इसरो ने फिर किया कमाल, 06 देशों के नैनो सैटेलाइट्स किए बखूबी लॉन्च

भारत के वैज्ञानिकों ने एक बार फिर अंतरिक्ष में कमाल कर दिखाया है। सोमवार सुबह देशवासियों को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन के सिवन ने एक खुशखबरी दी है। दरअसल इसरो ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एक साथ 29 नैनो सैटेलाइट्स लॉन्च किए है। इन सैटेलाइट्स में 06 देशों के सैटेलाइट्स को लॉन्च किया गया है। इसमें भारत का एमिसैट, 24 अमेरिका के, 2 लिथुआनिया के और 1-1 उपग्रह स्पेन और स्विट्जरलैंड के सैटेलाइट हैं। इसरो ने सैटेलाइट्स की लॉन्चिंग सुबह 9:27 बजे पीएसएलवी-सी45 रॉकेट की सहायता से की। भारत का सैटेलाइट एमिसैट सीमा पर नजर रखने में मदद करेगा। एमिसैट को छोड़कर बाकी सैटेलाइट्स का कुल वजन 220 किलोग्राम है।
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सीमा की निगरानी करेगा एमिसैट
लॉन्च किए 29 सैटेलाइट्स में एक भारत का एमिसैट भी शामिल है। इसका काम अंतरिक्ष से भारत की सरहदों की निगरानी करना है। इसरो ने लॉन्च होने के 17 मिनट पूरे होने पर 749 किलोमीटर की ऊंचाई पर एमिसैट को स्थापित किया है। अब इसके चौथे चरण में सोलर पॉवर से चलने वाला इंजन इसे 504 किलोमीटर दूर ले जाएगा, जहां यह 28 विदेशी सैटेलाइट्स को स्थापित करेगा।
चौथे चरण में ही रॉकेट को 485 किलोमीटर ऊंचाई पर लाकर 03 प्रायोगिक पेलोड की मदद से चंद्रयान-2 अभियान से जुड़े कुछ खास प्रयोग किए जाने हैं। एमिसैट भारतीय अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक खास काम के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। यह सीमा की निगरानी के साथ ही इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम नापने का भी काम करेगा। यह दुश्मन देशों के राडार सिस्टम पर भी नजर रखेगा और उसकी लोकेशन बताएगा। एमिसैट का वजन 436 किलोग्राम है।
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अंतरिक्ष में कामयाबी हासिल कर रहा भारत
अभी 27 मार्च को ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को जानकारी दी थी कि भारत ने अंतरिक्ष में एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। उन्होंने बताया था कि भारत ने ऑपरेशन 'मिशन शक्ति' से अंतरिक्ष के लो अर्थ ऑर्बिट में एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराया। इस ऑपरेशन को केवल 03 मिनट में अंजाम दिया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने बताया कि यह ऑपरेशन भारत के अंतरिक्ष में मौजूद उपग्रहों पर हमले को रोकने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे हमारे उपग्रह अंतरिक्ष में सुरक्षित रहेंगे। पीएम ने इसके लिए डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को भी बधाई दी थी।
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