केंद्र सरकार ने बुधवार को कोचिंग सस्थानों द्वारा भ्रामक विज्ञापनों को नियंत्रित करने के लिए नए दिशा निर्देश जारी किए हैं जिनमें 100 प्रतिशत चयन या 100 प्रतिशत नौकरी की गारंटी जैसे झूठे दावे पर रोक लगाई गई है। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण द्वारा तैयार अंतिम दिशा निर्देश राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर मिली कई शिकायतों के बाद जारी किए हैं। सीसीपीए ने अब तक 54 नोटिस जारी किए हैं और करीब 54.60 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।
दिशानिर्देशों पर संवाददाताओं से बात करते हुए केंद्रीय उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बुधवार को यहां कहा कि उन्होंने कार्मिक मामलों के मंत्रालय को पत्र लिखकर सिविल सेवा में चयनित होने के बाद कोचिंग सेंटरों या उनके पाठ्यक्रमों का प्रचार करने वाले सेवारत अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है।
खरे ने सेवारत अधिकारियों को कोचिंग सेंटरों के साथ विज्ञापन के लिए वाणिज्यिक सौदे करने के खिलाफ चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “यदि अधिकारी किसी विशेष कोचिंग सेंटर या उसके पाठ्यक्रमों का विज्ञापन करते हैं, तो सिविल सेवकों के आचरण के नियमों के आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।” उन्होंने कहा कि यदि किसी उम्मीदवार ने कोचिंग सेंटर की वास्तविक सुविधाओं का उपयोग किया है और वह प्रशंसापत्र देना चाहता है, तो यह सेवा में शामिल होने से पहले ही किया जा सकता है।
“जब तक वह स्वतंत्र पक्षी है, तब तक यह ठीक है। लेकिन जैसे ही वह किसी सरकारी सेवा में शामिल होता है, सेवा नियम उस पर लागू होते हैं। यदि वे कोई वाणिज्यिक अनुबंध करते हैं, और किसी उत्पाद या सेवा का विज्ञापन करते हैं, तो उन्हें सावधान रहना चाहिए,” उन्होंने कहा और कहा कि मंत्रालय प्रशंसापत्र के मामले में आड़े नहीं आ रहा है। “हम उन्हें सावधान करना चाहते हैं कि उन्हें वाणिज्यिक अनुबंधों पर हस्ताक्षर करते समय सावधान रहना होगा। वाणिज्यिक संपर्कों में शामिल होने वाले सेवारत अधिकारियों के बारे में सेवा नियम बहुत स्पष्ट हैं,” उन्होंने कहा और कहा कि उनके मंत्रालय ने इस बारे में कार्मिक मामलों के विभाग को लिखा है।
कोचिंग संस्थान सफल अभ्यर्थी की लिखित सहमति के बिना उनके नाम और तस्वीर या सस्थान की प्रशंशा में उनकी टिप्पणी का उयपयोग नहीं कर सकते हैं। उन्हें डिस्क्लेमर को प्रमुखता से प्रदर्शित करना चाहिए और पाठ्यक्रमों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देनी चाहिए। खरे ने कहा सिविल सेवा परीक्षा के कई अभ्यर्थी प्रारम्भिक और मुख्य परीक्षाएं खुद अध्ययन करके ही उत्तीर्ण कर लेते हैं और कोचिंग संस्थानों से केवल साक्षात्कार के लिए मार्गदर्शन लेते हैं।