
27 साल बाद दिल्ली में फिर सरकार बनाने जा रही भाजपा के शीर्ष नेत्रत्व ने विधायक रेखा गुप्ता के नाम पर मुहर लगा दी है। बुधवार शाम विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से उन्हें नेता चुन लिया गया। उन्होने देर शाम एलजी वीके सक्सेना से मुलाक़ात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया।
गुरुवार दोपहर 12.30 बजे रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण समारोह होगा जिसमें मुख्यमंत्री के साथ मंत्रिमंडल के अन्य सदस्य भी शपथ लेंगे। रेख गुप्ता के नाम की औपचारिक घोषणा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह,रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक्स पर पोस्ट कर उन्हें बधाई दी। वही नई दिल्ली सीट से विधायक बने प्रवेश वर्मा को डिप्टी सीएम और रोहणी से चुने गए विजेंद्र गुप्ता को विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
सीएम के लिए नाम तो कई आए लेकिन भाजपा नेत्रत्व ने 50 वर्षीय रेख गुप्ता के नाम पर हरोसा जताया। छात्र राजनीति के जरिये दिल्ली की सत्ता के शीर्ष पर पहुंची रेखा ने शालीमार बाग विधानसभा क्षेत्र से आप उम्मीदवार वंदना कुमारी को 29000 से अधिक वोटों से हराकर जीत हासिल की है। उनके नाम की घोषणा होने के साथ ही उनके प्रीतमपुरा स्थित घर पर कार्यकर्ताओं ने जश्न माना शुरू कर दिया।
रेखा गुप्ता को दिल्ली की कमान
- उम्र- 50 साल, पढ़ाई- वकालत
- शालीमार बाग सीट से जीतकर आईं
- हरियाणा के जींद में हुआ था जन्म
- दिल्ली बीजेपी की महासचिव
- बीजेपी महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सक्रिय सदस्य
- ABVP के रास्ते राजनीति में हुई थी एंट्री
- 2007 में उत्तर पीतमपुरा से पार्षद बनीं
रेखा गुप्ता, दिल्ली की शालीमार बाग विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बनी हैं। उनका जन्म हरियाणा में हुआ था और वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी जुड़ी रही हैं।
मुख्यमंत्री बनने के बाद रेखा गुप्ता वर्तमान में भाजपा की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री होंगी। सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी के बाद वह दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री होंगी।
मंत्रिमंडल में जातिगत फॉर्मूला सधेगा
आम आदमी पार्टी के समय में भी एक महिला मुख्यमंत्री बनाई तो गई थी, लेकिन उसे अस्थायी भी करार दे दिया गया था। यह सच है कि मंत्रिमंडल में जातिगत और क्षेत्र गत फॉर्मूला साधा जाएगा। लेकिन चेहरा न्यूट्रल लेकिन प्रभावी रखने की कोशिश हुई है।
दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की ज़िम्मेदारी सौपने और मुझपर विश्वास जताने के लिए शीर्ष नेत्रत्व और दिल्ली की जनता का आभार व्यक्त करती हूँ। आपका समर्थन मेरी प्रेरणा है और मैं पूरी निष्ठा से दिल्ली के विकास और जनसेवा के लिए समर्पित रहूँगी।
रेखा गुप्ता, मुख्यमंत्री, दिल्ली
आखिरी बार जब सन् 1998 में दिल्ली में बीजेपी की सरकार थी, तब भी यहां सुषमा स्वराज के तौर पर महिला मुख्यमंत्री थीं। अब पार्टी ने लंबे वनवास के बाद एक बार फिर से दिल्ली की कमान महिला को सौंपा है तो इसका संकेत साफ है। साल 1993 से 1998 तक पांच साल के दौरान ही तीन मुख्यमंत्री बनाए। पहले मदनलाल खुराना और साहिब सिंह वर्मा के बाद बीजेपी ने दिल्ली की सत्ता सुषमा स्वराज को सौंपी। तब बीजेपी का दिल्ली में मिशन अधूरा रह गया था।