
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 25वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर कारगिल युद्ध स्मारक जायेंगे। वे कर्त्तव्य का निर्वहन करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि यह दिवस प्रत्येक भारतीय के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह देश के रक्षकों को श्रद्धा सुमन अर्पित करने का दिन है।
मोदी ने यह भी बताया कि ‘शिंकुन ला सुरंग परियोजना’ का काम आज से आरंभ होगा। प्रधानमंत्री वर्चुअल रूप से शिंकुन ला सुरंग परियोजना का पहला विस्फोट कर दिया। यह परियोजना विशेषकर खराब मौसम के दौरान लेह से बेहतर संपर्क बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। निमू-पदुम-दारचा रोड पर लगभग 15 हजार 800 फीट की ऊंचाई पर बनाई जाने वाली 4.1 किलोमीटर लंबी सुरंग लेह को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।
1999 के कारगिल युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले भारतीय सैनिकों के शौर्य के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए संपूर्ण देश में कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। यह दिन युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत का उत्सव मनाता है और ऑपरेशन विजय के सफल समापन का प्रतीक है। इस दौरान, भारतीय सशस्त्र बलों ने जम्मू-कश्मीर के करगिल जिले में उन क्षेत्रों को पुनः प्राप्त कर लिया, जहां पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों ने घुसपैठ की थी।
4.1 किलोमीटर लंबी होगी सुरंग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस शिंकुन ला सुरंग के निर्माण के लिए पहला विस्फोट किया है वह हिमाचल प्रदेश और केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख के बीच हर मौसम में संपर्क सुविधा देने के लिए बनाई जा रही है। आपको बता दें कि शिंकुन ला सुरंग परियोजना में 4.1 किलोमीटर लंबी दोहरी-ट्यूब सुरंग शामिल है। पीएम मोदी ने भी कहा है कि खराब मौसम के दौरान यह सुरंग लेह से कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।
दुनिया की सबसे ऊंची
शिंकुन ला सुरंग का निर्माण निमू-पदुम-दारचा रोड पर लगभग 15,800 फुट की ऊंचाई पर किया जाएगा। इसका निर्माण लेह के क्षेत्र को हर मौसम में कनेक्टिविटी की सुविधा देने के लिए किया जा रहा है। जब इस सुरंग परियोजना का कार्य पूरा हो जाएगा तो शिंकुन ला सुरंग दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी।
सेना को होगा बड़ा फायदा
जानकारी के मुताबिक, शिंकुन ला सुरंग आम लोगों को तो फायदा पहुंचाएगी ही। इसके साथ ही ये सुरंग भारतीय सेना व सशस्त्र बलों को उपकरणों की तेज एवं कुशल आवाजाही में फायदा पहुंचाएगी। इसके साथ ही शिंकुन ला सुरंग की मदद से लद्दाख में आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।