आतंकी हमले पर बोली सेना, कहा माताएं बेटों को सरेंडर कराएं वर्ना मारेंगे गोली

पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ दस्ते पर हुए आत्मघाती हमले के बाद भारतीय सेना पूरी तरह से आर-पार की लड़ाई के मूड में दिख रही है। इस मामले में सेना ने पहली बार प्रेस कांफ्रेंस कर चेतावनी वाले अंदाज में कहा कि कश्मीर में माताएं अपने भटके हुए बच्चों को सरेंडर करवा दें, अन्यथा उन्हें सेना की कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा, जो उनकी जिंदगी के लिए भी खतरनाक होगा। सेना ने सीधे-सीधे कहा है कि ऐसे भटके हुए युवाओं से सेना गोली से बात करेगी। यह प्रेस कांफ्रेंस लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने की है।
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क्या बोले ढिल्लन
ढिल्लन ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मैं कश्मीरी मांओं से अपील करता हूं वो अपने बच्चों को सरेंडर करवा दें नहीं तो मारे जाएंगे। बच्चों की परवरिश में मां की अहम भूमिका होती है, वो अपने बेटों को समझाएं कि लौट आएं अन्यथा मारे जाएंगे, जो बंदूक उठाएगा वो मारा जाएगा। ढिल्लन ने बताया कि पुलवामा मुठभेड़ में सोमवार को तीन आतंकी मारे गए हैं। 100 घंटे के भीतर जैश के आतंकवादियों को मार गिराया गया है।
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'पाकिस्तानी सेना कर रही आतंकियों की मदद'
प्रेस कांफ्रेंस में जब ढिल्लन से पूछा गया कि घाटी में आतंकी इतना बड़ा हमला करने में कैसे कामयाब रहे तो उन्होंने कहा कि इस बात की जांच चल रही है, जिसमें बहुत से तथ्य भी सामने आ रहे हैं, जिन्हें हम अभी सार्वजनिक नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि आम नागरिकों के जिंदगी की रक्षा के कारण भी हमारे जवान शहीद होते हैं। उन्होंने कश्मीरियों से अपील की है कि एनकाउंटर वाली जगहों से दूरी बनाएं रखें। ढिल्लन ने कहा कि जैश ए मोहम्मद पाकिस्तानी सेना का ही बच्चा है। पाकिस्तानी सेना 100 फीसदी जैश ए मोहम्मद की मदद करती है।
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