कोरोना से डरने की नहीं जरूरत, देश-दुनिया की पढ़िए ये पॉजिटिव खबरें
कोरोना वायरस से पूरी दुनिया के लोग परेशान हैं। अमेरिका, इटली, ईरान जैसे देशों में तो स्थितियां विस्फोटक हो चुकी हैं। इन सबके बीच एक राहत की खबर ये है कि चीन में अब कोरोना वायरस का कहर लगभग थम चुका है। यहां के वुहान शहर से शुरू हुए इस वायरस का प्रकोप अब वहां खत्म हो चुका है। 76 दिन के लॉकडाउन के बाद वहां के लोग अब बाहर निकले हैं। इसके साथ ही देश से भी काफी सकारात्मक खबरें आ रही हैं।
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मंगलवार को आया केवल एक केस
चीन के वुहान शहर में मंगलवार को केवल एक केस दर्ज किया गया। वहीं चीन के अन्य इलाकों में 13 लोगों की मौत हुईं। ये चीन में कोरोना वायरस के मामलों की सबसे बड़ी गिरावट है। चीन में अभी कोरोना वायरस के कुल 80,894 मामले हैं। यहां इस महामारी की वजह से 3237 लोग मर चुके हैं। पिछले एक हफ्ते से कोरोना के नए मामले में आश्चर्यजनक सुधार देखते हुए वहां की सरकार ने लॉकडाउन को खोल दिया है। वुहान शहर के 1.1 करोड़ लोग अब अपने घरों से बाहर निकल सकते हैं। हालांकि अभी भी सरकार ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के पालन की बात कही है। वहीं सरकारी एप्लीकेशन के अनुसार व्यक्ति का स्वस्थ होना जरूरी है। इस एप्लीकेशन में व्यक्ति की पूरी जानकारी होती है। इससे ये भी पता चल जाता है कि व्यक्ति किसी संक्रमित के पास नहीं गया है।
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इस तरह चीन ने किया कंट्रोल
कभी कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावी देशों में रहे चीन की स्थितियां अपने आप ही सामान्य नहीं हुई हैं। वहां सरकार के अलावा खुद जनता ने भी इसके खात्मे को लेकर प्रयास किए। जनता ने सरकार के नियमों का पूरी तरह से पालन किया। चीन की सरकार ने वुहान शहर को पूरी तरह से बंद कर दिया था। वहीं लोगों को कड़ी सुरक्षा जांच का सामना करना पड़ा। लोगों के बाहर निकलने पर रोक लगा दी गई थी। संक्रमण को काबू में करने के लिए हर तरफ सैनिटाइजर का छिड़काव किया गया। शहरों में प्रतिष्ठानों, जिम, स्कूल, स्टेडियम आदि को अस्पतालों में बदल दिया गया था। इसके अलावा सबसे बेहतरीन काम कोरोना पर नजर रखने वाली सरकार एप्लीकेशन ने किया।
देश के हैदराबाद में पुलिस ने लोगों पर नजर रखने के लिए ड्रोन लगाए हैं
हैदराबाद में ड्रोन से रखी जा रही नजर
हैदराबाद में कोरोना वायरस को नियंत्रण में रखने के लिए हाईटेक तरीका इस्तेमाल किया जा रहा है। वहां सर्विलांस टेक्लोलॉजी बेस्ड ड्रोन की मदद ली जा रही है। ये ड्रोन ऐसे लोगों पर नजर रखता है तो जो लॉकडाउन के दौरान बाहर निकल रहे हैं। इन ड्रोन की खासियत ये भी है कि इसमें सायरन व थर्मल इमेजिंग कैमरा लगा हुआ है। इस तरह की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल शहर में पहली बार हो रहा है। अभी ऐसे ड्रोन का प्रयोग संवेदनशील क्षेत्रों में किया जा रहा है। इस बारे में वहां के पुलिस कमिश्नर भागवत का कहना है कि ये ड्रोन्स नियम तोड़ने वाले लोगों पर नजर तो रख ही रहे हैं, साथ ही हमें इसके जरिए ऐसे क्षेत्रों का भी पता लग सकता है, जहां फोर्स भेजने की आवश्यकता है। फिलहाल इन ड्रोन्स को मौलाली, पहाड़ी शरीफ और बालापुर पुलिस स्टेशनों के इलाकों में उड़ाया जा रहा है।
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भारत में संक्रमण की दर काफी कम
भारत में भले ही कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा हो, लेकिन लॉकडाउन के दौरान देश में कोरोना संक्रमण की दर दूसरे देशों से कम रही है। लॉकडाउन के लागू होने के समय संक्रमण की दर 17 फीसदी थी, जो अब आठ से नौ फीसदी रह गई है। वहीं अगर इसमें तब्लीगी जमात के संक्रमितों को मिला लिया जाए तो ये दर 12 प्रतिशत के करीब है। वहीं अन्य देशों में ये दर 50 से 100 फीसदी तक रही है। मौजूदा आंकड़ों के अनुसार अगर ऐसी ही दर बनी रही तो अगले एक हफ्ते में संक्रमण के मामलों में कमी आएगी। देश में अभी तक कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या 5000 के पार चली गई है। वहीं मरने वालों की तादाद 160 के करीब है।
भारतीय कंपनी आस्ट्रेलिया के साथ बनाएगी वैक्सीन
कोरोना के बारे में रिसर्च को बढ़ाने के लिए आस्ट्रेलियाई यूनिवर्सिटी का भारतीय कंपनी के साथ समझौता हुआ है। इस कंपनी का नाम आईआईएल है, जो आस्ट्रेलिया के ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर काम करेगी। आपको बता दें कि ये कंपनी भारत में वैक्सीन बनाने वाले काफी बड़ी कंपनी है जो अब वैक्सीन विकसित करने के लिए अपने शोध को बढ़ा रही है। अब ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी और आईआईएल के वैज्ञानिक नवीनतम कोडन डी-ऑप्टिमाइजेशन तकनीक का उपयोग कर कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने पर काम करेंगे। इन वैज्ञानिकों को इस बात की पूरी उम्मीद है कि ये वैक्सीन इंसानों में इस वायरस के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता का निर्माण करेंगे। वहीं इसकी एक खुराक भी काफी लंबे समय तक इस वायरस से सुरक्षा दे सकती है।
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