जम्मू-कश्मीर में बदल गया 72 साल पुराना इतिहास, खत्म हो गए ये कानून
जम्मू और कश्मीर का आज से इतिहास और भूगोल बदल गया है। दोनों ही राज्य जम्मू-कश्मीर और लद्दाख आज से केंद्रशासित प्रदेश हो गए है। ये दोनों ही राज्य जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019 के तहत बंट गए है। दोनों ही राज्यों को केंद्रशासित प्रदेश में आज से बांट दिया गया है और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार की देर रात इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है। यह खास आदेश आज से इसलिए लागू किया गया है क्योंकि आज ही के दिन सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती है। सरदार वल्लभभाई पटेल देश के पहले गृहमंत्री थे और उन्होंने देश की 560 से ज्यादा रियासतों का विलय कराया था। उनकी ही वजह से अब कुल 28 राज्य और 9 केंद्रशासित प्रदेश हो गए है।
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सबसे खास बात यह है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों को बांटा गया है। आज से दोनों ही राज्यों के केंद्रशासित प्रदेश बनने की वजह से रणबीर कानून की जगह अब भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (सीआरपीसी) की धाराएं लागू होंगी। यही नहीं नए जम्मू-कश्मीर में पुलिस व कानून-व्यवस्था केंद्र सरकार के ही अधीन होगी, जबकि भूमि व्यवस्था की देखरेख का जिम्मा यहां पर निर्वाचित होने वाली सरकार के पास होगी। अब जम्मू-कश्मीर में सरकारी कामकाज की भाषा उर्दू नहीं बल्कि हिंदी हो जाएगी। आज यहां पर नए नियमों और परिसीमन होने के बाद विधानसभा सदस्यों की संख्या 107 से बढ़ाकर 114 कर दी जाएगी। इसके अलावा विधायिका में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के लिए पहले की तरह ही 24 सीटें ही रिक्त रखी जाएंगी। आज से यहां पर नया नियम लागू होने के बाद 72 साल पुराना इतिहास भी बदल गया है। अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र में मौजूदा साढ़े तीन लाख सरकारी कर्मचारी नए निजाम में काम करेंगे। बता दें अब यहां पर अनुच्छेद 370 और 35ए खत्म होने के बाद जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा देने वाले प्रावधानों को खत्म कर दिया जाएगा। यही नहीं अब जम्मू-कश्मीर में पुडुचेरी जैसी विधायिका होगी, जबकि लद्दाख बिना विधायिका के चंडीगढ़ जैसा होगा।
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खत्म हो जाएंगे 150 से ज्यादा पुराने कानून
जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त होने के बाद अब यहां पर 150 से ज्यादा पुराने कानून खत्म हो जाएंगे। पुराने कानून खत्म होने के बाद अब यहां पर 100 से ज्यादा नए कानून लागू हो गए हैं। यहां पर नए नियम कानून लागू होने के बाद कानूनों में आधार, मुस्लिम विवाह विच्छेद, सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, मनरेगा, भ्रष्टाचार निवारक, मुस्लिम महिला संरक्षण और शत्रु संपत्ति आद नए कानून शामिल होंगे। यही नहीं अब यहां पर 106 केंद्रीय कानून लागू होंगे। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में संसद की ओर से 106 केंद्रीय कानून पारित होने के बाद तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण कानूनों में शिक्षा का अधिकार कानून शामिल हैं। यही नहीं केंद्रशासित प्रदेश बनने पर जम्मू-कश्मीर के 164 प्रदेश स्तर पर बनाए गए कानून खत्म हो गए हैं, जबकि राज्य विधानसभा से पारित 166 कानूनों को यथावत रखने का निर्णय लिया गया है।
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