आगरा: ताजमहल के मुख्य मकबरे में दो दिन की बारिश के बाद पानी टपकने की घटनाएं सामने आई हैं। ऐतिहासिक इमारत के शाहजहाँ और मुमताज की कब्रों वाले कक्ष में पानी रिसने की शिकायत पर एसएसआई (सर्वेक्षण और संरक्षण इकाई) ने जांच की। जांच में पाया गया कि मकबरे के गुंबद पर लगे तांबे में जंग लगने के कारण पानी रिस रहा है। यह घटना विश्व धरोहर स्थल की सुरक्षा और रखरखाव पर प्रश्नचिन्ह लगाती है, जिसके संरक्षण की ज़िम्मेदारी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की है।
इस बीच, आगरा मंडल समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। पिछले 24 घंटों में आगरा मंडल के साथ ही एटा और कासगंज में 15 लोगों की जान चली गई, जबकि एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं। भारी बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए एहतियात के तौर पर सभी जिलों में 12वीं कक्षा तक के स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
मैनपुरी और कासगंज में मकान ढहने से जनहानि
मैनपुरी में बारिश के चलते दीवार ढहने से एक महिला समेत पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि कासगंज में मकान गिरने से दो सगे भाइयों समेत चार लोगों ने दम तोड़ दिया। फिरोजाबाद में आकाशीय बिजली गिरने से एक वृद्ध महिला की जान चली गई और एक किसान मकान ढहने से मारा गया। मथुरा और एटा में भी दो-दो लोगों की मौत हो चुकी है।
आगरा के कश्मीरी बाजार में हादसा
आगरा के कश्मीरी बाजार में एक पुराना मकान ढहने से चार लोग घायल हो गए। इसी तरह मुरादाबाद में बुधवार रात से जारी बारिश गुरुवार को भी जारी रही, जहां अब तक 100 मिमी से अधिक वर्षा हो चुकी है। लगातार बारिश से एक घर की दीवार गिरने से दो बच्चों की मृत्यु हो गई, जबकि उनकी मां गंभीर रूप से घायल हैं।
बिजली आपूर्ति बाधित, चेतावनी जारी
रामपुर में लगातार बारिश के चलते आठ घंटे तक बिजली आपूर्ति ठप रही। शुक्रवार को मौसम विभाग ने बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, फर्रुखाबाद, कन्नौज, मुजफ्फरनगर, कासगंज, एटा, मैनपुरी, अमरोहा, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल और बदायूं समेत कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें सतर्क हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी जा रही है।
यह बारिश ना केवल जनजीवन को प्रभावित कर रही है बल्कि ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण की दिशा में भी चिंता बढ़ा रही है। ताजमहल जैसी धरोहरों की सुरक्षा के लिए संबंधित विभागों द्वारा जल्द से जल्द कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।