विकास अपने पास रखना चाहती है। उन्होंने शिवसेना को हेल्थ, शहरी विकास, सार्वजनिक कार्य, उद्योग ऑफर किया है। वहीं NCP अजित गुट को वित्त, योजना, सहयोगऔर कृषि जैसे विभाग देने की पेशकश की है।
आइए जानते हैं शिंदे गुट के पास मौजूद 9 विभाग को…
1. दिव्यांगता कल्याण-शिक्षा विभाग
2. जलापूर्ति विभाग
3. सोशल वर्क, एक्लॉयमेंट विभाग
4. मृदा और जल संरक्षण विभाग
5. इंडस्ट्रीज विभाग
6. सार्वजनिक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग
7. अल्पसंख्यक विभाग
8. स्कूली शिक्षा विभाग
9. राज्य उत्पाद विभाग
तो यह होगा महाराष्ट्र कैबिनेट का फॉर्मूला…
नई सरकार में सीएम और दो डिप्टी सीएम के साथ 43 मंत्री शामिल होंगे। इनमें भाजपा को 20-23, शिंदे गुट को 11 और अजित गुट को 9 मंत्री पद मिलने की संभावना है। इससे पहले शिंदे सरकार में 28 मंत्री थे और शिंदे के पास सबसे ज्यादा 11, भाजपा के पास 9 और अजित पवार गुट के पास 8 मंत्री थे। इस समय भाजपा विधायकों की संख्या ज्यादा होने से मंत्रियों की संख्या भी बढ़ेगी। इसके अलावा एकनाथ शिंदे को मनाने के लिए भाजपा ने उन्हें केंद्र में एक मंत्री पद ऑफर किया है। उनके बेटे श्रीकांत या पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता को मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। इसके अलावा चर्चा इस बात की भी है कि अजित गुट की मोदी कैबिनेट में एक सीट खाली है। प्रफुल्ल पटेल मंत्री बन सकते हैं।
महाराष्ट्र के राजनीतिक हलचल पर नेताओं के बयान
शिवसेना सांसद संजय राउत बोले-
“महाराष्ट्र की कार्यवाहक सरकार संविधान के खिलाफ है। अभी तक किसी ने सरकार बनाने का दावा नहीं किया है। मुख्यमंत्री कौन होगा? इस पर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। सरकार बनाने के लिए अभी तक राज्यपाल से कोई नहीं मिला है। इन सबके लिए जस्टिस चंद्रचूड़ जिम्मेदार हैं। नागपुर में बैठे बावनकुले आदेश देते हैं कि 5 तारीख को शपथ समारोह होगा, क्या उन्हें राज्यपाल बनाया गया है? राज्यपाल को यहां राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए। चाहे अजमेर हो या संभल, चंद्रचूड़ आग लगाने के बाद रिटायर हुए हैं। आज देश की जो हालत है उसके लिए सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार है। चंद्रचूड़ को जिम्मेदारी लेनी चाहिए।”
शिवसेना (UBT) नेताआदित्य ठाकरे बोले-
“आदित्य ठाकरे ने रविवार को दावा किया कि विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा के एक सप्ता से अधिक समय बाद भी महायुति द्वारा मुख्यमंत्री का फैसला न कर पाना और सरकार न बना पाना महाराष्ट्र का अपमान है।”
महायुति के सबसे बड़े घटक भाजपा पर निशाने साधते हुए ठाकरे ने कहा-
“सरकार बनान का दावा किए बिना ही शपथ ग्रहण की तारीख एकतरफा घोषित करना पूरी तरह अराजकता है। राज्य में अभी तक राष्ट्रपति शासन क्यों नहीं लगाया गया है?”
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रावसाहेब दानवे ने किसी का नाम लिए बिना कहारविवार को कहा-
“महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री का नाम तय हो गया है, बस पार्टी हाईकमान की मंजूरी का इंतजार है। महाराष्ट्र के लोग जानते हैं कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। राज्य मंत्रिमंडल में किसे शामिल करना है, यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है।”
महाराष्ट्र प्रमुख सुनील तटकरे ने कहा-
“शपथ ग्रहण 5 दिसंबर को होगा। भाजपा ने अब तक विधायक दल का नेता तय नहीं किया है। हम एक साथ बैठकर तय करेंगे कि क्या केवल मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ही शपथ लेंगे या मंत्री भी शामिल होंगे। NCP पहले ही कह चुकी है कि फडणवीश मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार हैं।”