भारतीय युवक ने किया कमाल, बनाई सबसे सस्ती क्रिकेट बॉलिंग मशीन
अगर आप क्रिकेट के खेल में रुचि रखते हैं तो आपने क्रिकेट मैच के प्रैक्टिस सेशन में खिलाड़ियों के प्रैक्टिस मैच को जरूर देखा होगा। पेशेवर खिलाड़ियों के प्रैक्टिस सेशन में आपने एक मशीन जरूर देखी होगी जो बैट्समैन की तरफ बॉल फेंकती है और बल्लेबाजी का अभ्यास कराती है। आप समझ गए होंगे हम बॉलिंग मशीन की बात कर रहे हैं। यूं तो बॉलिंग मशीन काफी महंगी आती हैं लेकिन हम बात कर रहे हैं भारतीय युवक की जिसने बहुत ही कम लागत की बॉलिंग मशीन बनाई है।
बॉलिंग मशीन की कीमत लाखों में होने के कारण पेशेवर क्रिकेट खिलाड़ी ही इस मशीन को यूज करते हैं आम क्रिकेट खिलाड़ी इस मशीन को यूज नहीं कर पाते हैं। बेंगलुरु के एक युवक प्रतीक पालानेत्रा ने बॉलिंग मशीन की तरह एक मशीन 'फ्रीबॉलर' बनाई है जिसकी कीमत कम होने के साथ-साथ काफी असरदार भी है। पेशेवर बॉलिंग मशीनें बिजली से चलती हैं जिन पर बिजली का खर्च भी आता है लेकिन वहीं फ्रीबॉलर में बिजली का उपयोग नहीं होता है वहीं पेशेवर बॉलिंग मशीन जिससे सिर्फ टेनिस की बॉल से ही प्रैक्टिस की जा सकती है लेकिन फ्रीबॉलर से क्रिकेट बॉल से प्रैक्टिकस की जा सकती है।
बॉलिंग मशीन बनाने का ऐसे आया विचार
प्रतीक पालानेत्रा बेंगलुरु के आरवी कॉलेज ऑफ इंजिनियरिंग में मैकेनिकल इंजिनियरिंग के छात्र थे। आगे की पढ़ाई के लिए 2015 में टेक्निकल आंत्रप्रिन्योरशिप में मास्टर डिग्री करने के लिए यूएस के पेनस्यलवानिया की लेहाई यूनिवर्सिटी में पढ़ने गए। प्रतीक क्रिकेट खिलाड़ी होने के कारण अमेरिका में इस खेल को काफी मिस करते थे। उन्होंने कहा कि अमेरिका में क्रिकेट बहुत लोकप्रिय नहीं है, इसलिए मेरे पास बल्लेबाजी का अभ्यास करने का आसान तरीका नहीं था। वहां पर इनडोर स्टेडियम भी मेरे घर से एक घंटे की दूरी पर था। अपनी बल्लेबाजी कौशल को निखारने और बल्लेबाजी का अभ्यास करने में मदद करने के लिए कोई सस्ता मैकेनिकल मशीन भी वहां पर नहीं मिल सकी। तब मैंने सोचा की क्यों न एक ऐसी बॉलिंग मशीन बनाई जाए जो कम खर्च में ज्यादा असरदार हो।
बॉलिंग मशीन बनाने में बैचमेट जैकब ने दिया साथ
प्रतीक ने बैचमेट जस्टिन जैकब के साथ मिलकर एक सस्ता और पोर्टेबल बॉलिंग मशीन 'फ्रीबॉलर' बनाने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया। जस्टिन एक सिविल इंजिनियरिंग स्टूडेंट होने के साथ एक बेसबॉल प्लेयर भी थे। उन्हें इस प्रोजेक्ट में काफी रुचि थी। एक नॉन इलेक्ट्रिक, सस्ता और पोर्टेबल बॉलिंग मशीन बनाने के प्रोजेक्ट को पूरा किया। प्रतीक और जस्टिन ने 2016 में अपना मास्टर कोर्स पूरा करने के बाद इस बॉलिंग मशीन 'फ्रीबॉलर' को लॉन्च किया। आज प्रतीक भारत में तो जस्टिन अमेरिका फ्रीबॉलर का बिजनेस देखते हैं।
इस तरह से बल्लेबाजी प्रैक्टिस कराता है फ्रीबॉलर
फ्रीबॉलर में अलग-अलग लाइन और लेंथ से असली क्रिकेट बॉल फेंकने की क्षमता है। इसमें बॉल फेंकने के लिए एक तरफ थ्रोइंग आर्म दी गई है जिसके एक किनारे पर बॉल थ्रोइंग कप दिया गया है। इसमें गेंद को रखा जाता है। थ्रोइंग आर्म स्प्रिंग केबल सिस्टम के जरिए एक फुट लेवर से जुड़ी हुई होती है। थ्रोइंग आर्म सबसे पहले नीचे की ओर खींची जाती है और एक जगह पर लॉक कर दी जाती है। इसके बाद फुट लेवर को नीचे की ओर खींचकर लॉक किया जाता है। यह स्प्रिंग को चालू कर देता है। इसके बाद बॉल होल्डिंग कप में गेंद रखी जाती है और एक ट्रिगर हैंडल की मदद से थ्रोइंग आर्म को छोड़ा जाता है। इससे थ्रोइंग आर्म बल्लेबाज की ओर गेंद फेंकता है। प्लास्टिक के कोट वाली सिंथेटिक बॉल उपयोग करने वाले बाकी इलेक्ट्रिक बॉलिंग मशीन के बजाय फ्रीबॉलर मैच में खेले जाने वाली असली गेंदो का प्रयोग करता है। इससे बैट्समैन को मैच जैसा अनुभव मिलता है।
छोटे स्थान पर भी कारगर
फ्रीबॉलर के बारे में प्रतीक बताते हैं कि एक बटन का प्रयोग करके कप में गेंद को अलग-अलग ऐंगल से सेट किया जा सकता है। इससे बल्लेबाज को लेंग्थ और स्विंग्स में भिन्नता देखने को मिलती है। मशीन के निचले हिस्से में पहिए भी दिए गए हैं जो कि मशीने को पोर्टेबल बनाते हैं। मशीन को बैट्समैन से एक सामान्य 22 गज की पिच से छोटे स्थान पर भी रखा जा सकता है। यह बल्लेबाज को तेज गति से अलग लेंग्थ और बाउंस खेलने में मदद करता है।'
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