एनसीईआरटी की ईकाई परख ने शिक्षा मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी है, जो 12वीं क्लास के परीक्षार्थियों के लिए अहम है। इस रिपोर्ट में कक्षा 9वीं, 10वीं और 11वीं के नंबरों को 12वीं के रिपोर्ट कार्ड में जोड़ने की सिफारिश की गई है। परख ने कहा है कि इन कक्षाओं में छात्र बेहतर प्रदर्शन करते हैं, तो इसका फायदा उन्हें 12वीं के नतीजों में मिलना चाहिए।
परख की रिपोर्ट
दरअसल परख ने शिक्षा मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें शिक्षा से जुड़े कई बदलाव शामिल हैं। इसी कड़ी में एक सुझाव 12वीं की मार्कशीट से भी जुड़ा है। परख की रिपोर्ट के अनुसार 12वीं में सिर्फ बोर्ड एग्जाम की जगह पर 9वीं, 10वीं और 11वीं के नंबर भी जोड़े जाने चाहिए। तीनों कक्षा के फॉर्मेटिव और सबमिटिव असेसमेंट के नंबर भी इसमें मौजूद रहेंगे।
क्या है फॉर्मेटिव और सबमिटिव असेसमेंट?
फॉर्मेटिव और सबमिटिव असेसमेंट अमूमन सभी कक्षाओं में होते हैं। फॉर्मेटिव असेसमेंट में प्रैक्टिकल और वाइवा के नंबर जुड़ते हैं तो वहीं सबमिटिव असेसमेंट में लिखित परीक्षा के नंबर मौजूद रहते हैं। परख की रिपोर्ट के अनुसार 12वीं की मार्कशीट में 9वीं, 10वीं और 11वीं की लिखित परीक्षा के साथ-साथ प्रैक्टिकल और वाइवा के अंक भी शामिल होंगे। आइए जानते हैं कि ये नया नंबर सिस्टम कैसे काम करेगा?
कक्षा | फॉर्मेटिव असेसमेंट | सबमिटिव असेसमेंट |
9वीं | 70% | 30% |
10वीं | 50% | 50% |
11वीं | 40% | 60% |
12वीं | 30% | 70% |
कैसे बनेगी 12वीं की मार्कशीट?
परख ने शिक्षा मंत्रालय को सुझाव दिया है कि इसी आधार पर कक्षा 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं के अंक जोड़े जाने चाहिए। चारों कक्षाओं की फॉर्मेटिव और सबमिटिव असेसमेंट मिलाकर 12वीं की फाइनल मार्कशीट तैयार होनी चाहिए। हालांकि शिक्षा मंत्रालय ने अभी तक परख के इस सुझाव को मंजूरी नहीं दी है। अब देखना दिलचस्प होगा कि शिक्षा मंत्रालय परख के सुझाव को जस का तस अपनाएगा या इसमें कुछ बदलाव और होंगे।