
रेल मंत्रालय ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई घटना से सबक लेते हुए ट्रेनों एवं रेलवे स्टेशनों में भीड़ प्रबंधन के लिए मैनुअल तैयार किया है। इसके तहत इन स्टेशनों पर स्थायी या अस्थाई होल्डिंग जॉन बनाए जाएंगे। अप्रत्याशित भीड़ बढ्ने पर यात्रियों को यहीं रोका जाएगा। भीड़ और संकट प्रबंधन के लिए कृतिम बुद्धिमत्ता (एआई) का भी उपयोग किया जाएगा। प्रयागराज से जुड़े 35 स्टेशनों की निगरानी केंद्रीय वार रूम से की जाएगी।
रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने रेल भवन में मिडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि नई दिल्ली, पटना, सूरत, बंगलुरु, और कोयंबटूर सहित 60 स्टेशनों पर होल्डिंग जोन बनाए जाएंगे।यात्रियों को इन होल्डिंग जोन में रोका जाएगा और उन्हें उनकी ट्रेन के प्रस्थान के समय के अनुसार प्लेटफार्म पर जाने कि अनुमति दी जाएगी। इससे स्टेशन क्षेत्र में भीड़ नहीं होगी वैष्णव ने प्रयागराज के स्टेशनों का उदाहरण दिया जहां ऐसे होल्डिंग क्षेत्र बनाए गए हैं और यात्रियों के आवागमन को अब तक सफलतापूर्वक नियंत्रित किया गया है।
16 प्लेटफॉर्मों की कुल क्षमता 48,000 यात्रियों की
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के सभी 16 प्लेटफॉर्मों की कुल क्षमता 48,000 यात्रियों की है, क्योंकि हर प्लेटफॉर्म पर एक समय में 3,000 यात्री रह सकते हैं। घटना वाले दिन (15 फरवरी) शाम 6 बजे से 8 बजे के बीच 12,208 अनारक्षित टिकट बेचे गए, जबकि अन्य दिनों में यह संख्या लगभग 9,600 होती है। इसी तरह, रात 8 बजे से 10 बजे के बीच 7,600 अनारक्षित टिकट बेचे गए, जबकि अन्य दिनों में यह संख्या लगभग 9,600 होती है। इसी तरह, रात 8 बजे से 10 बजे के बीच 7,600 अनारक्षित टिकट बेचे गए, जो अन्य दिनों की तुलना में कम थे।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि शाम 7:15 बजे प्लेटफॉर्म नंबर 12 से प्रयागराज स्पेशल ट्रेन चलाई गई थी। टिकटों की बढ़ती बिक्री को देखते हुए, एक और विशेष ट्रेन की योजना बनाई गई, जो उसी प्लेटफॉर्म पर रात 8:50 बजे तैयार थी। रात 8:30 बजे प्रयागराज स्पेशल ट्रेन के लिए प्लेटफॉर्म 12 पर घोषणा की गई। इससे कुछ यात्री भ्रमित हो गए. जब ये यात्री सीढ़ियों पर चढ़ रहे थे, तो वहां पहले से कई यात्री बैठे हुए थे। इसी दौरान, एक यात्री भारी सामान उठाए हुए था, वह असंतुलित होकर पीछे खड़े लोगों पर गिर पड़ा, जिससे भगदड़ मच गई।
इन बातों का रखा जाएगा ध्यान
खासकर ट्रेनों के विलंब होने के दौरान इसका अतिरिक्त ख्याल रखा जाएगा। रेल अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्टेशनों पर स्केलेटर और सीढ़ियों से गिरने की घटनाएं बढ़ रही हैं। यात्रियों से आग्रह किया जाएगा कि सीढि़यों एवं लैंडिंग क्षेत्रों में नहीं बैठें।
हादसे की जांच कर रही समिति
- नई दिल्ली स्टेशन पर हादसे की जांच दो सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति कर रही है। मंत्रालय को रिपोर्ट का इंतजार है। दोषियों पर कार्रवाई तभी होगी। मंत्रालय का मानना है कि नई दिल्ली स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 16 पर घटना के दिन यात्रियों की ज्यादा भीड़ नहीं थी। होली-दिवाली एवं छठ पूजा से भी कम यात्री थे।
- कुंभ के लिए सारी ट्रेनें पुरानी दिल्ली और आनंद विहार स्टेशन से चलाई जा रही हैं। सामान्य दिनों में नई दिल्ली स्टेशन से दो से चार विशेष ट्रेनें ही चलाई जा रही थीं। देर शाम 26 सौ टिकट ज्यादा कटे तो रेलवे ने कुंभ के लिए उस दिन चलने वाली विशेष ट्रेनों की संख्या बढ़ाकर पांच कर दी। उस दिन प्लेटफार्म 16 से 8.30 बजे मगध एक्सप्रेस के खुलने के बाद 9.30 बजे प्रयागराज एक्सप्रेस को खुलना था। ट्रेन आ चुकी थी।
- इसी दौरान यात्रियों की संख्या को देखते हुए प्लेटफार्म नंबर 12 से एक और विशेष ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया। जब उसकी घोषणा हुई तो प्लेटफार्म 16 के यात्री तेजी से प्लेटफार्म 12 पर जाने लगे। इसी अफरातफरी में 25-30 लोग एक साथ सीढ़ियों पर चढ़ने लगे, जहां पहले से ही कुछ यात्री बैठे थे। ऊपर के किसी यात्री का सामान गिर गया, जिससे लोग एक-दूसरे पर लुढ़कने लगे।