
रूस ने भारत के लिए अपने Su-57E स्टील्थ फाइटर जेट का एक नया प्रस्ताव रखा है। यह सौदा भारतीय वायुसेना (IAF) की फिफ्थ जेनरेशन फाइटर एयरक्राफ्ट (FGFA) की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है। रूस का यह फाइटर जेट 2025 के एरो इंडिया शो में बेंगलुरु के येलहंका एयरबेस पर प्रदर्शित किया जाएगा।
रूस का प्रस्ताव: Su-57 भारत के लिए कितना उपयोगी?
रूसी रक्षा निर्यातक रोसोबोरोनेक्सपोर्ट (Rosoboronexport) ने घोषणा की है कि वह भारत को Su-57E की आपूर्ति, इसके संयुक्त उत्पादन और भारतीय फिफ्थ जेनरेशन फाइटर प्रोग्राम में सहयोग की पेशकश कर रहा है।
रूसी यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन (UAC) के सीईओ वादिम बाडेखा ने कहा,
“भारत हमारा रणनीतिक साझेदार है और रूसी रक्षा तकनीक का बड़ा उपयोगकर्ता रहा है। हम इस सहयोग को अगले स्तर तक ले जाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।”
भारत और Su-57: FGFA प्रोग्राम का अधूरा सफर
भारत और रूस ने 2007 में संयुक्त रूप से FGFA विकसित करने के लिए एक समझौता किया था। यह Su-57 के प्रोटोटाइप T-50 पर आधारित एक ट्विन-सीट फाइटर बनने वाला था। हालांकि, लागत, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और डिलीवरी को लेकर असहमति के कारण 2018 में भारत ने इस प्रोजेक्ट से खुद को अलग कर लिया था।
तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था,
“भारत ने रूस को स्वतंत्र रूप से इस प्रोजेक्ट को जारी रखने की अनुमति दे दी है, लेकिन भविष्य में इसे खरीदने का विकल्प खुला रखा है।”
क्या अब भारत Su-57 में दिलचस्पी लेगा?
रूस ने अब Su-57 में कई अपग्रेड किए हैं, जो इसे भारतीय वायुसेना के लिए आकर्षक बना सकते हैं:
- नया AL-51 स्टेज-2 इंजन: यह सुपरक्रूज़ क्षमता देता है, जिससे विमान बिना आफ्टरबर्नर के Mach 1.6 तक उड़ सकता है।
- बेहतर स्टील्थ फीचर्स: इसके नए चेवरोन नोजल डिज़ाइन से इंफ्रारेड और रडार सिग्नेचर कम हो गया है।
- अत्याधुनिक हथियार प्रणाली: यह अब कई प्रकार के मिसाइलों और बमों से लैस हो सकता है।
- ट्विन-सीट वेरिएंट: भारत यदि FGFA को फिर से अपनाता है, तो उसे रूस के विकसित नए ट्विन-सीट वेरिएंट का लाभ मिलेगा।
चीन और पाकिस्तान का स्टील्थ जेट प्लान: भारत के लिए खतरा?
भारत के दो प्रमुख प्रतिद्वंद्वी, चीन और पाकिस्तान, स्टील्थ फाइटर विमानों की तैनाती बढ़ा रहे हैं।
- चीन: 2030 तक लगभग 300 J-20 स्टील्थ फाइटर रखने की योजना बना रहा है।
- पाकिस्तान: चीनी J-31 स्टील्थ जेट खरीदने की योजना बना रहा है और तुर्की के साथ मिलकर KAAN स्टील्थ जेट का निर्माण भी कर सकता है।
ऐसे में भारतीय वायुसेना के पास स्टील्थ क्षमता में बढ़त बनाए रखने के लिए Su-57 एक व्यवहारिक विकल्प हो सकता है।
क्या भारत Su-57 खरीदेगा?
हाल ही में ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में दावा किया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2024 में रूस यात्रा के दौरान Su-57 पर बातचीत हुई थी। हालांकि, भारत ने अभी तक अमेरिकी F-35 स्टील्थ फाइटर में रुचि नहीं दिखाई है, जिससे संकेत मिलता है कि वह रूसी विकल्प पर विचार कर सकता है।
Su-57E का भारतीय एरो इंडिया 2025 में प्रदर्शन यह संकेत देता है कि रूस भारत के साथ फिर से स्टील्थ फाइटर डील को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। भारतीय वायुसेना को यदि भविष्य में चीन और पाकिस्तान की चुनौती का सामना करना है, तो उसे जल्द ही अपनी स्टील्थ फाइटर योजना को स्पष्ट करना होगा।
अब देखना यह है कि क्या भारत रूस के इस “गोल्डन डील” को अपनाएगा या अपने स्वदेशी AMCA प्रोजेक्ट पर ध्यान केंद्रित करेगा?