जानिए क्या है सेंट्रल विस्टा री-डेवेलपमेंट प्रोजेक्ट जिसने राजपथ का पूरा रुप ही बदल दिया

आज गणतंत्र दिवस पर राजपथ एक नए रुप में दिखाई पड़ा। राजपथ को इसका ये नया रुप सेंट्रल विस्टा री-डेवेलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत दिया गया है। आइए जानते हैं क्या है से सेंट्रल विस्टा री-डेवेलपमेंट प्रोजेक्ट जिसने राजपथ का पूरा रुप ही बदल दिया-
सेंट्रल विस्टा री-डेवेलपमेंट प्रोजेक्ट
सेंट्रल विस्टा पीएम नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट बताया जाता है। केंद्र सरकार ने साल 2019 में देश के 'पावर कॉरिडोर' को एक नई पहचान दिलाने के लिए इस परियोजना की घोषणा की थी। आपको बता दें इस प्रोजेक्ट के डिजाइनर डॉ विमल पटेल हैं।
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य 1930 के दशक में अंग्रेजों द्वारा निर्मित लुटियंस दिल्ली के केंद्र में स्थित सेंट्रल विस्टा नामक 3.2 किलोमीटर के हिस्से का पुनर्विकास करना है।
इसके तहत नए संसद भवन, पीएम हाउस, मंत्रालयों की इमारतें, सचिवालय बनाए जा रहें हैं। मौजुदा जानकारी के मुताबिक इस री-डेवेलपमेंट कार्य को 20 हजार करोड़ रुपये तक की लागत से किया जाना है।
प्रोजेक्ट की अहम बातें
प्रोजेक्ट के तहत उपराष्ट्रपति आवास मई 2022, संसद की नई बिल्डिंग नवंबर 2022, पीएम आवास दिसंबर 2022, एसपीजी की नई इमारत दिसंबर 2022 तक बनाने की समयसीमा निर्धारित की गई है। संसद की नई बिल्डिंग 20,866 वर्ग मीटर में फैली होगी जबकि मौजुदा बिल्डिंग 16,844 वर्ग मीटर में फैली हुई है। नई संसद की लोकसभा में 876 और राज्यसभा में 400 सीट होंगी। संयुक्त सत्र में 1,224 सदस्यों के साथ बैठने की व्यवस्था होगी।
प्रोजेक्ट के तहत कृषि भवन, शास्त्री भवन, आईजीएनसीए, रक्षा भवन, उद्योग भवन, निर्माण भवन, जवाहर भवन, नेशनल म्यूजियम, विज्ञान भवन, उपराष्ट्रपति निवास, जामनगर हाउस को गिराया जाएगा।
राजपथ पर हुए बदलाव
- लाल रेत की जगह 12 से 15 किमी लंबा पैदल मार्ग बनाया गया है।
- सड़कबंदी के लिए 987 कंक्रीट के बोलार्ड बनाएं गए हैं।
- राजपथ के किनारे बहने वाली नहर में 16 नए पुल बने हैं।
- 422 नई लाल ग्रेनाइट पत्थर की बेंच लगाएं गए हैं।
- 50 बसें और 1000 कारों के लिए पार्किंग स्पेस बढ़ाया गया है।
- पैदल चलने वालों की सुरक्षा के लिए चार नए अंडरपास बनाए गए हैं।
- 133 इलेक्ट्रिक पोल, 4,087 पेड़, 114 आधुनिक साइन बोर्ड लगवाएं गए हैं। साथ ही सीढ़ीदार उद्यान का भी निर्माण करवाया गया है।
- राजपथ के किनारे कुल 915 इलेक्ट्रिक लाइट्स लगाई गई हैं।
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