पैसों की कमी के चलते देश के होनहार छात्रों की पढ़ाई अब रुकने नहीं पाएगी। उन्हें उच्च शिक्षा के लिए अब 10 लाख रुपए तक का लोन बगैर किसी गारंटी व गिरवी के ही मिलेगा। इसका लाभ देश के शीर्ष 850 उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले 22 लाख से अधिक छात्र ले सकेंगे। वहीं आठ लाख तक की सालाना आय वाले परिवारों के एक लाख छात्रों के लिए सस्ते लोन की भी व्यवस्था की गई है। उन्हें उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख के लोन पर तीन प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी।
पीएम मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक में पीएम विद्यालक्ष्मी योजना को विस्तार दिया गया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्वनी वैष्णव ने बताया कि उच्च शिक्षा की राह में अब पैसे की कमी आड़े नहीं आएगी। छात्रों को बैंक आसानी से लोन उपलब्ध कराएगा। इसकी अदायगी भी बहुत आसान तरीके से की जाएगी। इसका लाभ उन्हीं संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों को मिलेगा जो नेशनल इन्स्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क यानि एनआईआरएफ की ओवरआल श्रेणी में शीर्ष सौ संस्थानों में शामिल होंगे या फिर केंद्र और राज्य सरकारों की फंडिंग से चलने वाले ऐसे उच्च शिक्षण संस्थान होंगे जो एनआईआरएफ रैंकिंग में शीर्ष 101 से 200 में होंगे। मौजूदा समय में इस रैंकिंग फ्रेमवर्क में देश के करीब 850 उच्च शिक्षण संस्थान आते हैं।
शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बताया कि इस योजना पर अगले सात वर्षों में यानि 2024-25 से 2030-31 के बीच कुल 36 सौ करोड़ रुपए खर्च होंगे। साथ ही इन सात सालों में सात लाख नए छात्रों को लोन में सब्सिडी का भी लाभ मिलेगा। पैसों की कमी के चलते या फिर लोन के लिए गारंटी जैसे नियमों के चलते बड़ी संख्या में छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए लोन नहीं मिल पाता था। इस योजना से अब सभी को राहत मिलेगी। इस योजना के तहत साढ़े सात लाख रुपए तक के लोन पर 75 प्रतिशत तक की क्रेडिट गारंटी शिक्षा मंत्रालय की ओर से दी जाएगी। अभी तक उच्च शिक्षा के लिए सात लाख से अधिक के लोन पर गारंटी और गिरवी दोनों देनी होती थी।