
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार, 4 मार्च 2025 को मोदी सरकार पर सूचना का अधिकार (RTI) कानून को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार “डेटा संरक्षण (Data Protection)” के नाम पर आरटीआई को कमजोर कर रही है, जिससे जनता को महत्वपूर्ण सूचनाओं से वंचित किया जा रहा है।
खड़गे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी आरटीआई को कमजोर नहीं होने देगी और इस मुद्दे को संसद से लेकर सड़कों तक उठाएगी।
खड़गे ने लगाए मोदी सरकार पर आरोप
मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए कहा,
“एक तरफ भारत गलत सूचना और भ्रामक सूचना के मामलों में शीर्ष स्थान पर है, और दूसरी तरफ मोदी सरकार कांग्रेस-यूपीए (UPA) द्वारा लागू किए गए आरटीआई कानून को कमजोर करने पर तुली हुई है।”
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार डेटा संरक्षण कानून के नाम पर आरटीआई को कमजोर कर जनता से पारदर्शिता का अधिकार छीनने की कोशिश कर रही है।
RTI कमजोर होने से जनता को क्या नुकसान होगा?
खड़गे ने कहा कि सरकार की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जनता को निम्नलिखित जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होनी चाहिए—
- राशन कार्ड धारकों की सूची
- मनरेगा (MGNREGA) के लाभार्थी मजदूरों की जानकारी
- सार्वजनिक कल्याणकारी योजनाओं में शामिल लाभार्थियों के नाम
- चुनावी मतदाता सूची (Voter List)
- उन अरबपति घोटालेबाजों के नाम, जो सरकारी बैंकों से लोन लेकर विदेश भाग गए
उन्होंने कहा कि ये सभी जानकारियां जनता के लिए सार्वजनिक होनी चाहिए ताकि पारदर्शिता बनी रहे। लेकिन मोदी सरकार “डेटा संरक्षण” का बहाना बनाकर इन सूचनाओं को छिपाना चाहती है।
आरटीआई बनाम निजता का अधिकार
खड़गे ने स्पष्ट किया कि निजता का अधिकार (Right to Privacy) भी एक मौलिक अधिकार है और कांग्रेस ने हमेशा इसका समर्थन किया है। सार्वजनिक कल्याण के मामलों में सूचना का अधिकार (RTI) आवश्यक है। कांग्रेस सरकार द्वारा लागू किए गए आरटीआई कानून में पहले से ही निजता का ध्यान रखा गया था। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि जनता को सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों या घोटालेबाजों की जानकारी से वंचित कर दिया जाए।
कांग्रेस की लड़ाई जारी रहेगी
खड़गे ने मोदी सरकार को तानाशाही करार देते हुए कहा,
“कांग्रेस पार्टी आरटीआई को कमजोर नहीं होने देगी। हमने पहले भी इस मुद्दे पर आवाज उठाई है और आगे भी संसद से लेकर सड़कों तक संघर्ष जारी रखेंगे। हम जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए इस तानाशाही सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ते रहेंगे!”
आरटीआई (RTI) क्या है?
सूचना का अधिकार (Right to Information – RTI) कानून 2005 भारत सरकार द्वारा पारित एक महत्वपूर्ण अधिनियम है, जो किसी भी नागरिक को सरकारी विभागों से जानकारी प्राप्त करने का अधिकार देता है।
यह कानून सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया था, ताकि नागरिक सरकारी कार्यों के बारे में जान सकें और भ्रष्टाचार को रोकने में मदद कर सकें।
आरटीआई कानून से जुड़े कुछ प्रमुख मामले
कॉमनवेल्थ घोटाला (2010)
आरटीआई के माध्यम से सरकार के ₹70,000 करोड़ के घोटाले का खुलासा हुआ।
आदर्श सोसाइटी घोटाला (2010)
आरटीआई के तहत दस्तावेज़ हासिल कर यह सामने आया कि सेना की जमीन पर अवैध तरीके से फ्लैट बनाए गए।
2G स्पेक्ट्रम घोटाला (2008)
आरटीआई के जरिये सरकार द्वारा 2G स्पेक्ट्रम आवंटन में हुई अनियमितताओं का पता चला, जिससे ₹1.76 लाख करोड़ का घोटाला सामने आया।
व्यक्तिगत मामलों में आरटीआई की भूमिका
कई नागरिकों ने राशन कार्ड, पेंशन, ड्राइविंग लाइसेंस और सरकारी नौकरियों से संबंधित जानकारी आरटीआई के माध्यम से प्राप्त की है।