RTE ADMISSION 2025: बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा का मौका, 1 मार्च से आरटीई आवेदन प्रक्रिया शुरू, ये है प्रोसेस

शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में पहली कक्षा में निःशुल्क प्रवेश के लिए तीसरे चरण की आवेदन प्रक्रिया 1 मार्च से 19 मार्च तक चलेगी। यदि किसी अभिभावक ने अभी तक अपने बच्चे के लिए आवेदन नहीं किया है, तो वे इस चरण में आवेदन कर सकते हैं।

पहले के दो चरणों में आवेदन निरस्त होने वाले बच्चे फिर कर सकते हैं आवेदन

पहले के दो चरणों में कई बच्चों के आवेदन किसी न किसी त्रुटि के कारण निरस्त हो गए थे। ऐसे बच्चे इस बार दोबारा आवेदन कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी चयनित बच्चों को प्रवेश मिले, शिक्षा विभाग ने इस बार 1 दिसंबर से ही आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी थी।

कैसे करें आवेदन?

ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:

  1. वेबसाइट पर जाएं: https://rte25.upsdc.gov.in
  2. नवीन आवेदन (New Registration) पर क्लिक करें।
  3. आवश्यक विवरण भरें – बच्चे का नाम, माता-पिता का नाम, जन्म तिथि, पता आदि।
  4. आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
  5. भविष्य के संदर्भ के लिए आवेदन का प्रिंटआउट लें।

महत्वपूर्ण तिथियाँ

क्र.प्रक्रियातिथि
1आवेदन प्रारंभ1 मार्च
2अंतिम तिथि19 मार्च
3सत्यापन प्रक्रिया20 से 23 मार्च
4लॉटरी24 मार्च
5स्कूल आवंटन28 मार्च

कौन कर सकता है आवेदन?

  • केवल तीन से सात वर्ष की उम्र के बच्चे ही आवेदन कर सकते हैं।
  • आवेदक को उसी वार्ड या ग्राम पंचायत के स्कूल के लिए आवेदन करना होगा, जहाँ वह रहता है।

आवश्यक दस्तावेज

  1. सामान्य वर्ग के लिए अभिभावक का आय प्रमाणपत्र (वार्षिक आय 1 लाख रुपये से कम होनी चाहिए)।
  2. ओबीसी/एससी/एसटी वर्ग के लिए जाति प्रमाणपत्र।
  3. बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र (नगर निगम द्वारा जारी)।
  4. अभिभावक का निवास प्रमाणपत्र।

दूसरे चरण में 4812 आवेदन हुए

दूसरे चरण में 4812 बच्चों ने आवेदन किया था और सभी का सत्यापन पूरा हो चुका है। अब स्कूल आवंटन की प्रक्रिया चल रही है।

बीएसए राम प्रवेश ने बताया कि आरटीई के तहत कुल चार चरणों में आवेदन लिए जा रहे हैं और चयनित बच्चों को 31 मार्च तक निःशुल्क प्रवेश दिलाने का लक्ष्य रखा गया है

महत्वपूर्ण निर्देश

  • सभी अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि आवेदन प्रक्रिया के दौरान सही जानकारी भरें और आवश्यक दस्तावेज पहले से तैयार रखें।
  • गलत जानकारी देने पर आवेदन निरस्त हो सकता है।
  • लॉटरी प्रक्रिया के बाद चयनित बच्चों को निर्धारित स्कूल में प्रवेश मिलेगा।

यदि आप चाहते हैं कि आपका बच्चा आरटीई के तहत निःशुल्क शिक्षा का लाभ उठाए, तो 1 मार्च से पहले सभी दस्तावेज तैयार रखें और समय पर आवेदन करें।

आरटीई (RTE) क्या है?

शिक्षा का अधिकार अधिनियम (Right to Education – RTE) 2009 एक महत्वपूर्ण कानून है, जिसे भारत सरकार ने शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाने के लिए लागू किया। इस अधिनियम के तहत 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को निःशुल्क और अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना सभी सरकारी और मान्यता प्राप्त स्कूलों की जिम्मेदारी है।

आरटीई कब और क्यों लाया गया?

  • शिक्षा का अधिकार अधिनियम 4 अगस्त 2009 को संसद में पारित किया गया और इसे 1 अप्रैल 2010 से पूरे भारत में लागू कर दिया गया।
  • भारत में बहुत से बच्चे गरीबी, भेदभाव और संसाधनों की कमी के कारण स्कूल नहीं जा पाते थे। यह सुनिश्चित करने के लिए कि हर बच्चे को समान शिक्षा का अवसर मिले, संविधान के अनुच्छेद 21A के तहत शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाया गया।
  • यह विशेष रूप से अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), दिव्यांग और गरीबी रेखा से नीचे (BPL) के बच्चों के लिए लागू होता है।

आरटीई अधिनियम भारत में शिक्षा को एक बुनियादी अधिकार बनाता है और सुनिश्चित करता है कि हर बच्चा, चाहे वह किसी भी आर्थिक या सामाजिक वर्ग से हो, अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सके। इस अधिनियम के जरिए सरकार ने “सबको शिक्षा, अच्छी शिक्षा” का लक्ष्य रखा है, जिससे देश का भविष्य उज्ज्वल बन सके।

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