बजट से जुड़ी ये बातें पता हैं आपको?

2023 के लिए बजट तैयार करने की प्रक्रिया का अंतिम चरण 26 जनवरी को नॉर्थ ब्लॉक में पारंपरिक हलवा समारोह के साथ शुरू हुआ। यहीं वित्त मंत्रालय स्थित है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। कोविड के बाद से इस साल हलवा सेरेमनी फिर से शुरू हुई है। हम आपको बताएंगे बजट से जुड़े कुछ फैक्ट्स
स्वतंत्रता-पूर्व भारत का पहला बजट 7 अप्रैल, 1860 को ईस्ट इंडिया कंपनी के स्कॉटिश अर्थशास्त्री और राजनेता जेम्स विल्सन द्वारा ब्रिटिश क्राउन को प्रस्तुत किया गया था। 26 नवंबर, 1947 को तत्कालीन वित्त मंत्री आर के शनमुखम चेट्टी ने आजादी के बाद भारत का पहला बजट पेश किया।
इतिहास में सबसे ज्यादा बजट पेश करने का रिकॉर्ड पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम है। 1962 से 1969 तक वित्त मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने दस बजट पेश किए, इसके बाद पी चिदंबरम ने नौ और प्रणब मुखर्जी ने आठ बजट पेश किये।
क्या है बजट हलवा सेरेमनी?

बजट पेश किए जाने से कुछ दिन पहले, हलवा समारोह होता है। इसमें एक बड़ी कढ़ाई में हलवा होता है जिसे वित्त मंत्री एक चमचे से हिलाते हैं। और फिर मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के सदस्यों को मिठाई बांटी जाती है। यह हलवा समारोह बजट के 'लॉक-इन' अवधि की शुरुआत का प्रतीक है। हलवा परोसने के बाद, बजट प्रक्रिया से सीधे जुड़े अधिकारी और सहायक कर्मचारी - इसकी तैयारी और छपाई के बाद बजट पेश होने तक, अपने परिवारों सहित सभी से दूर नॉर्थ ब्लॉक में रहते हैं। यह केंद्रीय बजट की गोपनीयता बनाए रखने के लिए किया जाता है।
वित्त मंत्री जब लोकसभा में बजट भाषण दे देते हैं उसके बाद ही लॉक-इन अवधि खत्म होती है। हलवा उन सभी के लिए सराहना का एक संकेत होता है जो बजट के लिए काम करते हैं।
सरकार 2021 से पेपरलेस बजट में चली गई है। बजट प्रतियों को प्रिंट करने में जो समय लगता था अब वो नहीं लगता इसलिए लॉक-इन अवधि अब कम हो गई है।
प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के अनुसार, बजट से संबंधित दस्तावेज नॉर्थ ब्लॉक में एक समर्पित सरकारी प्रेस पर प्रिंट किये जाते हैं। पीटीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे पहले, दस्तावेजों को राष्ट्रपति भवन में प्रिंट किया गया था, लेकिन 1950 में दस्तावेजों के लीक होने के बाद इसे राष्ट्रीय राजधानी में मिंटो रोड पर एक प्रेस में स्थानांतरित कर दिया गया था और 1980 में नॉर्थ ब्लॉक में स्थानांतरित कर दिया गया।
पेपरलेस बजट
पीआईबी के अनुसार, केंद्रीय बजट 2023-24 भी कागज रहित ही होगा। यह पूरा बजट केंद्रीय बजट मोबाइल ऐप पर उपलब्ध होगा। डिजिटल सुविधा के सरलतम रूप का इस्तेमाल करके संसद सदस्यों और आम जनता तक इस बजट की पहुंच इससे आसान हो जाएगी। यह बजट अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में होगाज़ जो एंड्रॉइड और आईओएस दोनों प्लेटफॉर्म पर मिलेगा। बजट को केंद्रीय बजट वेब पोर्टल www.indiabudget.gov.in से भी डाउनलोड किया जा सकता है। 1 फरवरी, 2023 को संसद में वित्त मंत्री द्वारा बजट भाषण पूरा होने के बाद बजट दस्तावेज मोबाइल ऐप पर उपलब्ध होंगे।
अटैची और बही खाता
2018 तक, वित्त मंत्री ब्रिटिश काल की परंपरा, एक ब्रीफकेस में बजट के कागजात संसद में ले जाते थे। हालांकि, 2019 में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण दस्तावेजों को एक लाल कपड़े में एक तार से बांधकर लाईं, जिस पर राष्ट्रीय प्रतीक उभरा हुआ था। लाल रंग के कपड़े आमतौर पर धार्मिक ग्रंथों को ढकने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
तत्कालीन मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने इसे "पश्चिमी सभ्यता की दासता से प्रस्थान" का संकेत बताया था। उन्होंने कहा था कि यह भारतीय परंपरा है। यह पश्चिमी विचारों की गुलामी से हमारे प्रस्थान का प्रतीक है। यह बजट नहीं बल्कि बही खाता है।' पीटीआई के मुताबिक, बजट के पेपरलेस होने के बाद सीतारमण ने इसे टैब पर पढा था। पिछले साल वह इस टैब को ही लाल कपड़े में ढककर लायी थीं।
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