महाराष्ट्र पुणे के बहुचर्चित हिट एंड रन केस के मामले में नाबालिग आरोपी की मां को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तारी पर मृतिका अश्विनी कोष्ठा की मां ममता कोष्ठा का कहना है कि जो गिरफ्तारी हुई है वह सही है। ऐसी मां को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए, क्योंकि अपराध करने के बाद भी ऐसी मां अपने बेटे को बचा रही थी। अपराध करने के बाद बेटे का ब्लड सैंपल बदल रही थी। महिला होने के नाते अश्विनी की मां ममता कोष्ठा ने कहा कि अगर वह अपराधी की मां की जगह होतीं तो ऐसा गुनाह बिल्कुल भी नहीं करतीं क्योंकि वह भी एक मां हैं, लेकिन अब गुनाह किया है तो उसकी सजा भी भुगतनी पड़ेगी।
आरोपी के ब्लड सैंपल बदलने की साजिश में उसकी मां के शामिल होने पर परिजनों ने आश्चर्य व्यक्त किया है। उन्होंने कहा की मां ने अगर अपने बेटे को अच्छे संस्कार दिए होते तो आज ऐसे हालात नहीं बनते क्योंकि नाबालिग बेटे के इस तरह की घटना को अंजाम दिए जाने के बाद पूरे परिवार पर पुलिस का शिकंजा कंसता जा रहा है, इसलिए मैं भगवान का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं कि अब मेरी बेटी तो गई लेकिन इनका बेटा भी कानून से बचना नहीं चाहिए। इसके साथ ही पीड़िता की मां ने न्याय व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए।
सीएम शिंदे ने की अश्विनी के पिता से बात
इसके साथ ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जबलपुर में रहने वाले अश्विनी कोष्टा के पिता से फोन पर बात की। इस हादसे में अपनी जान गंवाने वाली जबलपुर की बेटी और युवा सॉफ्टवेयर इंजीनियर अश्विनी कोष्टा के घर पर अपने OSD को भेज कर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने परिवार जनों से चर्चा की और हादसे पर दुख जताते हुए उन्हें ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने परिजनों को भरोसा दिलाया है कि पूरे मामले की न केवल गहराई से जांच की जाएगी बल्कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने अब तक की जांच के संबंध में अश्विनी कोष्टा के पिता से बात करने के साथ ही यह आश्वासन भी दिया है कि वो खुद पूरे मामले की नियमित रूप से मॉनिटरिंग कर रहे हैं और रोजाना समीक्षा करने के साथ ही अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश भी जारी कर रहे हैं।
क्या था पूरा मामला
19 मई की वो भयावह रात, जब दोस्तों संग पार्टी करने गए पुणे के एक रईसजादे ने दो परिवार की खुशियों को पूरी तरह से उजाड़ दिया था। उसने अपनी महंगी लग्जरी कार से बाइक से जा रहे दो आईटी इंजीनियरों की जांन ले ली। अश्वनी और अनीश नाम के दोनों इंजीनियर बाइक से जा रहे थे। उसी दौरान पोर्शे मे उनको रौंद दिया। हादसा इतना भीषण था कि दोनों हवा में उछलकर जमीन पर जा गिरे और उनकी मौत हो गई।
इन शर्तों पर आरोपी को मिली थी जमानत
दो लोगों की जान लेने की सजा महज 300 शब्दों का निबंध लिखने और ट्रैफिक पुलिस के साथ 15 काम करने मात्र थी। जुबेनाइक कोर्ट ने आरोपी को गिरफ्तारी के कुछ ही घंटे बाद शर्तों के साथ जमानत दे दी थी। जिसके बाद देशभर में आक्रोश उमड़ पड़ा। पुलिस ने सेशन कोर्ट में आरोपी को वयस्कों की तरह सजा देने की मांग की। कई एग्जांपल दिए गए। आखिरकार जुबेनाइल कोर्ट ने अपने फैसले में संशोधन करते हुए लड़के को रिमांड होम भेज दिया है।