पटना का महावीर मन्दिर हमेशा किसी न किसी वजह से चर्चा में रहता है। एक बार फिर से हनुमान मंदिर चर्चा का विषय बन गया है। यहां की दान पेटी से एक नहीं बल्कि 30 दुर्लभ सिक्के मिले हैं। ऐसे में यह कहा जा रहा है कि यह महज संयोग नहीं है। लोगों का कहना है कि एक तरफ जहां अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होने वाला है, वहीं दूसरी तरफ पटना के हनुमान मंदिर में सिक्के मिल रहे हैं। इसको लेकर लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं।
आपको बता दें कि 200 साल पुराने इन सिक्कों के एक तरफ भगवान, राम, लक्ष्मण, माता सीता और हनुमान जी की आकृति बनी हुई है। ऐसा सिक्का अब तक किसी के पास देखा नहीं गया है।
पटना के हनुमान मन्दिर त्रस्त के संयोजक किशोर कुणाल न्यायालय में हिन्दु पक्ष की ओर से एक सहयोगकर्ता भी रहे और इस मन्दिर के ओर से राम मन्दिर निर्माण को 10 करोड़ की राशि भी सहयोग राशि के रूप में देने की शुरुआत भी हुई। इतना ही नहीं इस मन्दिर के ओर से राम जन्मभूमि में राम की रसोई गरीबों के निशुल्क भोजन के लिये शुरू कर दी गयी है।
सभी सिक्के ब्रिटिश कालीन
इन सब के बीच एक घटना ऐसी घटी जिसने इस मन्दिर को चर्चा में ला दिया है। महावीर मंदिर के दान पत्र से शुक्रवार को 30 ब्रिटिश कालीन सिक्के मिले हैं। बताया जा रहा है कि इनका निर्माण अंग्रेजी शासन काल में कोलकाता में हुआ था। विशेष आकृति वाले इन सिक्कों में प्रभु श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान के चित्र उकेरे गए हैं। शुरुआती जांच में ये बताया जा रहा है कि तांबे और अष्टधातु के हैं। ये सन् 1818 के सिक्के हैं। सभी सिक्कों का वजन दस ग्राम से ज्यादा है।
इन सिक्कों की हो रही है जांच
महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणाल के अनुसार महावीर मंदिर का दान पत्र खोला गया तो इससे 30 ब्रिटिशकालीन सिक्के निकले। इनकी जांच विशेषज्ञों से कराई जाएगी। आचार्य का कहना है कि 1757 से लेकर 1857 तक ईस्ट इंडिया कंपनी को सिक्का बनाने की अनुमति प्रदान की गई थी।
उस समय कंपनी कोलकाता, तत्कालीन मद्रास एवं मुबंई में सिक्कों की ढलाई करती थी। अंग्रेजों ने हिंदू भावनाओं का आदर करते हुए इन सिक्कों की ढलाई की होगी। उस समय इन सिक्कों का प्रचलन काफी था, लेकिन बाद में इनका निर्माण बंद हो गया। आपको बता दें कि अब तक अकबर के दौर के तीन सिक्के मिले, जिनमें भगवान राम-सीता की तस्वीर है मगर ये सिक्के तो बहुत खास हैं।