वडोदरा में पीएम मोदी ने स्पेनिश प्रधानमंत्री के साथ किया एयरबस प्रोजेक्ट का उद्घाटन, लक्ष्मी पैलेस में होगी द्विपक्षीय बैठक

पीएम मोदी ने आज गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड परिसर में सी- 295 एयरक्राफ्ट के निर्माण के लिए टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी के साथ स्पेन के पीएम पेड्रो सांचेज भी मौजूद रहे। स्पेन और भारत के बीच 56 विमान बनाने का समझौता हुआ है। पहले 16 विमान स्पेन में बनेंगे, बाकी के 40 विमान को टाटा एडवांस सिस्टम्स लिमिटेड(TASL) बनाएगी। देश में पहली बार एक निजी कंपनी मिलिट्री के ले प्लेन बनाएगी।

स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज भारत दौरे पर आए हुए हैं। सोमवार तड़के वह गुजरात के वडोदरा शहर पहुंचे। वह भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर हैं। स्पेन लौटने से पहले मंगलवार को उनका मुंबई जाने का भी कार्यक्रम है। टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन करने से पहले वह पीएम मोदी के साथ एक रोड शो में शामिल हुए।

करीब पौने तीन किलोमीटर का मेगा रोड शो

पीएम मोदी स्पेन के प्रधानमंत्री के साथ वडोदरा में रोड शो किया। उनका ये रोड शो वडोदरा एयरपोर्ट से टाटा के प्लांट तक करीब पौने तीन किलोमीटर का रहा। उनके रोड शो को लेकर वडोदरा के लोगों में काफी उत्साह दिखा। भारी संख्या में लोग पोस्टर और बैनर लेकर इकट्ठा हुए।

सी-295 विमान की विशेषताएं

  • सी-295 विमान को दो लोग उड़ाते हैं। इसमें 73 सैनिक या 48 पैराट्रूपर्स या 12 स्ट्रेचर इंटेसिव केयर मेडवैक या 27 स्ट्रेचर मेडवैक के साथ 4 मेडिकल अटेंडेंट सफर कर सकते हैं। एक बार में अधिकतम 9250 किग्रा वजन उठा सकता है। इसकी लंबाई 80.3 फीट, विंगस्पैन 84.8 फीट और उंचाई 28.5 फीट है।
  • इसएयरक्राफ्टमें 7650 लीटरफ्यूलआताहै।यहअधिकतम 482 किमीघंटाकीरफ्तारसेउड़सकताहै। इसकी रेंज 1277 से 4587 किमीहै। यह उसमें लदे वजन पर निर्भर करता है। लेकिन फेरी रेंज 5000 किमी है। अधिकतम 13,533 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है।
  • इसेउड़ानभरनेकेलिए 844 मीटरसे 934 मीटरलंबाई वाला रनवे चाहिए होता है। उतरने के लिए मात्र 420 मीटर का रनवे चाहिए होता है। इसमें छह हाईप्लाइंट्स होते हैं। यानी हथियार और बचाव प्रणाली लगाने जगह। दोनों विंग्स के नीचे तीन-तीन या फिर इनबोर्ड पाइलॉन्स हो सकते हैं। जिसमें 800 किग्रा के हथियार लगाए जा सकते हैं।

बड़ोदरा सेंटर देगा प्लेन को फाइनल टच

टाटा ने पिछले साल नवंबर से 40 सी295 विमानों के लिए मेटल कटिंग का काम शुरू कर दिया है। हैदराबाद इसकी मेन कॉन्स्टीट्यूंट एसेंबली है। वहां पर कई हिस्सों को जमाएंगे। टाटा की हैदराबाद फैसिलिटी एयरक्राफ्ट के प्रमुख हिस्सों को फैब्रिकेट करेगी। इसके बाद उसे वडोदरा भेजा जाएगा।

पीएम ने 2022 में रखी थी आधारशिला

साल 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सी-295 एयरक्राफ्ट मैनुफैक्चरिंग फैसिलिटी कॉम्प्लेक्स के निर्माण की आधारशिला रखी थी। वडोदरा में टाटा के इस एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स में कुल 40 सी 295 एयरक्राफ्ट तैयार किए जाएंगे। यह देश में निजी क्षेत्र की पहली एयरक्राफ्ट मैनुफैक्चरिंग फैसिलिटी है।

4800 करोड़ की परियोजनाओं का पीएम करेंगे उद्घाटन

सी-295 विमान के निर्माण के तहत कुल 56 एयरक्राफ्ट बनाने की योजना है। जिसमें से 16 स्पेन से सीधे एयरबस द्वारा डिलीवर किए जा रहे हैं। वहीं, बाकी 40 का निर्माण भारत में किया जाना है। इसके साथ ही पीएम मोदी 4800 करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इसमें रेल, हाईवे और नदियों से जुड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं।

