केंद्र सरकार ने देश के करोड़ों किसानों कों नए साल के पहले दिन बड़ा तोहफा दिया। सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना को एक साल और 2025-26 के लिए बढ़ा दिया। फसल बीमा योजना का आवंटन बढ़ाकर 59515.7 करोड़ रुपए किया गया है। साथ ही डाई अमोनियम फास्फेट (डीएपी) खाद पर 3850 करोड़ रुपए की अतिरिक्त सब्सिडी दी गई है। इससे 50 किग्रा डीएपी का बैग 1350 रुपए मेन ही मिलता रहेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘योजनाओं को किसानों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है और इसलिए पीएमएफबीवाई और आरडब्ल्यूबीसीआईएस के लिए आवंटन बढ़ाया गया है।’’
पंजाब में चल रहे किसान आंदोलन और सरकार उन्हें क्यों नहीं समझा पा रही है, इस बारे में पूछे जाने पर वैष्णव ने कहा, ‘‘अगर आप हरियाणा चुनाव के दौरान घूमे होते, तो किसानों ने ‘आंदोलन’ बनाम वास्तविक कल्याण बनाम ‘किसानों के लिए अच्छा’ पर बहुत बढ़िया प्रतिक्रिया दी थी, आप खुद देख सकते थे।’’
पीएमएफबीवाई और आरडब्ल्यूबीसीआई के लिए कुल परिव्यय वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26 के लिए 69,515.71 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया गया है। जो 2020-21 से 2024-25 के लिए 66,550 करोड़ रुपये से अधिक है। फसल बीमा योजनाओं के कार्यान्वयन में प्रौद्योगिकी के लक्षित समावेश पर मंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडल ने नवोन्मेषण और प्रौद्योगिकी (एफआईएटी) के लिए 824.77 करोड़ रुपये का एक अलग कोष बनाने को भी मंजूरी दी है।
वैष्णव ने कहा कि यह फसल क्षति के तेजी से आकलन, दावा निपटान और कम विवादों के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग में मदद करेगा। यह आसान नामांकन और अधिक कवरेज के लिए डिजिटल तकनीकों का उपयोग करने में भी मदद करेगा। कृषि मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस कोष का उपयोग योजना के तहत तकनीकी पहल जैसे कि यस-टेक, विंड्स आदि के साथ-साथ अनुसंधान और विकास अध्ययनों के वित्तपोषण के लिए किया जाएगा।