लॉकडाउन 2.0 को लेकर पीएम मोदी के ये बड़े एलान, पढ़िए पूरा भाषण
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार सुबह देश को एक बार फिर सम्बोधित किया। उन्होंने 14 अप्रैल को खत्म हो रही पहले लॉकडाउन की मियाद को 3 मई तक बढ़ाने का फैसला लिया है। अपने सम्बोधन में उन्होंने कोरोना वायरस को लेकर देश की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने इस दौरान देश के किसानों, दिहाड़ी मजदूरों की भी चिंता जताई। साथ ही युवा वैज्ञानिकों से मानव कल्याण के लि वैक्सीन बनाने का आग्रह किया। पीएम ने डॉ बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती पर देशवासियों को शुभकामनाएं भी दीं।
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3 मई तक बढ़ेगा लॉकडाउन
देश में चल रहे लॉकडाउन को बढ़ाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सभी का यही सुझाव है कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाए। कई राज्य तो पहले से ही लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला कर चुके हैं। सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए ये तय किया गया है कि भारत में लॉकडाउन को अब 3 मई तक और बढ़ाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हर देशवासी को 3 मई तक लॉकडाउन में ही रहना होगा। इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है, जैसे हम करते आ रहे हैं। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि हमें कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में फैलने नहीं देना है। स्थानीय स्तर पर अब एक भी मरीज बढ़ता है तो ये हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए।
लॉकडाउन को माना अग्निपरीक्षा
पीएम नरेन्द्र मोदी ने लॉकडाउन को एक अग्निपरीक्षा के तौर पर माना है। उन्होंने राष्ट्र के नाम अपने सम्बोधन में कहा कि अगले एक सप्ताह में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कठोरता और ज्यादा बढ़ाई जाएगी। 20 अप्रैल तक हर कस्बे, हर थाने, हर जिले, हर राज्य को परखा जाएगा, वहां लॉकडाउन का कितना पालन हो रहा है, उस क्षेत्र ने कोरोना से खुद को कितना बचाया है, ये देखा जाएगा। पीएम ने कहा कि हमें हॉटस्पॉट को लेकर बहुत ज्यादा सतर्कता बरतनी होगी। जिन स्थानों के हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका है उस पर भी हमें कड़ी नजर रखनी होगी। नए हॉटस्पॉट का बनना, हमारे परिश्रम और हमारी तपस्या को और चुनौती देगा।
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दिहाड़ी मजदूरों, किसानों को लेकर जताई चिंता
अपने सम्बोधन में पीएम ने रोज कमाने वालों के लिए भी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि जो रोज कमाते हैं, रोज की कमाई से अपनी जरूरतें पूरी करते हैं, वो मेरा परिवार हैं। मेरी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में एक, इनके जीवन में आई मुश्किल को कम करना है। पीएम ने कहा कि नई गाइडलइंस बनाते समय भी उनके हितों का पूरा ध्यान रखा गया है। इस समय रबी फसल की कटाई का काम भी जारी है। केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मिलकर, प्रयास कर रही हैं कि किसानों को कम से कम दिक्कत हो।
कोरोना से लड़ाई में मजबूती का दावा
प्रधानमंत्री ने कहा कि हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के मोर्चे पर भी हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। जहां जनवरी में हमारे पास कोरोना की जांच के लिए सिर्फ एक लैब थी, वहीं अब 220 से अधिक लैब्स में टेस्टिंग का काम हो रहा है। भारत में आज हम एक लाख से अधिक Beds की व्यवस्था कर चुके हैं। इतना ही नहीं, 600 से भी अधिक ऐसे अस्पताल हैं, जो सिर्फ कोविड के इलाज के लिए काम कर रहे हैं। इन सुविधाओं को और तेजी से बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। उन्होंने युवा वैज्ञानिकों से विशेष आग्रह किया कि विश्व कल्याण के लिए, मानव कल्याण के लिए, आगे आएं, कोरोना की वैक्सीन बनाने का बीड़ा उठाएं।
देशवासियों का बताया अनुशासित सिपाही
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने सम्बोधन में कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई, बहुत मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है। आपकी तपस्या, आपके त्याग की वजह से भारत अब तक, कोरोना से होने वाले नुकसान को काफी हद तक टालने में सफल रहा है। उन्होंने लोगों को हो रही दिक्कतों का भी जिक्र करते हुए कहा कि मैं जानता हूं कि लोगों को खाने की परेशानी, आने-जाने की परेशानी रही है, कई लोग अपने परिवार से दूर हैं। लेकिन आप देश की खातिर, एक अनुशासित सिपाही की तरह अपने कर्तव्य निभा रहे हैं। हमारे संविधान में जिस तरह वी द पीपुल ऑफ इंडिया की शक्ति की बात कही गई है, वो यही तो है। पीएम ने कहा लॉकडाउन के इस समय में देश के लोग जिस तरह नियमों का पालन कर रहे हैं, जितने संयम से अपने घरों में रहकर त्योहार मना रहे हैं, वो बहुत प्रशंसनीय है।
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डॉ भीमराव को किया नमन
पीएम ने भारत रत्न डॉ बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब डॉक्टर भीम राव आंबेडकर की जन्म जयंती पर हम भारत के लोगों की तरफ से अपनी सामूहिक शक्ति का ये प्रदर्शन, ये संकल्प, उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है।
दूसरों देशों की खराब स्थिति पर भी चिंता
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत में कोरोना वायरस के प्रभाव की तुलना दूसरे देशों से भी की। उन्होंने कहा कि जब हमारे यहां कोरोना के सिर्फ 550 केस थे, तभी भारत ने 21 दिन के संपूर्ण लॉकडाउन का एक बड़ा कदम उठा लिया था। भारत ने समस्या बढ़ने का इंतजार नहीं किया, बल्कि जैसे ही समस्या दिखी, उसे तेजी से फैसले लेकर उसी समय रोकने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि अगर भारत ने समग्र दृष्टिकोण नहीं अपनाया होता और तेज फैसले न लिए होते तो आज भारत की स्थिति कुछ और होती, लेकिन बीते दिनों के अनुभवों से ये साफ है कि हमने जो रास्ता चुना है, वो सही है। पीएम ने कहा कि अगर सिर्फ आर्थिक दृष्टि से देखें तो अभी ये मंहगा जरूर लगता है लेकिन भारतवासियों की जिंदगी के आगे इसकी कोई तुलना नहीं हो सकती। सीमित संसाधनों के बीच भारत जिस मार्ग पर चला है, उस मार्ग की चर्चा आज दुनिया भर में हो रही है।
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