सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला, घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को देगा राहत
सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है। न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि ससुराल से जबरदस्ती निकाली गई महिला अब कहीं भी रह रही हो वहां से अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सकती है।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि महिला अब अपने ससुराल वालों के खिलाफ कहीं से भी शिकायत दर्ज करा सकती है ये जरूरी नहीं है कि वहां उसका वैवाहिक घर है। कोर्ट ने कहा की पीड़िता या तो अपने माता पिता के घर से या फिर जहां उसने शरण ली हुई है, वहीं से कार्रवाई शुरू कर सकती है। पीठ ने कहा कि इसके अलावा जहां महिला शादी के पहले और बाद में रह रही थी, जिस जगह पर उसने शरण ले रखी है वहां से भी वह विवाह संबंधी मामले दर्ज करा सकती है।
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बता दें कि उच्चतम न्यायालय का फैसला उत्तर प्रदेश की रुपाली देवी की याचिका पर आया है। अभी तक के नियमों के अनुसार, महिला को उसी जगह से केस दर्ज करवाना पड़ता था, जहां उसका वैवाहिक घर है। ऐसे में कई बार महिलाओं को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है क्योंकि अगर वो किसी दूसरे शहर में जाकर रहने लगी हों तो बार-बार पुलिस स्टेशन और कोर्ट के चक्कर काटने में परेशानी होती थी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की पीठ के इस फैसले से महिलाओं को काफी हद तक राहत मिलेगी।
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