बिहार से लेकर यूपी तक छात्रों का विरोध प्रदर्शन, ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है #Railway, #RRB_NTPC
सोशल मीडिया से रेल्वे पटरियों तक चल रहे छात्रों के विरोध प्रदर्शन को अब तक सब ही देख चुकें होंगे। पर यह मामला छात्रों द्वारा बिहार में ट्रेन रोकने और बीते शाम प्रयागराज में हॉस्टलों के कमरों के दरवाज़े पर पुलिस के बंदूकों को ठोकने से पहले ही शुरु हो गया था। बीते दो दिनों से ट्विटर पर ट्रेंड हो रहे #Railway, #RRB_NTPC पर, अब सवाल यह है कि रेल्वे पटरियों पर दौड़ने की जगह सोशल मीडिया पर क्यों तेजी से भाग रहा है? हम बताते हैं-
क्या है मामला
28 फरवरी 2019 को रेलवे ने NTPC की 35,277 वैकेंसी जारी कीं थी। छात्रों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इसके 2 भाग थें। पहले भाग में ग्रुप 2-3, दूसरे भाग में ग्रुप 4-5-6 थें। ग्रुप 2 -3 की भर्तियां अंडर ग्रैजुएट छात्रों के लिए थी जिसमें जूनियर क्लर्क, अकाउंट क्लर्क, ट्रेन क्लर्क और टिकट क्लर्क जैसी वैकेंसी थीं। और ग्रुप 4-6 में भर्तियां ग्रैजुएट छात्रों के लिए थी, जिसमें ट्रैफिक असिसटेंट, गुड्स गार्ड से लेकर कॉमर्शियल अप्रेंटिस और स्टेशन मास्टर जैसी वैकेंसी थीं। परीक्षा CBT यानी कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट से होनी थी। परीक्षा हुई दिसंबर 2019 से 2020 जुलाई के बीच हुई। परीक्षा में करीब 1 करोड़ 40 लाख छात्रों ने फार्म भरा। 70 लाख छात्र परीक्षा के लिए सिलेक्ट किए गए। 14-15 जनवरी को सभी जोन्स का रिजल्ट आया। और इसके बाद से ही छात्र अलग अलग जगहों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
दरअसल, नोटिफिकेशन में कहा गया था कि मेंस परीक्षा के लिए प्रिलिम्नरी परीक्षा में कुल वैकेंसी से 20 गुणा ज्यादा छात्रों को बुलाया जाएगा। लेकिन ग्रुप 2 से ग्रुप 6 के लिए एक ही परीक्षा करवाई गई। बस सभी ग्रुप्स के लिए अलग-अलग कट ऑफ जारी किए गए। जाहिर है पेपर में ग्रुप 6 के लिए सबसे ज्यादा जबकि ग्रुप 2 के लिए सबसे कम कट ऑफ जारी किया जाएगा। अब ऐसे में ग्रुप 6 की कट ऑफ क्लियर करने वाले छात्रों ने बाकी नीचे की ग्रुप्स की कट ऑफ क्लियर कर ली। नतीजन लगभग 3 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों ने दो या उससे ज्यादा ग्रुप के लिए क्वालिफाई किया। और लगभग इतने ही छात्रों ने अलग अलग ग्रुप्स की परीक्षाएं पास कीं।
अब ऐसे में छात्रों का कहना है कि ‘’इस तरीके से भर्ती करने से सबसे ज्यादा नुकसान ग्रुप 2 और ग्रुप 3 यानी अंडर ग्रैजुएट वाली वैकेंसी के छात्रों को होगा। जो छात्र ग्रुप 6 के लिए क्वालिफाई है वो ग्रुप 2 के लिए भी हो गया। लेकिन मेन्स के बाद जो छात्र ग्रुप 4,5 और 6 में भर्ती होंगे उनका ग्रुप 2 और 3 से कोई लेना देना नहीं होगा। ऐसे में ग्रुप 2 और 3 के लिए काफी कम बच्चे अंत तक बचेंगे। और हजारों छात्र इस तरीके से भर्ती करने की वजह से मेन्स ही नहीं दे पाएंगे।‘’
आपकों बता दें, सबसे ज्यादा प्रदर्शन बिहार में देखने को मिल रहा है। राज्य में कई जगहों पर रेल रोकने और पटरी उखाड़ने जैसी घटनाएं सामने आई है। वहीं, यूपी के प्रयागराज में भी अभ्यर्थी छात्रों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान पुलिस ने छात्रों पर कई जगह लाठीचार्ज भी किया।
मामले पर क्या कह रही है सरकार
छात्रों के लगातार प्रदर्शन के बाद रेलवे मिनिस्ट्री ने आज नोटिफिकेशन जारी कर परीक्षा को रद्द कर दिया है। इस मामले की जांच रेलवे बोर्ड के प्रिंसिपल एक्ज़िक्यूटिव डायरेक्टर दीपक पीटर की अध्यक्षता में 5 सदस्यों वाली कमेटी करेगी। प्रवक्ता के मुताबिक, दोनों पक्षों की शिकायतें और चिंताएं सुनने के बाद समिति रेल मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपेगी।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "इतनी बड़ी संख्या में परिक्षार्थी हों तो एक बार में परीक्षा लेना कठिन है, इस वजह से दो लेवल किया गया था। फिर भी हम अब इस पर विचार कर रहे हैं।" अश्विनी वैष्णव ने कहा, "मैं अपने छात्र मित्रों से निवेदन करना चाहूंगा कि रेलवे आपकी संपत्ति है, आप अपनी संपत्ति को संभालकर रखें। आपकी जो शिकायतें और बिंदू अब तक उभर कर आए हैं उन सबको हम गंभीरता से देखेंगे। कोई भी छात्र कानून को हाथ में न ले।"
उन्होंने कहा कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बहुत संवेदनशीलता के साथ काम किया है। सारे छात्र बंधुओं से अनुरोध करूंगा कि वे अपने मुद्दों को औपचारिक तौर पर रखें, हम संवेदनशीलता के साथ विचार करेंगे। हम इस मुद्दे का जल्द से जल्द हल करना चाहते हैं, कमेटी को 4 मार्च तक रिपोर्ट देने के आदेश दिए गए हैं।‘’
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