पाकिस्तानी सेलिब्रिटीज हाथों पर मेहंदी लगाकर चला रहे ये अभियान
पाकिस्तान के फिल्मी और टेलीविजन के सितारे देश में दहेज की प्रथा के खिलाफ यूनाइटेड नेशन (यूएन) विमेन पाकिस्तान की मुहिम में उनका साथ दे रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान में हर साल दहेज हत्या के लगभग 2,000 मामले दर्ज होते हैं।
दहेज के नाम पर लड़की वालों के परिवार से सामान, पैसे और प्रॉपर्टी लेने की प्रथा पाकिस्तान में भी है। शादी के समय ज्यादातर लड़की वाले लड़के वालों को दहेज देते हैं। इसमें इलेक्ट्रॉनिक सामान, पैसे, गाड़ी और प्रॉपर्टी भी शामिल होती है।
सर्दियों में पाकिस्तान में शादियों का सीजन होता है। इसीलिए इस समय यहां यूएन ऑर्गेनाइजेशन की तरफ से #StopJahezKhori अभियान शुरू किया गया है। जहेज खोरी उन्हें कहा गया है जो दहेज मांगते हैं। यूएन ऑर्गेनाइजेशन देश में महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता के लिए काम करता है।
यूएन संगठन की इस पहल में देश के फिल्मी कलाकार भी पूरा साथ दे रहे हैं। वे सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें शेयर कर रहे हैं जिनमें उनके हाथ पर मेहंदगी से 'जहेजखोरी बंद करो' है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ये तस्वीरें शेयर की जा रही हैं और अब देश की आम जनता भी इसमें जुड़ गई है।
अभिनेता अली रहमान ने इंस्टाग्राम पर लिखा - आप लड़की से शादी कर रहे हैं या पैसों से? असली मर्द दहेज नहीं लेते। जब रिश्वत लेने वाला रिश्वतखोर कहते हैं तो दहेज लेने वाले को दहेज खोर क्यों नहीं? दहेज समाज के हर तबके में प्रचलित है। हमें इसको रोकना होगा। मैं दहेज के खिलाफ खड़ा हूं।
अभिनेत्री आयेशा ओमर ने लिखा - असली मर्द दहेज नहीं लेते। इस शादियों के सीजन में किसी चीज के लिए खड़े हों।
पाकिस्तानी अभिनेता अदनान सिद्दीकी ने लिखा - दहेज को अस्वीकार कर दिया गया है लेकिन ये एक ऐसी प्रथा है जो आज भी समाज में प्रचलित है। यह एक ऐसी आग है जो लगातार कई महिलाओं और उनके परिवार को खुद में जला रही है। जब महिलाएं हर क्षेत्र में खुद को साबित कर रही हैं तो वे दहेज के नाम पर प्रताड़ित क्यों होती रहें? यह जरूरी है कि युवाओं को पढ़ाया जाए और इस प्रैक्टिस को खत्म किया जाए। चलिए, हम इसके खिलाफ लड़ें और संकल्प लें कि हम दहेज को न कहेंगे।
पाकिस्तान में दहेज और दुल्हन उपहार (प्रतिबंध) अधिनियम 1976 देश में शायद ही कभी लागू किया गया हो। कानून के मुताबिक, दहेज में 5000 रुपये से ज्यादा रुपये नहीं दिए जा सकते। हालांकि, 2016 में नेशनल एसेंबली ऑफ पाकिस्तान के सदस्यों ने एक संसोधन सब्मिट किया, जिसमें शहरों में शादी में 50,000 रुपये और गांव में 20,000 रुपये खर्च करने की अनुमति मांगी गई। इस संशोधन में ये भी कहा गया कि कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह से लड़की वालों से दहेज की मांग नहीं करेगा। जो भी दहेज की मांग करेगा उसे कम से कम छह महीने की सजा और 10,000 रुपये का जुर्माना देना होगा।
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