हाल ही में केरल के त्रिशूर में रहने वाले एक शख्स ने मानवता की सारी हदें पार कर दी। एक शख्स अपनी कार चलाने में इतना मशगूल था कि पीछे से आ रही एम्बुलेंस भी उसे अपने कार के सईड के शीशे में दिखाई नहीं दी। इतना ही नहीं एम्बुलेंस का हूटर लगातार बज रहा था, एम्बुलेंस चालक लगातार हॉर्न भी दे रहा था लेकिन कार चालक पर इसका कोई भी फर्क नहीं पड़ा। उसकी इस लापरवाही के चलते एंबुलेंस में लेटे मरीज कि जान भी जा सकती थी। 2 मिनट 9 सेकेंड तक यह सिलसिला चलता रहा तब कहीं जा कर एंबुलेंस चालक ने किसी तरह उस कार को ओवेरटेक किया।
इस मामले में केरल पुलिस ने बहुत ही सराहनीय कदम उठाया। केरल पुलिस ने कार की नंबर प्लेट से चालक की पहचान की। इसके बाद कार मालिक पर एम्बुलेंस का रास्ता रोकने, मोटर वाहन अधिनियम द्वारा सशक्त प्राधिकारी के कार्यों के निर्वहन में बाधा डालने और प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) नहीं रखने का आरोप लगा है। कार चालक का 2.5 लाख का जुर्माना करने के साथ ही उसका लाइसेंस भी रद्द कर दिया। केरल पुलिस की इस कार्यवाही को लेकर सोशल मीडिया पर लोग पुलिस की तारीफ कर रहे हैं। बता दें कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 194ई के अनुसार एम्बुलेंस को रास्ता न देने पर छह महीने तक की कैद या 10 हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
मामला 7 नवंबर को चालकुडी का है। कथित तौर पर कार ड्राइवर ने त्रिशूर मेडिकल कॉलेज जा रही एम्बुलेंस को रास्ता नहीं दिया था। यह एम्बुलेंस पोन्नानी से आ रही थी। स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा एक वीडियो साझा किया गया जिसमें देखा जा सकता है कि एम्बुलेंस दो-लेन वाली संकरी सड़क पर दो मिनट से अधिक समय तक कार के पीछे चलती है, लेकिन कार चालक ने उसे ओवरटेक करने के लिए रास्ता नहीं दिया। इस दौरान एम्बुलेंस चालक के बार-बार हॉर्न बजाने और सायरन बजाने के बावजूद कार चालक आपातकालीन वाहन को गुजरने से रोकता हुआ दिखाई देता है।
आपातकालीन वाहनों को लेकर ये है कानून
धारा 194E मोटर वाहन अधिनियम (संसोधित), 2019 के अनुसार अगर किसी ने भी इमरजेंसी गाड़ियों जैसे कि फायर सर्विस, एंबुलेंस या राज्य सरकार की लिस्टेड इमरजेंसी गाड़ियों का रास्ता रोकने पर 6 महीने या उससे ज्यादा की जेल हो सकती है। इसके अलावा व्यक्ति को उससे अधिक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
2019 में केंद्र सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम में कई संशोधन किए थे। इसी के बाद ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माने की राशि को बढ़ाया गया। पहले एंबुलेंस या फिर किसी इमरजेंसी गाड़ी का रास्ता रोकने पर महज 500 रुपए का चालान कटता था।