
दिल्ली विधानसभा चुनाव में परचम लहराने के बाद अब भाजपा में नए मुख्यमंत्री के चयन की कवायद तेज हो गई है। इसी कड़ी में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड़ड़ा ने रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाक़ात की। इस बीच नई दिल्ली विधानसभा सीट से जीते बीजेपी उम्मीदवार प्रवेश वर्मा पर सबकी नजरे टिकी हैं। अरविंद केजरीवाल को करारी मात देने वाले प्रवेश वर्मा को सीएम पद के लिए मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। प्रवेश वर्मा भी लगातार पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर कर रहे हैं।
भाजपा ने दिल्ली के विधानसभा चुनाव में हर क्षेत्र और हर समुदाय के बीच अच्छी बढ़त हासिल की है। इसलिए, उसके पास मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवारों की एक बड़ी सूची है।
विभिन्न राज्यों में अपने मुख्यमंत्रियों को चुनने में पार्टी के विकल्पों को अक्सर बड़े राजनीतिक संदेश के रूप में देखा जाता है। ऐसे में राजनीतिक जानकारों का मानना है कि दिल्ली भी कोई अपवाद नहीं होगा।
प्रवेश वर्मा ने जीत के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। सूत्रों ने बताया कि विधायकों में से ही किसी एक को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। पार्टी जाति और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व का संतुलन बनाना चाहती है। मुख्यमंत्री चुनने के फैसले में एक हफ्ते से ज्यादा का समय लग सकता है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस और अमेरिका की यात्रा पर जा रहे हैं।
इन नामों की चर्चा
केजरीवाल को हराने वाले जाट समुदाय के नेता प्रवेश वर्मा जैसे प्रमुख चेहरे और सतीश उपाध्याय, विजेंद्र गुप्ता, आशीष सूद एवं पवन शर्मा जैसे संगठन के अनुभवी नेताओं की चर्चा हो रही है, लेकिन बीजेपी का इतिहास अपेक्षाकृत कम चर्चित नेताओं को आगे बढ़ाने का रहा है। बीजेपी के एक नेता ने कहा कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व राजनीतिक समीकरणों के आधार पर पूर्वांचल की पृष्ठभूमि वाले किसी विधायक, सिख या महिला पर भी विचार कर सकता है। उन्होंने कहा कि 2023 में मध्यप्रदेश और राजस्थान और पिछले साल ओडिशा समेत पिछले अनुभव के मद्देनजर ऐसे मामलों पर अटकलों के लिए बहुत कम गुंजाइश बचती है। बीजेपी ने मध्यप्रदेश में मोहन यादव, राजस्थान में भजनलाल शर्मा और ओडिशा में मोहन चरण माझी को चुना, जिससे अधिकांश राजनीतिक विश्लेषक हैरान रह गए।