भारत के लिए क्यों जरूरी हैं ये विमान

भारतीय वायुसेना के लिए ट्रांसपोर्ट विमान बेहद जरूरी हैं, जिससे सैनिकों, हथियारों, ईंधन और हार्डवेयर को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचा सकें। इसमें सी-295 क वजन के ट्रांसपोर्टेशन में मदद करेगा। सी-295 विमान इंडियन एयरफोर्स के पुराने HS748 एवरोस विमानों की जगह लेंगे। इसके अलावा यूक्रेन से आए एंतोनोव एएन-32 को बदला जाएगा।

लक्ष्मी पैलेस में द्विपक्षीय बैठक

वडोदरा में सी-295 विमान निर्माण के लिए टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स भारत में सैन्य विमानों के लिए निजी क्षेत्र की पहली अंतिम असेंबली लाइन है। अधिकारियों ने कहा कि विमान परिसर का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी और सांचेज ऐतिहासिक लक्ष्मी विलास पैलेस जाएंगे, जो पूर्ववर्ती बड़ौदा राजघराने का निवास स्थान है। यहां ही पीएम मोदी और स्पेनिश प्रधानमंत्री लंच भी करेंगे।

ऐतिहासिक मुलाकात

आपको बता दें कि यह मुलाकात ऐतिहासिक मानी जा रही है, क्योंकि आजादी के बाद पहली बार दरबार हॉल में ऐसा होने जा रहा है। साल 1947 के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है कि जब दो देश के राष्ट्राध्यक्ष इस दरबार हॉल में मीटिंग कर रहे हैं। दुनियाभर में आज वडोदरा के इस पैलेस की चर्चा हो रही है, ऐसे में जानते हैं कि आखिर इस पैलेस नें क्या खास है…

बकिंघम पैलेस से चार गुना बड़ा, दुनिया का सबसे बड़ा घर है लक्ष्मी विलास पैलेस

1890 में बना ये पैलेस दुनिया का सबसे बड़ा निजी निवास माना जाता है। ये लंदन के बकिंघम पैलेस से भी चार गुना बड़ा है। महल का निर्माण 1890 में महाराजा सयादीराव गायकवाड़ तृतीय ने करवाया था, जो बड़ौदा राज्य के शासक थे। माना जाता है कि इस पैलेस को बनाने में उस वक्त 6 मिलियन रुपये खर्च हुए थे। इसमें एक विशाल मैदान है, जिसमें एक गोल्फ कोर्ट भी बना हुआ है। यहां मोती बाग क्रिकेट मैदान, बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन का ऑफिस और खास फर्श वाला टेनिस कोर्ट और बैडमिंटन कोर्ट भी है।

महल की विशेषताएं

आज से कई साल पहले बने इस महल में लिफ्ट, टेलीफोन एक्सचेंज, बिजली जैसी कई सुविधाएं थी। महल में सोनगढ़ की खदानों से लाए गए सुनहरे पत्थर लगे हैं, जो हल्की रोशनी में चमकते हैं। महल में 170 बड़े और छोटे कमरे हैं, जिसमें कुछ सिल्वर रूम या गुलाबी कमरे की थीम पर बने हैं।

महल का खास आकर्षण है दरबार हॉल

लक्ष्मी विलास पैलेस का दरबार हॉल काफी भव्य है और 5000 वर्ग फीट में बना है। खास बात ये है कि इतने बड़े इस दरबार हॉल एक भी खंभा नहीं है। हॉल के हर कोने में की गई कारीगरी आंखों को सुकून देती है और हर एक एसेसरीज की अपनी कहानी है। हॉल में की गई कारीगरी में सोने, हाथी दांत और लाख का इस्तेमाल किया गया है। हॉल में चार रंगीन ग्लास पैनल लगे हैं, जो 14 फीट के हैं। इस ग्लास में अलग-अलग राम-कृष्ण, भगवान विष्णु और राम-सीता के फोटो हैं।

इन ग्लास में भारतीय पौराणिक कथाओं को दर्शाया गया है। वहीं, हॉल में मुरानो फ्लोरिंग भी है, जिसे मुरानो के 12 कारीगरों ने छह महीने की अवधि में पूरा किया था। इसी में 5 खास झूमर भी लगे हैं, जिसमें कुछ छत को रोशनी देने के लिए थे और कुछ जमीन पर रोशनी करने के लिए हुआ करते थे। साथ ही हॉल में चंदन की लकड़ी की मेहराब हैं और बैठने की खास तरीके की व्यवस्था है।

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